who do not consider themselves to be descendants of Aurangzeb are welcome, said Mohan Bhagwat in RSS shakha Varanasi औरंगजेब का वंशज न मानने वाले सभी भारतीयों का स्वागत, वाराणसी में RSS की शाखा में मोहन भागवत बोले, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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औरंगजेब का वंशज न मानने वाले सभी भारतीयों का स्वागत, वाराणसी में RSS की शाखा में मोहन भागवत बोले

  • आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत वाराणसी दौरे पर हैं। भागवत ने वाराणसी के मलदहिया स्थित लाजपत नगर पार्क में आरएसएस की शाखा में कहा कि औरंगजेब का वंशज न मानने वाले सभी भारतीयों का स्वागत है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानSun, 6 April 2025 10:59 AM
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औरंगजेब का वंशज न मानने वाले सभी भारतीयों का स्वागत, वाराणसी में RSS की शाखा में मोहन भागवत बोले

आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि औरंगजेब का वंशज न मानने वाले सभी भारतीयों का शाखा में स्वागत है। भारतीयों की पूजा पद्धति भले ही अलग हो लेकिन संस्कृति एक है। रविवार को मलदहिया स्थित लाजपत नगर पार्क में शाखा के स्वयंसेवकों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने ये बातें कहीं। मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी भारत के सभी पंथ, संप्रदाय, जाति के लोगों का संघ की शाखा में स्वागत है। शर्त केवल यही है कि वो सभी लोग भारत माता की जय बोलें और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान प्रकट करें।

इससे पहले शनिवार को बुद्धिजीवियों और वैदिक विद्वानों के संगठन काशी विद्वत परिषद के सदस्यों के साथ एक संक्षिप्त बैठक में मोहन भागवत ने भारत को विश्व गुरु बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के सभी लोगों को इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संकल्प के साथ काम करना चाहिए। भागवत ने अपने वाराणसी दौरे के तीसरे दिन काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिरों में पूजा-अर्चना की।

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शाखाओं को और अधिक सक्रिय बनाने जोर

मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संघ का कार्य बढ़ाने के लिए शाखाओं को और अधिक सक्रिय बनाना होगा। वाराणसी के निवेदिता शिक्षा सदन में काशी क्षेत्र के आरएसएस पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान भागवत ने सलाह दी कि स्वयंसेवकों को संपर्क बढ़ाकर अधिक से अधिक परिवारों तक पहुंचना होगा। भागवत ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष में होने वाले कार्यक्रमों के लिए शाखा स्तर पर योजनाएं बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दशहरा समाज के सभी वर्गों को शामिल कर भव्यता के साथ मनाया जाना चाहिए। संघ प्रमुख ने प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रचारकों के साथ बैठक के दौरान कार्यों की रूपरेखा और कार्ययोजना पर चर्चा की। तीन घंटे चली बैठक के दौरान भागवत ने उनसे संघ कार्य के विस्तार के बारे में बात की।