चमोली की नंदा देवी राजजात यात्रा में इस बार यह होगा खास, धामी सरकार की यह तैयारी
यात्रा तैयारियां को लेकर कई महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की है। संबंधित अधिकारियों को यात्रा तैयारियों को लेकर आवश्यक निर्माण और मूलभूत कार्यों के प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

उत्तराखंड में नन्दादेवी राजजात को सुव्यवस्थित बनाने के लिए चमोली प्रशासन ने कमर कस ली है। 2026 में प्रस्तावित इस यात्रा के शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाओं को पूरा करने पर विशेषतौर से फोकस किया गया है।
चमोली जिलाधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर नन्दा देवी राजजात की प्रशासनिक तैयारियां पर तेजी से कार्य करने के आदेश दिये हैं। तिवारी ने यात्रा तैयारियां को लेकर कई महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की है।
संबंधित अधिकारियों को यात्रा तैयारियों को लेकर आवश्यक निर्माण और मूलभूत कार्यों के प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि समय रहते ही सभी तैयारियां पूरी कर ली जाए।
नन्दादेवी राजजात के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
नन्दादेवी राजजात विश्व की सबसे लंबी और ऊंचाई तक पहुंचने वाली धर्म और आस्था की यात्रा है,यात्रा में यात्री 275 किलोमीटर की दूरी तय करते है और 17,500 मीटर की ऊँचाई तक पहुंचते हैं
पड़ाव और व्यवस्थाएं
जिलाधिकारी द्वारा यात्रा तैयारी को लेकर आयोजित बैठकों में यात्रा के सभी पड़ावों पर सड़क, बिजली, पानी, शौचालयों और पार्किंग स्थल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उरेडा विभाग को पड़ावों के साथ-साथ यात्रा मार्ग पर भी सोलर लाइट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रस्ताव और तैयारियां
यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित विभिन्न बैठकों में विभागों को 2 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों की सूची 10 अप्रैल तक जमा करने के निर्देश दिए गए थे। जिला पर्यटन अधिकारी बृजेश पांडेय ने बताया कि 10 अप्रैल से पूर्व ही 641 प्रस्ताव जिला प्रशासन को प्राप्त हो चुके हैं।
प्रशासन की तैयारियों पर प्रतिक्रिया
देबाल विकास खंड के निवर्तमान ब्लाक प्रमुख एव प्रशासक दर्शन दानू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जिलाधिकारी संदीप तिवारी की तैयारियों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यात्रा का अधिकांश भाग थराली व देबाल विकास खंडों में होना है, और प्रशासन की तैयारियां उत्साहवर्धक हैं।
सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2026 में होने वाल राजजात यात्रा को उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजजात यात्रा उत्तराखंड की संस्कृत विरासत का जीवंत रूप है। यह यात्रा यहां के लोगो की आस्था और परंपराओं का अनुपम संगम है। सरकार इस यात्रा को भव्य और सुरक्षित रूप में संपन्न करने के लिए संकल्पबद्ध है।
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