अस्थमा के मरीजों का होगा सटीक इलाज, डॉक्टर इस जांच से बीमारी को पकड़ेंगे; शोध में खुलासा
- ईओसिनोफिल काउंट, सीआरपी और आईएल छह जांच के आधार पर मरीजों का इलाज किया जाता है। सामान्य खांसी, जुकाम, बुखार में भी ये पॉजिटिव हो सकते हैं।

अस्थमा के मरीजों की सही पहचान के बाद कारगर इलाज ईडीएन यानिइओसिनोफिल डिराइव्ड न्यूरोटोक्सिन जांच के बाद हो सकता है। दून मेडिकल कॉलेज के बॉयोकेमेस्ट्री विभाग की पीजी चिकित्सक कोलकाता निवासी डॉ. मनस्विनी चौधरी द्वारा 84 मरीजों पर किए गए शोध में यह तथ्य सामने आए हैं। इसमें अस्थमा मरीजों के सही डाइग्नोस के लिए ईडीएन जांच को सटीक माना है।
उन्होंने 42 ब्रोन्कियल अस्थमा और 42 सामान्य मरीजों पर अध्ययन किया। इस शोध में गाइड पूर्व एचओडी डॉ. जेबी गोगोई, को गाइड डा. सुनीता डी सिंह एवं को गाइड एचओडी टीबी चेस्ट डॉ. अनुराग अग्रवाल रहे। पूरे शोध का सुपरविजन एचओडी डॉ. राजीव सिंह कुशवाह द्वारा किया गया।
सामान्यत ईओसिनोफिल काउंट, सीआरपी और आईएल छह जांच के आधार पर मरीजों का इलाज किया जाता है। सामान्य खांसी, जुकाम, बुखार में भी ये पॉजिटिव हो सकते हैं। रिसर्च में सामने आया कि इन जांचों वाले मरीजों एवं सामान्य मरीजों में भी ईडीएन के मार्कर अप डाउन थे।

इन जांचों की तुलना में ईडीएन ही सटीक एवं कारगर जांच है। इसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य जांच में दिए। ईडीएन विशेष रूप से ईओसिनोफिल द्वारा रिलीज किया जाता है और वायुमार्ग हाइपररेस्पॉन्सिवनेस और सूजन पैदा करते हैं।
सांस के मरीजों में इस जांच को कराने से अस्थमा का बेहतर इलाज की बात कही गई है। वहीं और ज्यादा मरीजों पर भी रिसर्च की सलाह दी है। इस रिसर्च को एचएनबी मेडिकल विवि की ओर से डॉ. एमसी पंत बेस्ट रिसर्च पेपर से नवाजा गया है। उन्हें 21 हजार रुपये, अवार्ड एवं उपाधि मिली है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।