दक्षिणी राज्यों के सामने आ रहा चीन-जापान जैसा संकट, वित्त आयोग के अध्यक्ष पनगढ़िया ने चेताया
पनगढ़िया ने बताया कि सरकार ने मौजूदा आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करने की पूरी आजादी दी है, जबकि पहले के आयोगों को 1971 के बजाय 2011 के जनसंख्या आंकड़ों का उपयोग करने को कहा था।

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि दक्षिणी राज्य घटते प्रजनन दर की वजह से वृद्ध होती आबादी की समस्या से ग्रस्त होने जा रहे हैं। यानी दक्षिण के राज्य पड़ोसी देश चीन और जापान की ही तरह वृद्ध होती आबादी के संकट का सामना कर सकते हैं। पनगढ़िया ने कहा कि इन राज्यों में प्रजनन दर रिप्लेसमेंट लेवेल से नीचे जी चुकी है। इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले समय में यहां दीर्घ अवधि में बूढ़ों की आबादी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
पनगढ़िया फिलहाल 15 से 18 अप्रैल तक आंध्र प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने आंध्र प्रदेश सचिवालय में सत्ताधारी टीडीपी के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से लंबी चर्चा की और राज्य के विकास पर व्यापक मंथन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नायडू ने राज्य के लिए ज्यादा पैसे की मांग करते हुए वित्त आयोग के अधिकारियों के सामने एक प्रजेंटेशन भी दिया।
आबादी घटाने की नीति को फिर से देखने की जरूरत
बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पनगढ़िया ने कहा कि नायडू ने ऐसा तर्क दिया है कि कुल प्रजनन दर को रिप्लेसमेंट लेवल तक लाने के लिए राज्यों को पुरस्कृत करने के पैमाने को फिर से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दक्षिण के राज्य जहां प्रजनन दर काफी नीचे गिर चुकी हैं, वहां भविष्य में दीर्घ अवधि की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश ने समग्र दृष्टिकोण दिखाते हुए जनसंख्या वृद्धि को 12.5 फीसदी से 20 फीसदी करने की सिफारिश की है।
जनसंख्या प्रोत्साहन की होने लगी बात
इसके तहत यह माना गया है कि राज्यों को जनसंख्या में और कमी करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और एक निश्चित बिन्दु से आगे जनसंख्या वृद्धि के लिए प्रोत्साहन योजना पर काम करना चाहिए। बता दें कि चीन के कई राज्य आजकल इसी तरह की जनसंख्या वृद्धि की प्रोत्साहन योजना पर काम कर रहे हैं और युवा दंपत्तियों को दूसरी और तीसरी संतान पैदा करने के लिए कैश बेनिफिट स्कीम के तहत लाभ दे रहे हैं। चीन में इस योजना का प्रभाव सकारात्मक रहा है।