Parking Crisis in Rudraprayag Public Faces Traffic Woes Due to Insufficient Facilities बोले गढ़वाल : रुद्रप्रयाग बस अड्डे में पर्याप्त पार्किंग न होने से सड़क पर लग रहा जाम, Rudraprayag Hindi News - Hindustan
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बोले गढ़वाल : रुद्रप्रयाग बस अड्डे में पर्याप्त पार्किंग न होने से सड़क पर लग रहा जाम

रुद्रप्रयाग में नए बस अड्डे के पास पार्किंग की कमी के कारण आम जनता और व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस अड्डे की पार्किंग क्षमता सीमित है, जिसके कारण सड़क पर वाहन खड़े होने से...

Newswrap हिन्दुस्तान, रुद्रप्रयागSun, 13 April 2025 11:23 PM
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बोले गढ़वाल : रुद्रप्रयाग बस अड्डे में पर्याप्त पार्किंग न होने से सड़क पर लग रहा जाम

रुद्रप्रयाग में लम्बे समय बाद भी वाहनों के लिये पर्याप्त पार्किंग सुविधा नहीं होने से आम जनता परेशान है। नगर में नये बस अड्डे को जब बनाया गया था तो उसका उद्देश्य छोटे बड़े वाहनों के लिये पार्किंग सुविधा देना था, लेकिन नगर से थोड़ी दूरी पर बनाया गया इस बस अड्डे की पार्किंग अब कम पड़ रही है। बस अड्डे पर सीमित संख्या में वाहनों के पार्क होने के बाद इसके दोनों ओर की सड़कों पर वाहन खड़े हो जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम तो लगता ही है, इस कारण पैदल आवाजाही में आम जनता को तो परेशानियां उठानी पड़ती ही हैं। साथ ही बस अड्डे के आसपास मौजूद व्यापारियों को भी इससे दिक्कत होती है। रुद्रप्रयाग से बद्री नौटियाल की रिपोर्ट...

बदरीनाथ-केदानाथ धाम यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ाव रुद्रप्रयाग में पार्किंग सुविधा की किल्लत ने आम जनता को परेशान किया हुआ है। मुख्य बाजार क्षेत्र से थोड़ी दूरी पर वर्षों पूर्व पुनाड़ गदेरे के दोनों किनारों पर पार्किंग सुविधा के लिए नया बस अड्डा बनाया तो गया था लेकिन वो बड़े छोटे वाहनों की पार्किंग के लिये इस हद तक अपर्याप्त है कि उसके भर जाने के बाद सड़कों के किनारे वाहनों के खड़े होने से ट्रैफिक जाम लगना आम बात है। इस बस अड्डे की सुविधा का लाभ तो वैसे सबसे ज्यादा आसपास की लगभग 2000 की आबादी को मिलना था लेकिन मुख्य बाजार क्षेत्र से भी वाहनों के यहां पार्क हो जाने के बाद इसके आसपास की आबादी को भी इसका वैसा लाभ नहीं मिल पा रहा है जैसा उन्हें मिलना चाहिए था। नगर पालिका द्वारा संचालित इस बस अड्डे में वाहनों के पार्किंग क्षमता की बात की जाय तो इसमें 200 छोटे बड़े वाहनों की पार्किंग सुविधा है। बस अड्डे तक पहुंचने के दोनों तरफ की सड़कों की हालत इस कदर खस्ताहाल है कि उनमें पड़े गड्ढों में वाहनों का गुजरना तो मुश्किल है ही बल्कि अड्डे तक पहुंचने के लिए पैदल आवाजाही भी बेहद मुश्किल बनी है। बरसात में बदहाल सड़क पर पड़े गड्ढों में जलभराव के बाद तो स्थितियां और बदतर हो जाती हैं।

मुख्य बाजार क्षेत्र से हटकर होने के कारण इस ओर नगरपालिका के साथ स्थानीय प्रशासन भी ज्यादा ध्यान नहीं देता है जिस कारण लोगों की परेशानियों का समाधान ही नहीं हो पा रहा है। बस अड्डे के बीचोंबीच से बहते पुनाड़ गदेरे में पसरी गदंगी को साफ करने के प्रति भी नगरपालिका की लापरवाही के कारण लोगों को रोज दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। बस अड्डे में 2 सार्वजनिक शौचालय तो हैं लेकिन वाहनों से ढके होने के कारण उसका इस्तेमाल आम लोग कर ही नहीं पाते हैं। अड्डे से सटी पहाड़ी से होते भूस्खलन से भी वाहन संचालक और पास मौजूद बाजार के व्यापारी बहुत परेशान हैं। बरसात में तो किसी भी वक्त दरकती पहाड़ी से गिरते पत्थरों से चोटिल होने की आशंका लोगों को सताती रहती है। कई और समस्याएं भी यहां रहने वालों को परेशान किए हुए हैं। लोगों का कहना है कि इन समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए।

सुझाव

1. सीवरलाइन की व्यवस्था हो जिससे खुले में सीवर न बहे और नालियों की व्यवस्था हो।

2. बस अड्डे के दोनों तरफ की सड़कों की स्थिति को सुधारा जाय जिससे आवाजाही में दक्कितें न हों।

3. बस अड्डे से सटी पहाड़ी से भूस्खलन रोकने के इंतजाम किये जायें जिससे दुर्घटनाओं से बचाव हो।

4. बस अड्डे में वाहनों के पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो जिससे सड़कों पर वाहन खड़े न हों।

5. पुनाड़ गदेरे के साथ बस अड्डे क्षेत्र की नियमित सफाई हो और कूड़ेदान की व्यवस्था हो।

शिकायतें

1. क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से कुछ स्थानों पर खुले में बहता है सीवर, जिस वजह से बदबू से परेशान हैं।

2. बस अड्डे के दोनों तरफ की सड़कों की स्थिति बेहद खस्ताहाल है, जिसपर आवाजाही में परेशानियां होती हैं।

3. बस अड्डे से सटी पहाड़ी से बरसात में होने वाले भूस्खलन से बना है खतरा।

4. बस अड्डे में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं होने से सड़कों पर खड़े वाहनों से लगता है जाम।

5. पुनाड़ गदेरे की सफाई नहीं होने से गदंगी फैली रहती है जबकि बसअड्डा क्षेत्र में भी सफाई का अभाव।

शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर पाते लोग

नए बस अड्डे पर बोलने के लिए तो दो शौचालय मौजूद हैं लेकिन बड़े छोटे वाहनों से ढके होने के कारण उनका पता ही लोगों को नहीं चल पाता जिस कारण कई बार लोग उसका इस्तेमाल भी नहीं कर पाते। शौचालय परिसर में रखे सामानों के ढेर और उस तक पहुंचने वाले रास्ते में वाहनों के खड़े रहने से लोगों को दिक्कतें होती हैं। दूसरी तरफ बस अड्डे को बीचोंबीच बांटता पुनाड़ गदेरा जहां क्षेत्र को पेयजल सुविधा मुहैया कराता है तो दूसरी तरफ स्लाटर हाउस नहीं होने के कारण मीट कारोबारियों द्वारा उसमें फेंकी जाने वाली गदंगी कचरे से उसका पानी तो प्रदूषित हो ही रहा है लेकिन इससे मानव स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा बना हुआ है। गर्मियों के दौरान तो गदेरे में पड़े गदंगी के ढेरों से उठती दुर्गंध से आम जनता के लिये आवाजाही तो मुश्किल होती ही है, साथ ही यहां मौजूद व्यापारियों की दक्कितें भी बढ़ जाती हैं। व्यापारियों और आम जनता का कहना है कि बस अड्डे से सम्बन्धित सभी समस्याओं के समाधान के लिए नगरपालिका समेत स्थानीय प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

पार्किंग की सुविधा न होने से लगता है जाम

पार्किंग सुविधा के मद्देनजर बनाये गए नये बस अड्डे के दोनों किनारों पर बाजार भी मौजूद है जिसमें लगभग 100 दुकानें हैं, लेकिन दोनों ओर की सड़कों पर वाहनों के पार्क होने से व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान तो पुलिस प्रशासन यात्री वाहनों को पार्क करने के लिए भी बस अड्डे पर भेज देता है जिसके बाद तो स्थितियां और बिगड़ जाती हैं। ऐसे में कभी स्थानीय वाहन तो कभी यात्रा वाहनों को यहां पार्क करने की जगह ही नहीं मिलती जिस कारण वो भी अड्डे के पहुंचमार्गों के किनारों पर खड़े हो जाते हैं। व्यापारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों को आने-जाने वाले वाहनों को कई बार बस अड्डे में जगह नहीं मिलने के कारण वो दुकानों के आगे ही अपने वाहनों को पार्क कर चले जाते हैं जिस कारण ट्रैफिक जाम लगता रहता है और सड़क की खराब स्थिति भी उनके लिये दक्कितों का कारण बनी है।

नए बस अड्डे तक पहुंचने वाली सड़क बदहाल

पुनाड़ गदेरे के दोनों छोरों पर बनाये गए नये बस अड्डे तक पहुंचने वाले दोनों तरफ की सड़कों की 8 वर्षों बाद भी हालत इस कदर बुरी है कि उनपर आवाजाही भी आसान नहीं है। 2015 में लोक नर्मिाण विभाग द्वारा क्षतग्रिस्त सड़क की मरम्मत कर नगरपालिका के सुपुर्द तो की थी लेकिन उसके कुछ समय बाद खराब हुई सड़क की फिर सुध नहीं लिये जाने से उसकी स्थिति बेहद खराब हो गई है। बस अड्डे से ही ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले रुद्रप्रयाग-तूना-बौंठा मोटरमार्ग की स्थिति भी बदहाल बनी हुई है। गड्ढेयुक्त ये सड़क ही 12 से अधिक गांवों की आबादी की जीवनरेखा है जिसपर रोज वाहनों में हिचकोले खाकर उन्हें गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है। इस मार्ग के कुछ हिस्से में तो इंटरलाक टाइल्स लगाई गई हैं लेकिन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज तक पहुंचने से पहले के दो स्थानों पर 300 मीटर हस्सिे के इससे छूटे होने से इस स्थान पर सड़क की स्थिति सर्वाधिक खराब है।

पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से व्यापारी परेशान

ऐसा नहीं है कि केवल नए बस अड्डे तक पहुंचने के रास्तों की स्थिति खराब होना ही यहां की समस्या है बल्कि अड्डे से सटी पहाड़ी से होता भूस्खलन ने भी यहां आम जनता के साथ वाहन संचालकों व व्यापारियों को परेशान किया हुआ है। सामान्य दिनों में तो स्थिति किसी तरह फिर भी ठीक रहती है लेकिन बरसात के दिनों में भूस्खलन प्रभावित पहाड़ी से होती पत्थरों की बरसात से लोग अपनी जान बचाने के लिए सबकुछ छोड़कर दौड़ पड़ते हैं। ऐसे में बस अड्डे पर पार्क वाहनों और मौजूद दुकानों को तो भूस्खलन के मलबे से क्षतग्रिस्त होने की आशंका रहती ही है लेकिन वाहनों में मौजूद सवारियों, यहां चहलकदमी करते लोगों और व्यापारियों को भी अपनी जान का भय बना रहता है। लम्बे समय बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने और इसका स्थायी समाधान नहीं निकाले जाने के कारण हमेशा खतरा मंडराता रहता है। पूर्व के वर्षों में कई बार दरकती पहाड़ी से गिरे पत्थरों से कई चोटिल हुए हैं।

बोले जिम्मेदार

लोनिवि रुद्रप्रयाग के ईई इन्द्रजीत बोस का कहना है कि नए बस अड्डे में दोनों तरफ की सड़कें नगर पालिका के अधीन है इसलिये उसकी मरम्मत करना पालिका का काम है। वर्ष 2015 में वर्ल्ड बैंक की मदद से सड़क ठीक कर पालिका को हैंडओवार कर दी गई थी, जबकि रुद्रप्रयाग-तूना-बौंठा मोटर मार्ग के कुछ हस्सिे में टाइल लगा दी गई हैं। शेष भाग के लिए धन की डिमांड की गई है। नगर पालिका रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष संतोष रावत का कहना है कि नए बस अड्डे की प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए नगर पालिका स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। जो समस्या जिला प्रशासन के स्तर की है उसे प्रशासन के संज्ञान में लाया गया है। पालिका स्तर की समस्या का समाधान किया जा रहा है। नियमित सफाई की जा रही है जबकि व्यापारी एवं जनता के हितों का ध्यान दिया जा रहा है।

बोले लोग

नए बस अड्डे में सड़क पर गड्ढे बने हैं जिससे व्यापारी, राहगीर और ग्रामीणों को मुश्किलें हो रही है। कई बार समस्या अफसरों के सम्मुख रखीं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। -राय सिंह बष्टि, अध्यक्ष, व्यापार संघ।

नया बस अड्डा व्यापार के साथ ही सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है किंतु सड़क पर जहां देखो गड्ढे ही गड्ढे बने हैं। ऐसे में लोगों को भी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। -जगदीश नेगी, व्यापारी।

पुनाड़ गदेरे की भी नियमित सफाई नहीं हो पाती है जिससे यहां गंदगी जमा रहती है। यहां के व्यापारियों एवं स्थानीय जनता की विभिन्न समस्याओं का समाधान होना चाहिए। -संजय पाण्डेय, व्यापारी।

बस अड्डे के लिए दोनों तरफ से सड़क जीर्णशीर्ण स्थिति में है। सड़क की स्थिति सुधरने से यहां के व्यापार में भी इजाफा होगा। सड़क पर वाहन खड़े होने से आवाजाहीमें दक्कितें होती है। -सुरेंद्र बिष्ट, व्यापारी।

नए बस अड्डे में सड़क पर गड्ढे बने हैं जिससे व्यापारी, राहगीर और ग्रामीणों को मुश्किलें हो रही है। कई बार समस्या अफसरों के सम्मुख रखीं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। -राय सिंह बष्टि, अध्यक्ष, व्यापार संघ।

नया बस अड्डा व्यापार के साथ ही सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है किंतु सड़क पर जहां देखो गड्ढे ही गड्ढे बने हैं। ऐसे में लोगों को भी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। -जगदीश नेगी, व्यापारी।

पुनाड़ गदेरे की भी नियमित सफाई नहीं हो पाती है जिससे यहां गंदगी जमा रहती है। यहां के व्यापारियों एवं स्थानीय जनता की विभिन्न समस्याओं का समाधान होना चाहिए। -संजय पाण्डेय, व्यापारी।

बस अड्डे के लिए दोनों तरफ से सड़क जीर्णशीर्ण स्थिति में है। सड़क की स्थिति सुधरने से यहां के व्यापार में भी इजाफा होगा। सड़क पर वाहन खड़े होने से आवाजाहीमें दक्कितें होती है। -सुरेंद्र बिष्ट, व्यापारी।

नए बस अड्डे में करीब 2 सौ से अधिक वाहन पार्क रहते हैं, ऐसे में यहां और वाहनों को पार्क की जगह नहीं मिल पाती है। यहां पार्किंग का विस्तार करने की जरूरत है। -प्रकाश सिंह रावत, व्यापारी।

कई यात्री वाहनों को भी इसी क्षेत्र में पार्क के लिए भेज दिया जाता है। तूना-बौंठा मोटर मार्ग की स्थिति जीआईसी तक काफी खराब है। समस्या का समाधान होना चाहिए। -प्रकाश पंवार, व्यापारी।

बस अड्डे में वर्षों से सड़क पर डामर नहीं हुआ है जिससे अधिकांश स्थानों पर गड्डे बने हैं। इसमें जहां दोपहिया वाहन चोटिल हो रहे हैं वहीं बड़े वाहन भी मुश्किलों में आवाजाही कर रहे हैं। -रूपेश सेमवाल, व्यापारी।

बस अड्डे में पार्किंग अधिकांश समय फुल रहती है जिससे वाहन सड़क पर अनियोजित पार्क होते हैं। जिससे अक्सर जाम की स्थिति पैदा होती है। व्यापारियों और लोगों को परेशानी होती है। राजेश भट्ट, व्यापारी।

नए बस अड्डे के ऊपरी क्षेत्र से पत्थर गिरने का भय बना रहता है। बरसात में तो यह समस्या काफी बड़ी हो जाती है। पुनाड़ गदेरे के गंदगी गदेरे में फेंकी जाती है जिससे गर्मियों में बदबू आती है। गणेश बिष्ट, व्यापारी।

यहां कई अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की आवाजाही होती रहती है किंतु सड़क पर जगह जगह गड्डे बने हैं। वर्षों से यहां दोनों तरफ की सड़क पर डामर नहीं हुआ है। -पान सिंह पंवार, व्यापारी।

यात्रा शुरू होने वाली है। सबसे बड़ी समस्या बस अड्डे के दोनों तरफ से सड़क पर गड्ढे हैं। यहां न तो वाहन सही ढंग से संचालित होते हैं और न ही वाहन पार्किंग की समुचित सुविधाएं हैं। -उज्जवल बिष्ट, व्यापारी।

नए बस अड्डे में प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले दोनों सड़कें खराब हैं। नियमित देखरेख न होने से सड़क बद से बदतर होती चली जा रही है। सड़क ठीक करनी चाहिए। -वीरेंद्र कंडारी, व्यापारी।

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