कवि सुमित्रानंदन पंत को किया भावपूर्वक याद
गरुड़ में छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत की जयंती पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। साहित्य प्रेमियों ने पंत की कालजई रचनाओं और उनकी प्रकृति प्रेम को याद किया। कौसानी में पंत वीथिका संग्रहालय स्थापित है,...
गरुड़। छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत को उनकी जंयती पर भावपूर्वक याद किया गया। विवेकानंद विद्या मंदिर गरुड़ में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साहित्य प्रेमियों ने पंत के साहित्यिक योगदान को याद किया और उनकी कालजई रचनाओं की चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि सुमित्रानंदन पंत ने अपनी रचनाओं के माध्यम से कौसानी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उत्तराखंड के इस खूबसूरत स्थल में जन्मे पंत जी की स्मृति में कौसानी में पंत वीथिका नामक संग्रहालय स्थापित किया गया है, जो विश्व भर के साहित्य प्रेमियों के लिए एक दर्शनीय स्थल बन चुका है। इस संग्रहालय में एक पुस्तकालय भी है, जो पंत के साहित्य को संरक्षित करता है।
नंदन सिंह अल्मियां ने आधुनिक युग में सुमित्रानंदन पंत के प्रकृति प्रेम और उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता साहित्यकार दीप माला तिवारी ने कहा कि सुमित्रानंदन पंत का साहित्य और उनकी कविताएं कालजई हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में प्रकृति और मानवीय संवेदनाओं को अद्भुत रूप से पिरोया। छायावाद के प्रतिनिधि कवि के रूप में पंत जी हमेशा अमर रहेंगे। कार्यक्रम में साहित्यकार मोहन जोशी, रतन सिंह किरमोलिया, हेम चंद्र दूबे, गोपाल दत्त भट्ट, चंद्र शेखर, कैलाश जोशी और रमेश ब्रजवासी ने कवि सम्मेलन में हिस्सा लिया और अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालन चंदशेखर बडसीला ने किया।
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