डीडीहाट के चिडियाखान गांव में जन्मे बॉस्केटबॉल में विश्व में छाए
प्रसिद्ध बास्केटबॉल खिलाड़ी कैप्टन हरि दत्त कापडी का निधन हो गया। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और बुधवार को अंतिम सांस ली। 1942 में जन्मे कापडी ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय...

अर्जुन अवार्ड से सम्मानित व प्रसिद्ध बॉस्केटबाल खिलाडी कैप्टन हरि दत्त कापडी का निधन हो गया । बीते कुछ समय से वह स्वास्थ समस्याओं से जूझ रहे थे। बुधवार को प्रसिद्ध बॉस्केटबाल खिलाडी कै. हरि दत्त कापडी ने जिला मुख्यालय में भाटकोट स्थित अपने आवास में दिन में 1 बजे अंतिम सांस ली। उनका 5 अगस्त 1942 को मुवानी के पास चिडियाखान गांव में जन्म हुआ था। 14 साल की उम्र में ही सेना की बॉयज कंपनी में वे भर्ती हो गए थे। सेना में भर्ती होने के बाद उनका झुकाव खेलों की तरफ हो गया। फुटबाल व बॉस्केटबाल उनके पसंदीदा खेल रहे। लेकिन बॉस्केटबाल में अधिक रुचि होने के चलते उन्होंने सर्वाधिक समय बॉस्केटबाल को दिया। 1961 में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की बॉस्केटबाल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। वर्ष1969 में पहली बार अंतराष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भाग लिया। वे 1971 में भारतीय बास्केटबॉल टीम के कैप्टन रहे। एक दशक से अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने बास्केटबॉल के क्षेत्र में देश के नाम कई उपलब्धियां दर्ज कराई। असाधारण खेल उपलब्धियों व उनके योगदान को देखते हुए सरकार ने उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था। प्रदेश सरकार ने भी उन्हें कई बार सम्मान से नवाजा। जीवन भर वे यहां के खिलाड़ियों को तरासते रहे। उनके निधन से खेल जगत में शोक की लहर है। यहां जनपद के सभी विभिन्न संगठनों के लोगों, खिलाड़ियों व जनप्रतिनिधियों के साथ ही पूर्व सैनिकों,वरिष्ठ नागरिकों सहित अन्य लोगों ने उनके आवास में पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। वे अपने पीछे तीन पुत्र सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार गुरुवार को रामेश्वर घाट में किया जाएगा।
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