साहसिक खेल और गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता:धामी
सीएम ने एनडीआरएफ के तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य का किया फ्लैग ऑफ देहरादून, विशेष संवाददाता।

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बुधवार को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में कहा कि साहसिक गतिविधियां और खेल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य में इन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने जवानों को तृतीय पर्वतारोहण अभियान जाने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा निश्चित ही हमारे जवान इस अभियान में सफल होंगे एवं इस ट्रैक पर आने वाले अन्य पर्वतारोहियों को भी मार्गदर्शन देंगे। कहा कि राज्य में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में ऐंगलिंग, साइक्लिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी अनेक साहसिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रतिवर्ष टिहरी वाटर स्पोर्ट्स , नयार महोत्सव जैसी अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं। एनडीआरएफ के जवान आपदा प्रबंधन में अपनी सेवाएं देने के साथ साहसिक गतिविधियों में भाग लेकर अपने कौशल का विस्तार और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। राज्य में आने वाली हर आपदा में एनडीआरएफ के जवान ग्राउंड जीरो पर रहते हैं। इस दौरान मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहेला, सचिव विनोद सुमन भी मौजूद रहे। ------ केदार डोमश चोटी करेंगे फतह डीजी एनडीआरएफ पीयूष आनंद ने बताया कि ट्रैकिंग का यह अभियान उच्च हिमालय क्षेत्रों में रेस्क्यू करने के लिए भी सहायक सिद्ध होगा।कहा जब भी राज्य को एनडीआरएफ की आवश्कता पड़ती है, हम हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा टाइम ऑफ रेस्पॉन्ड को भी कम किया जा रहा है। इस अभियान में 44 सदस्यों का दल देहरादून, उत्तरकाशी, गंगोत्री, चिरबासा, भोजवासा, तपोवन और कीर्ति ग्लेशियर होते हुए लगभग 6,832 मीटर ऊंची 'केदार डोमश' चोटी को फतह करने के लिए जा रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण ट्रैक में दुर्गम पर्वतीय रास्ते और हिमनद हैं। ------ आपदा प्रबंधन की मजबूती को रहे काम मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन की मजबूती के लिए निरंतर कार्य कर रही है। आपदा प्रबंधन को आवश्यक संसाधनों, अत्याधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीक से जोड़ा जा रहा है। जवानों को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की भी स्थापना की जा रही है। एसडीआरएफ और पुणे की इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के बीच समझौता किया गया है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने उत्तराखंड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एंड रेसीलियेंट प्रोजेक्ट योजना को मंजूरी दी है। जिसके अंतर्गत लगभग 1480 करोड़ रुपए की राशि आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के लिए स्वीकृत की गई है।
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