सहकारिता सेवा नियमावली के खिलाफ कार्य बहिष्कार
पैक्स सचिव एवं कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सहकारिता सेवा नियमावली में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिया है। उन्होंने इसे कर्मचारी विरोधी करार दिया है और 5 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा...

पैक्स सचिव एवं कर्मचारी संयुक्त परिषद ने नियमावली में बदलाव को बनाया दबाव निबंधक स्तर पर गठित समिति के समक्ष नई नियमावली का होगा विरोध देहरादून, मुख्य संवाददाता। सहकारिता सेवा नियमावली में बदलाव को लेकर पैक्स सचिव एवं कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दबाव तेज कर दिया है। नियमावली को कर्मचारी विरोधी करार देते हुए पांच मई से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया। विरोध जताते हुए पैक्स सचिवों ने साफ किया कि नियमावली में बदलाव को लेकर गठित समिति के समक्ष जोरदार विरोध दर्ज कराया जाएगा। देहरादून में पैक्स सचिवों ने मियांवाला में दिए गए धरने के दौरान विरोध जताया। पैक्स सचिव एवं कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हर्षमणि नौटियाल ने कहा कि कैबिनेट से जो नियमावली मंजूर कराई गई, तो पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है।
इस नियमावली में कर्मचारियों की सेवाओं को कमजोर किया गया है। उनके भविष्य को अस्थिर करने का कुचक्र रचा गया है। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। नियमावली बनाते समय किसी भी तरह का कोई सुझाव नहीं लिया गया। कहा कि इसके विरोध में पांच मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार होगा। कहा कि एक और पैक्स सचिवों का स्टेट कैडर किया गया है। वहीं दूसरी ओर वेतन भुगतान को लेकर सरकार जिम्मेदारी नहीं ले रही है। कहा कि 2025 तक नियुक्त हुए पैक्स सचिवों पर किसी भी सूरत में नई नियमावली को लागू नहीं होने दिया जाएगा। किसी भी तरह की जोर जबरदस्ती का तीखा विरोध किया जाएगा। विरोध जताने वालों में महेश थपलियाल, प्रकाश जोशी, सुरेंद्र गोस्वामी, अरुण सोलंकी, हिमांशु जैसाली, विपिन सिंह, दिनेश यादव, सुरेश अरोरा, मनोज राणा, सुरेंद्र राणा, नरेंद्र नेगी, ऊषा कठैत, महेश बोरा, सुखलाल सैनी, राहुल पंवार, विपिन भट्ट, बीएन वर्मा, सरदार सिंह नेगी, करन सिंह बिष्ट, शांति नवानी, उमेश जोशी, हुकुम पंवार, शैलेश कुमार आदि मौजूद रहे। प्रमुख मांगे नई नियमावली को 2025 तक कार्यरत सचिवों, कर्मचारियों पर लागू न किया जाए। वेतन भत्तों के भुगतान की जिम्मेदारी नियंत्रक को दी जाए। कैडर फंड की व्यवस्था में राज्य सरकार अंशदान करे। स्थानान्तरण नीति में सुधार किया जाए। वेतन, ग्रेज्युटी, नकदीकरण राज्य सरकार के वेतनमान, मानकों के अनुसार देय हो। सहकारी समितियो की स्वायतता को बरकरार रखा जाए। नियमावली में बदलाव को ये बनी है समिति सहकारी समितियों के कर्मचारियों, सचिवों की सेवाओं को लेकर कैबिनेट से मंजूर की गई नियमावली में बदलाव को लेकर अपर निबंधक ईला उप्रेती की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इस समिति में संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, सीजीएम नाबार्ड के प्रतिनिधि, अध्यक्ष पैक्स कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ ही परिषद से नामित दो प्रतिनिधि भी बतौर सदस्य शामिल होंगे। इस समिति को 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।
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