नौ साइबर ठगों पर पहली बार गैंगस्टर का केस
Varanasi News - वाराणसी में किआ मोटर्स की एजेंसी दिलाने के नाम पर 72 लाख की ठगी करने वाले 9 साइबर अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह पहली बार है जब साइबर ठगों पर इस कानून के तहत कार्रवाई की...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। ‘किआ मोटर्स की एजेंसी दिलाने के नाम पर 72 लाख की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 9 साइबर अपराधियों पर बुधवार को कैंट थाने में गैंगस्टर का मुकदम दर्ज किया गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि साइबर ठगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
बिहार के नालंदा के रघुबिगहा गांव के हनुमान मंदिर दक्षिण टोला निवासी प्रियरंजन कुमार, सत्येंद्र सुमन उर्फ नेताजी, नालंदा के ही गिरियक थाना क्षेत्र के दशरथपुर निवासी दीपक कुमार, प्रभाकर कुमार उर्फ चीकू, सौरभ कुमार, आलोक कुमार, मानपुर थाना क्षेत्र के सरबहदी निवासी हिमांशु राज, सिलाव थाना क्षेत्र के नियामत नगर निवासी रंजन कुमार, उत्तराखंड के रुद्र प्रयाग जिले के गंधारी निवासी रमेश सिंह पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया है।
गैंगस्टर के तहत दर्ज मुकदमे में प्रियरंजन कुमार सरगना है। जबकि अन्य गिरोह के सदस्य हैं। वाराणसी के साइबर थाने के अलावा सौरभ और आलोक पर पटना के पत्रकार नगर थाने में, प्रियरंजन कुमार एवं रंजन कुमार पर पटना के हवाई अड्डा थाने में भी केस दर्ज है। अब इन शातिरों की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई पुलिस करेगी। गैंगस्टर की कार्यवाई में साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह, कैंट थाना प्रभारी राजकुमार, उप निरीक्षक सतीश कुमार सिंह, संजीव कन्नौजिया, एएसआई श्यामलाल गुप्ता आदि का विशेष योगदान रहा।
प्रदेश में पहली बार गैंगस्टर का दावा
वाराणसी साइबर थाना पुलिस का दावा है कि यह सूबे का पहला केस है, जिसमें साइबर ठगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
गौरीगंज के व्यवसायी से की थी ठगी
भेलूपुर के गौरीगंज निवासी तेजस्वी शुक्ला को किआ मोटर्स की एजेंसी दिलाने के नाम पर झांसे में लेकर 72 लाख रुपये ठगे थे। साइबर पुलिस ने खुलासा करते हुए नौ साइबर ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। सभी ने किआ मोटर्स के नाम की फर्जी वेबसाइट, ईमेल बनाई। इसी से तेजस्वी को झांसे में फंसाया। एजेंसी दिलाने के बाबत फर्जी और कूट रचित दस्तावेज जैसे इनलिस्टमेन्ट लेटर, इंटेंट लेटर आदि भेजे। कंपनी के बैंक खाते में रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी, जीएसटी फीस आदि का हवाला देते हुए पैसा विभिन्न खातों में डलवाया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से 19 मल्टीमीडिया एण्ड्राइड आईओएस मोबाइल फोन, इंटरनेट डोंगल, लैपटाप, 21 डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, फर्जी बैंक खातों आदि के हिसाब किताब की डायरी, 53,360 रुपये नगद बरामद किये गए थे।
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