Waste Burning in Dehradun Air Pollution and Health Risks Increasing बोले देहरादून : खुले में जलता कचरा देहरादून की आबोहवा को पहुंचा रहा नुकसान, Dehradun Hindi News - Hindustan
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बोले देहरादून : खुले में जलता कचरा देहरादून की आबोहवा को पहुंचा रहा नुकसान

देहरादून में जगह-जगह कचरा जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। कचरा जलाने से हानिकारक गैसें निकल रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। पर्यावरण प्रेमियों ने चेताया है कि विकास के नाम पर पेड़ों का कटान...

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनFri, 18 April 2025 09:53 PM
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बोले देहरादून : खुले में जलता कचरा देहरादून की आबोहवा को पहुंचा रहा नुकसान

राजधानी देहरादून में इन दिनों जगह-जगह कचरा जल रहा है। कचरा जलाने से हवा में कई हानिकारक गैस और रसायन निकल रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण हो रहा है और तापमान में भी गिरावट आने लगी हैं। देहरादून के पहाड़ी क्षेत्र से सटे होने के बावजूद यहां तापमान साल-दर-साल बढ़ रहा है। कचरा जलने से गैसें और रसायन मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जिससे सांस की समस्याओं, दिल के रोगों और यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके साथ ही कचरे को जलाने से पर्यावरण को भी विशेष नुकसान पहुंचता है। कुमुद नौटियाल की रिपोर्ट...

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के ‘बोले देहरादून अभियान के तहत राजधानी दून के प्रबुद्धजनों और पर्यावरण प्रेमियों से बातचीत की गई। पर्यावरण प्रेमियों ने पर्यावरण को पहुंच रहे नुकसान की बात को प्रमुखता से रखा है। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि हर साल विकास के नाम पर विनाश किया जाता है। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जंगलों के जंगल खत्म करने का काम किया जा रहा है। अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो भावी पीढ़ी को इसके भयानक परिणाम झेलने पड़ेंगे। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि वे इसको लेकर आंदोलनरत रहते हैं और प्रयास करते हैं कि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे। दून में इन दिनों जगह-जगह कूड़ा जलाने की तस्वीरें सामने आती हैं। कूड़ा जलाने से हमारी प्रकृति को कितना नुकसान पहुंच रहा है, इसकी चिंता कम लोगों को ही होती है। खुले में कचरा जलाने से हानिकारक गैसें निकलती हैं। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। साथ ही देहरादून में कचरे के निस्तारण के पर्याप्त साधन न होने की वजह से यहां पर कचरे का निस्तारण सहीं ढंग से नहीं हो पा रहा है। लोगों के घरों से ही गीला और सूखा कचरा अलग नहीं करने से समस्या को और बल मिल रहा है। उन्हें पर्यावरण के प्रति और जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि शहर में कूड़े के निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं है। नगर निगम को भी लोगों को जागरूक करना चाहिए, ताकि लोग कचरा जलाकर अपने स्तर से कचरे का निस्तारण न करें।

किसी भी विकास परियोजना को तीन चरणों से गुजारना चाहिए

यह देखा गया है कि अधिकतर विकास परियोजनाओं में पर्यावरण को नजरअंदाज किया जाता है। इसके कारण बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं और जंगल समाप्त हो रहे हैं, जिसकी भरपाई नहीं हो पा रही है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि किसी भी नए प्रोजेक्ट को पास करने से पहले यह आकलन जरूरी है कि उससे पर्यावरण को कितना नुकसान होगा और उस नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी। सिर्फ आर्थिक विकास को प्राथमिकता देना सही नहीं है। किसी भी प्रोजेक्ट को तीन स्तरों पर जांचा जाना चाहिए—पहला, वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित हो दूसरा, आर्थिक रूप से मजबूत हो और तीसरा, समाज उसे स्वीकार करे। जब इन तीनों मानकों पर परियोजना खरी उतरे तभी उस पर काम शुरू किया जाना जाना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। लेकिन आज तीनों चीजों की अनदेखी कर विकास परियोजनाएं बनाई जा रही है।

मिनी फॉरेस्ट को बढ़ावा दिया जाए

प्रबुद्धजनों का कहना है कि नगर निगम को शहर भर का निरीक्षण करना चाहिए। इसके बाद कुछ जमीनों को चिन्हित कर उस पर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगानी चाहिए। इसके बाद वहां पर पौधरोपण कर मिनी जंगल बनाना चाहिए। जितने प्रर्यावरण प्रेमी होंगे वह यहां पर आकर पौधरोपण करेंगे। इससे पूरे शहर का तापमान भी नियंत्रित होगा और हरियाली भी बनी रहेगी। साथ ही लोगों में पर्यावरण के संरक्षण का संदेश भी जाएगा।

निगम के टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत

सफाई और कूड़ा उठान संबंधी समस्या के लिए नगर-निगम देहरादून के टोल फ्री नंबर 1800 1080 4571 पर शिकायत सुनी जाती है। यदि आपके क्षेत्र में भी कूड़ा उठान और सफाई संबंधी समस्या है तो संबंधित नंबर पर कॉल करके नगर निगम कर्मियों को शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

सुझाव

1. खुले में कचरा जलाने वाले लोगों के खिलाफ चालान काटकर कार्रवाई की जानी चाहिए।

2. सरकार को समय रहते पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए।

3. लोगों को घरों से ही गीला और सूखा कचरा उठाने के लिए जगरूक करना चाहिए।

4. अनावश्यक पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए।

5. ट्रैफिक को देखकर सरकार को नियमों में सख्ती लानी चाहिए।

शिकायतें

1. खुले में कचरा जलाने से वायु प्रदूषित हो रही है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

2. सरकार बिगड़ते हुए जलवायु प्रदूषण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

3. लोग गीला और सूखा कचरा अलग रखने के लिए जगरूक नहीं हैं। इस कारण स्वच्छता अभियान भी प्रभावित हो रहा है।

4. विकास के नाम पर अनावश्यक पेड़ों का कटान किया जा रहा है।

5. राजधानी देहरादून की सड़कों पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा बढ़ रहा है।

खुले में कूड़ा जलने से कैंसर का खतरा : विशेषज्ञ

खुले में कूड़ा जलाना वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ हवा का होना बहुत जरूरी है। खुले में कूड़ा जलाने से कार्बन मोनो ऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें उत्पन्न होती हैं जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इन गैसों के संपर्क में आने से लोग दिल, श्वांस संबंधी रोगों के साथ-साथ कैंसर जैसी घातक बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। -डॉ. कुमार जी कौल, एसोसिएट प्रोफेसर, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल

वर्तमान में तीन बड़ी समस्या आने वाली हैं, बढ़ता ट्रैफिक और पेड़ों का कटान। इनसे जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। बीते साल ही हीट वेव की वजह से कई लोगों ने जान गंवाई हैं। -अनूप नौटियाल

हरियाली समाप्ति की ओर है। इसके लिए शहर में जगह चिन्हित करनी चाहिए। चिन्हित जगह पर पर्यावरण संरक्षण के लिए शहर को लोगों की ओर से पेड़ लगाए जाने चाहिए। -आशीष गर्ग

सरकार पर्यावरण को लेकर नई-नई पॉलिसी तो बनाती है। लेकिन धरातल पर उसे लागू नहीं कर पाती है। सरकार को चाहिए की वो धरातल पर आकर काम करे तब पॉलिसी निकाले। - अमर एस धुंता

दून के पास कचरे के निस्तारण के लिए कोई ठोस प्लान नहीं है। लोग अपने घरों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं करते है। पानी के स्रोत के पास ही बहुत कचरा पड़ा हुआ रहता है। - डॉ. राकेश डंगवाल

हमने पीपल मूवमेंट की शुरूआत की है। हम चौराहों पर पार्कों में पीपल की पौध लगाते हैं। जो पौध लगाएगा वह तीन साल तक उसकी देखभाल करेगा। पीपल का पेड़ हर वक्त ऑक्सीजन देता है। -डॉ. राकेश कपूर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पेड़ों का कटान मानव हत्या से भी बदतर है। पर्यावरण का हनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी विकास के नाम पर पेड़ कट रहे हैं। -संजीव श्रीवास्तव

कूड़े का निस्तारण न होना और ट्रैफिक के कारण बढ़ता प्रदूषण शहर की प्रमुख समस्या है। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। - गगन रोहिला

जिस स्थान पर पेड़ों की संख्या अधिक होता है वहां का तापमान ठंडा रहता है। विकास परियोजनाओं के नाम पर पूरी दुनिया में जंगलों को काटा जा रहा है। इसी कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। -सुशील सैनी

गांधी पार्क से पौधे निकाल कर रायपुर स्टेडियम के पास लगाए गए। लेकिन उनकी किसी ने देखभाल नहीं की। इस कारण सारे पौधे मर गए हैं। -अभिषेक भट्ट

मेरा जन्म यहीं हुआ है पहले यहां पंखे की भी जरूरत नहीं थी। आज बिना एसी के रहना मुश्किल है। दून में विकास के नाम पर हजारों पेड़ काट दिए गए हैं। - जगमोहन मेहंदीरत्ता

यहां जितने भी प्रोजेक्ट बनते हैं उन प्रोजेक्टों में कभी भी किसी ने भी पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया। विकास योजना बनाते समय पर्यावरण का ख्याल रखा जाए। - विक्की

पहले देहरादून में ट्रैफिक नाम मात्र का था। अब हर समय जाम रहता है। छोटी सी दूरी पार करने में घंटों लग जाते हैं। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा नहीं है। - अनूप बडोला

जगह-जगह कचरा जलाया जा रहा है। अक्सर देखा जा रहा है कि सफाई कर्मचारी सड़क से पत्तों को जमा कर उस पर आग लगा देते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। -ऋतु गुसाईं

नगर निगम की ओर से लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने के लिए जागरूक किया जाए। इससे सफाई व्यवस्था और बेहतर होगी। -सौरभ गुसाईं

शहर का तापमान बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते तापमान को लेकर सरकार की ओर से कोई चिंता नहीं की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल जरूरी है। -नितिन बौठियाल

सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों को काटना जरूरी नहीं है। राजधानी में विकास योजनाएं बनाने से पूर्व पर्यावरण के पहलुओं को देखना चाहिए। -रमन्ना कुमार

सुपरवाइजर अपने क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाएंगे

मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना का कहना है कि कूड़ा जलाने पर सख्त प्रतिबंध है, इससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है। देहरादून नगर निगम की ओर से सभी सुपरवाइजरों को निर्देश दिए जाएंगे कि अपने कार्य क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई करें। लोगों को जागरूक भी किया जाएगा कि कूड़ा न जलाएं। किसी भी हाल में कूड़े को जलाने नहीं दिया जाएगा।

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