काठगोदाम और कालाढूंगी का वायु प्रदूषण नैनीताल पहुंचा
नैनीताल में तापमान बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। मंगलवार को पीएम 2.5 की मात्रा 45 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जो सामान्य से अधिक है। वाहनों की संख्या और वर्षा की कमी इसके प्रमुख कारण...

नैनीताल, संवाददाता। नैनीताल में तापमान बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। मंगलवार को पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की मात्रा 45 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जो कि सामान्य प्रदूषण की मात्रा से 10 से 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर अधिक है। शहर में लगातार बढ़ते वाहनों के दबाव और सर्दियों में बारिश की कमी इसकी प्रमुख वजह है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि अप्रैल की शुरुआत में यहां मौसम आमतौर पर ठंडा से हल्का गर्म रहता है। इस दौरान वायु प्रदूषण पीएम 2.5 की मात्रा 20 से 30 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच रहती है। मार्च में भी इतनी ही दर्ज की जाती रही है। यह आंकड़ा पिछले कई वर्षों से 20 से 30 के बीच बरकरार रहा है। मगर इस बार इसमें वृद्धि देखने को मिल रही है। प्रदूषण में वृद्धि की एक बड़ी वजह शीतकाल में कम बारिश रही है। जिस कारण नमी की मात्रा में कमी रही और काठगोदाम व कालाढूंगी का वायु प्रदूषण ऊपर उठकर नैनीताल व इसके समीपवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचने लगा है। इधर नमी में कमी से तापमान भी सामान्य से अधिक जा रहा है। मार्च में सामान्य से करीब 5 डिग्री तापमान अधिक रहा और अप्रैल के शुरुआत में भी तापमान ऊपर जा रहा है। कहा कि नमी में कमी और अधिक तापमान के कारण भी वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है। इस वर्ष के शुरुआत से नैनीताल जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों के वातावरण में बदलाव आया है जो कि आगे भी बना रह सकता है। जिसमें बारिश के बाद ही सुधार आ सकता है। कहा कि वनाग्नि की घटनाओं के बाद इसकी मात्रा में और अधिक बढोतरी देखने को मिल सकती है।
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