41 workers faced death for 17 days shocking news came out about Uttarkashi Silkyara tunnel 17 दिन तक 41 मजदूरों का मौत से हुआ था सामना, उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग पर सामने आई चौंकाने वाली खबर, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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17 दिन तक 41 मजदूरों का मौत से हुआ था सामना, उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग पर सामने आई चौंकाने वाली खबर

  • चारधाम सड़क परियोजना के तहत वर्ष 2018 में ब्रह्मखाल के नजदीक यमुनोत्री हाईवे पर 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था। इस सुरंग को वर्ष 2022 तक तैयार होना था, लेकिन इसकी डेड लाइन आगे बढ़ती गई।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, उत्तरकाशी, हिन्दुस्तानSat, 12 April 2025 08:32 AM
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17 दिन तक 41 मजदूरों का मौत से हुआ था सामना, उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग पर सामने आई चौंकाने वाली खबर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग। कुछ याद आया! ये वही सुरंग है, जिसके अंदर 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन से 41 मजदूर फंस गए थे। इन मजदूरों को युद्ध स्तर पर चले प्रयासों के बाद 28 नवंबर 2023 को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।

इन 17 दिनों में यह सुरंग हादसा, देश ही नहीं दुनियाभर के मीडिया में सुखियों में रहा था। अब एक सुखद खबर आई है कि सुरंग आर-पार हो गई है। चुनौतियों के बावजूद न निर्माण एजेंसी ने हार मानी न मजदूरों ने। ब्रेक थ्रू कई मामलों में बड़ी सफलता माना जा रहा है। इस सुरंग से यमुनोत्री धाम की दूरी 28 किमी घट जाएगी।

चारधाम सड़क परियोजना के तहत वर्ष 2018 में ब्रह्मखाल के नजदीक यमुनोत्री हाईवे पर 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था। इस सुरंग को वर्ष 2022 तक तैयार होना था, लेकिन इसकी डेड लाइन आगे बढ़ती गई।

टू-लेन सुरंग के निर्माण का जिम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के पास है। इस साल मार्च में सुरंग का कार्य पूरा होने के साथ ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो जानी थी, लेकिन 12 नवंबर 2023 को सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर अंदर भूस्खलन हादसा होने दो से ढाई महीने बंद रहा।

नए हाईटेक सिस्टम से लैस होगी सुरंग

सुरंग में करीब 150 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रो मैकेनिक कार्य किए जाएंगे। इसमें इटली से मंगवाकर फायर सप्रेशन सिस्टम भी लगाया जाएगा। इस सिस्टम के तहत सुरंग में हजारों की संख्या में नोजल लगे होंगे, जो कि सेंसर के जरिए तापमान बढ़ने और आग का पता लगने पर चालू होकर पानी की फुहारों से आग को बुझाएंगे।

सुरंग के दोनों किनारों पर बनने वाले कंट्रोल रूम से सुरंग में ट्रैफिक सहित कैमरे, सेंसर और फायर सप्रेशन सिस्टम को स्काडा यानी पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधग्रिहण तकनीक से नियंत्रित किए जाने की योजना है।

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