बोले रुद्रपुर: गर्मियों में आए दिन फुंकता है ट्रांसफॉर्मर, क्षमता बढ़े
औद्योगिक क्षेत्र वार्ड-12 में बिजली ट्रांसफॉर्मर की क्षमता कम होने से गर्मियों में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसफॉर्मर अक्सर फुंक जाता है, जिससे रात में नींद में बाधा आती है...
लोगों के घरों में बिजली से चलने वाले उपकरणों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र वार्ड-12 में लगा ट्रांसफॉर्मर पुराना होने के कारण अक्सर फुंक जाता है। इससे लोगों को गर्मियों में खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। ट्रांसफॉर्मर फुंकने से कई बार लोगों की रातों की नींद उड़ जाती है, वहीं उन्हें सुबह पानी भी नसीब नहीं हो पाता है। ऊर्जा निगम के कर्मचारी ट्रांसफॉर्मर को दुरुस्त जरूर करके जाते हैं, लेकिन इसकी आशंका हमेशा बनी रहती है कि वह न जाने फिर से कब फुंक जाए। ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाए जाने के बाद ही लोग चैन की नींद सो पाएंगे। साथ ही अधिकांश घरों के ऊपर से गुजर रहे बिजली के हाईटेंशन तारों की वजह से भी लोग अक्सर भयभीत रहते हैं। लोग गीले कपड़े आदि घरों के बाहर ही सुखा रहे हैं। उन्हें छत पर जाने में भी डर लगता है। औद्योगिक क्षेत्र, वार्ड-12 पहले नगर पालिका व अब नगर निगम का हिस्सा है। यहां की आबादी करीब 3200 है, लेकिन क्षेत्रफल काफी बड़ा है। रेशम बाड़ी, केनाल कॉलोनी, शुक्ला फार्म, दुर्गा कॉलोनी, ढिल्लो फार्म, शैलजा फार्म, शास्त्री नगर आदि क्षेत्र इसी वार्ड का हिस्सा हैं। ऐसे में यहां के लोगों की समस्याएं व चुनौतियां भी काफी हैं। गर्मियों में बिजली की परेशानी से लोगों को आए दिन दो-चार होना पड़ता है। इसका कारण यहां कम क्षमता का ट्रांसफॉर्मर है। लोगों ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर काफी पुराना हो चुका है। अधिक लोड सहन नहीं कर पाता है, जिससे यह आए दिन फुंक जाता है। बिजली गुल होने से लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो जाता है। साथ ही लोगों को पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। कहा कि ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जाए। वार्ड के कई क्षेत्रों में लोग पेयजल के लिए सार्वजनिक हैंडपंपों पर निर्भर हैं, लेकिन ज्यादातर हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। इसमें देरी होने के चलते लोगों को पेयजल के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है। पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के बाद भी नगर निगम की ओर से बारातघर का निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों को शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों के लिए मजबूरी में महंगे होटल व बैंक्वेट हॉल बुक करने पड़ते हैं, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। लोगों की मांग है कि शीघ्र बारातघर का निर्माण किया जाना चाहिए। साथ ही पार्क नहीं होने के कारण बच्चों व बुजुर्गों को खेलने और व्यायाम की जगह उपलब्ध नहीं हो पाती है। वार्ड में करीब 100 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, लेकिन शास्त्री नगर, ढिल्लो फार्म, औद्योगिक क्षेत्र आदि स्थानों पर अब भी अंधेरा रहता है। समूचे वार्ड में लगभग 100 नई स्ट्रीट लाइटों की और जरूरत है। घरों के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तारों से भी लोग चिंतित रहते हैं। पार्षद महेंद्री शर्मा ने बताया कि नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में वार्ड की पांच सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिल गई है।
गर्मियों में बिजली गुल रहने से लोग होते हैं परेशान : गर्मियां शुरू हो गई हैं, इसी के साथ औद्योगिक क्षेत्र में बिजली कटौती भी बढ़ जाती है। लोगों ने बताया कि लोगों के घरों में बिजली से चलने वाले उपकरणों की संख्या बढ़ गई है। गर्मियों में लोग ठंडक पाने के लिए एसी, कूलर आदि का प्रयोग करते हैं। ऐसे उपकरणों को चलाने के लिए अत्यधिक बिजली की आवश्यकता होती है, जबकि तिहारे पर स्थित ट्रांसफॉर्मर की क्षमता काफी कम है। इससे गर्मियों में वह आए दिन फुंक जाता है। कहा कि रात में ट्रांसफॉर्मर के खराब होने पर लोग ठीक से सो तक नहीं पाते हैं। ट्रांसफॉर्मर के खराब होने की शिकायत के बाद ऊर्जा निगम के कर्मचारी उसे ठीक जरूर कर जाते हैं, लेकिन वह फिर कब फुंक जाए कुछ पता नहीं। लोगों की मांग है कि हजारों की आबादी के लिए यह ट्रांसफॉर्मर नाकाफी है, इसलिए इसकी क्षमता बढ़ानी चाहिए। कहा कि क्षमता बढ़ने से लोग गर्मियों में चैन की नींद सो सकेंगे।
करंट लगने के डर से छत पर जाना किया बंद : औद्योगिक क्षेत्र में कई लोगों ने करंट लगने के भय से अपने घरों की छतों पर जाना तक बंद कर दिया है। यहां लोगों के घरों के ऊपर से बिजली के हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं, जिससे हमेशा करंट लगने का खतरा बना रहता है। लोगों ने बताया कि छोटे बच्चे व महिलाएं कभी अंजाने में भी छतों पर न चले जाएं, इसलिए कुछ लोगों ने अपने घरों की छत को जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है। बताया कि यहां 11 हजार वोल्ट के बिजली के तारों का जाल रामबाग श्मशान घाट से फॉरेंसिक लैब तक फैला हुआ है। इसके बीच में वार्ड के 200-250 मकान इन हाईटेंशन तारों की जद में आते हैं। बिजली की तारें कई मकानों के बेहद करीब से भी गुजर रही हैं। इससे किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। खासकर गर्मियों में इन तारों से चिंगारियां निकलती हैं। लोगों की मांग है कि इन हाईटेंशन तारों को कहीं अन्य जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए। साथ ही वार्ड में कई स्थानों पर बिजली के तार काफी पुराने हो गए हैं, जिन्हें बदला जाना है।
बारातघर का कराया जाए निर्माण : औद्योगिक क्षेत्र में बारातघर नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। वार्ड में मध्यम वर्गीय परिवारों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन बारातघर नहीं होने से उन्हें शादी-विवाह व अन्य कार्यक्रमों के लिए होटल व बैंक्वेट हॉल आदि किराए पर लेने पड़ते हैं, जिनका किराया काफी अधिक होने से लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। लोगों ने कहा कि यदि वार्ड में बारातघर का निर्माण करा दिया जाए तो गरीब लोगों को महंगे होटल व बैंक्वेट हॉल का किराया भरने से छुटकारा मिल जाएगा। बताया कि बारातघर के लिए वार्ड में पर्याप्त जगह भी उपलब्ध है। कहा कि ठंडी सड़क पर नगर निगम की करीब 15 एकड़ जमीन है, जिस पर बारातघर का निर्माण कराया जा सकता है। इसके अलावा लोगों की मांग एक चिल्ड्रन पार्क बनाए जाने की भी है। कहा कि पार्क के अभाव में बच्चे और बुजुर्ग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। गलियों व मुख्य सड़कों पर दोपहिया वाहन सवार तेज गति से चलते हैं, जिससे अक्सर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ऐसे में पार्क का निर्माण होने से बच्चों, बुजुर्ग व महिलाओं को खेलने व व्यायाम आदि के लिए सुरक्षित जगह मिल जाएगी।
खराब हैंडपंपों को जल्द किया जाए रिबोर : औद्योगिक क्षेत्र में काफी संख्या में लोग पेयजल के लिए सरकारी हैंडपंपों पर निर्भर हैं, लेकिन यहां ज्यादातर हैंडपंप खराब पड़े हैं। लोगों ने बताया कि वार्ड में 20-25 सरकारी हैंडपंप लगे हैं, जिसमें से वर्तमान में करीब 15 हैंडपंप खराब पड़े हैं। हैंडपंपों के खराब होने से गर्मी में पेयजल के लिए लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। यहां के दुर्गा कॉलोनी, दूधिया नगर, रेशमबाड़ी, शास्त्री नगर आदि में सरकारी हैंडपंप लंबे समय से खराब हैं, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लोगों ने बताया कि भूजल स्तर गिरने से ज्यादातर खराब हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, खराब हैंडपंपों को जल्द रिबोर किया जाएगा। स्थानीय लोगों की मांग है कि खराब हैंडपंपों की मरम्मत करने के साथ ही वार्ड में करीब 20 नए हैंडपंप और लगाए जाने चाहिए, जिससे लोगों को गर्मियों में पेयजल के लिए यहां-वहां न भटकना पड़े। बताया कि वार्ड में नगर निगम के 8 सफाई कर्मचारी नियमित आते हैं और नालियों आदि की सफाई की जाती है। मक्खी-मच्छरों के पनपने से बीमारियां न फैलें, इसलिए समय-समय पर फॉगिंग व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव आदि किया जाता है। कहा कि क्षेत्रफल के हिसाब से वार्ड काफी बड़ा है, इसलिए सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 20-23 की जानी चाहिए।
मोदी मैदान में बनाया जाए स्टेडियम : औद्योगिक क्षेत्र के लोगों की मांग है कि मोदी मैदान में स्टेडियम का निर्माण कराया जाना चाहिए, जिससे स्थानीय बच्चों को खेल के क्षेत्र में अपना हुनर निखारने का मौका मिल सके। कहा कि स्टेडियम के अभाव में बच्चे मोबाइलों तक सीमित रह गए हैं। उनकी शारीरिक गतिविधियां बेहद कम हो गई हैं। पार्षद महेंद्री शर्मा ने बताया कि मोदी मैदान में स्टेडियम का निर्माण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा में शामिल है। इसके लिए क्षेत्रीय विधायक शिव अरोड़ा भी प्रयासरत हैं। बताया कि किच्छा बाईपास रोड पर एफसीआई गोदाम के सामने मोदी मैदान में करीब 80 हजार वर्ग मीटर (लगभग 20 एकड़) भूमि उपलब्ध है। पूर्व में हुए सर्वे में यह भूमि स्टेडियम निर्माण के लिए उपयुक्त पाई गई है। इसे लेकर शीर्ष स्तर पर कई बार बैठक भी हो चुकी हैं। यहां इंडोर व आउटडोर स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित है। जल्द ही यहां खेल मैदान बनकर तैयार होगा।
शिकायतें
1-ट्रांसफॉर्मर की क्षमता कम होने के कारण यह अक्सर फुंक जाता है, जिससे लोगों को गर्मी में काफी परेशानी होती है। लोग ठीक से सो तक नहीं पाते हैं।
2-वार्ड-12 में सैकड़ों मकानों के ऊपर व पास से बिजली की हाईटेंशन तारें गुजर रही हैं, जिससे अक्सर बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है।
3-वार्ड-12 में पर्याप्त जगह होने के बावजूद बारातघर का निर्माण नहीं हो पाया है। साथ ही लोगों को खेलने व व्यायाम करने के लिए पार्क की भी जरूरत है।
4-वार्ड-12 में कई परिवार पेयजल के लिए सार्वजनिक हैंडपंपों पर निर्भर हैं, लेकिन इन्हें अब तक रिबोर नहीं किया गया है। नगर निगम को इस ओर जल्द ध्यान देना चाहिए।
5-मोदी मैदान में स्टेडियम का निर्माण नहीं होने से बच्चे शारीरिक गतिविधियां नहीं कर पाते हैं। यहां पर जल्द स्टेडियम का निर्माण कराना चाहिए।
सुझाव
1-ऊर्जा निगम को औद्योगित क्षेत्र वार्ड 12 में ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ानी चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी न हो और लोग गर्मियों में चैन की नींद सो सकें।
2-वार्ड-12 में मकानों के ऊपर व पास से गुजरने वाली बिजली की हाईटेंशन तारों को शिफ्ट किया जाना चाहिए, जिससे हादसे की आशंका को कम किया जा सके।
3- नगर निगम को वार्ड-12 में बारातघर का निर्माण कराना चाहिए, जिससे लोगों पर अतरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े। पार्क का भी निर्माण कराया जाना चाहिए।
4-गर्मियां शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में पेयजल का संकट बढ़ने लगता है। वार्ड-12 में खराब हैंडपंपों को जल्द रिबोर किया जाना चाहिए, जिससे यहां के लोगों को राहत मिल सके।
5-मोदी मैदान में स्टेडियम का निर्माण जल्द किया जाना चाहिए। पूर्व में यह मैदान स्टेडियम के लिए उपयुक्त भी माना गया है। स्टेडियम बनने से प्रतिभाएं निखर सकेंगी।
साझा किया दर्द
ट्रांसफॉर्मर की मुख्य समस्या है। गर्मियों में यह अक्सर खराब हो जाता है, जिससे लोगों को असुविधा होती है। इस ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए।
-नन्हे
वार्ड में कहीं भी बारातघर नहीं है। बारातघर बनने से लोगों को सुविधा होगी। लोग अपने बच्चों की शादी-विवाह आदि वहीं करा करेंगे। पार्क की भी जरूरत है।
-मौनी
ट्रांसफॉर्मर अक्सर फुंज जाता है। बिजली गायब रहने से लोगों को गर्मी में अत्यधिक परेशानी होती है। ट्रांसफॉर्मर को बदलकर नया लगाया जाना चाहिए।
-सीता
वार्ड में सफाई कर्मी नियमित आते हैं। नालियों की सफाई होती है। कूड़ा उठाने वाला वाहन भी रोजाना आता है। सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
-प्रेमवती
छतों के ऊपर से लटक रहे बिजली के तार मुसीबत बन गए हैं। यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। तारों की वजह से लोगों ने अपने मकानों की छतों में जाना तक छोड़ दिया है।
-रूबी
खराब स्ट्रीट लाइटों को सही करा दिया गया है, लेकिन अब भी कई स्थानों पर अंधेरा रहता है। वहां नई स्ट्रीट लाइटें लगाने की जरूरत है। खराब हैंडपंपों को भी सही किया जाना चाहिए।
-दुर्वेश कुमार
घरों के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों से हादसा होने की हमेशा आशंका रहती है। इन्हें हटाया जाना चाहिए। मोदी मैदान में स्टेडियम का निर्माण कराया जाना चाहिए।
-नारायण लाल
ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बहुत कम है। इसकी क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए। गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ते ही अक्सर यह फुंक जाता है। आजकल बिना बिजली के कोई काम नहीं होता है।
-नीलम
गलियों में स्पीड ब्रेकर लगे हैं। इसके बाद भी दोपहिया वाहन सवार तेज रफ्तार से चलते हैं। छतों के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों को भी अन्यत्र शिफ्ट किया जाना चाहिए।
-संजीव शर्मा
लोगों के सफेद राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। पूर्ति विभाग के ऑफिस में अक्सर सर्वर डाउन रहता है। गरीब लोगों के सफेद राशन कार्ड बनने चाहिए।
-जावित्री
बारातघर की आवश्यकता है। बारातघर के निर्माण से लोगों को होटलों आदि में अतिरिक्त रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे। यहां ज्यादातर मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं।
-दीपक
बच्चों के खेलने के लिए मैदान होना चाहिए। कुछ समय पूर्व मोदी मैदान में स्टेडियम बनाने की चर्चा हो रही थी। वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है।
-भोला प्रसाद
बोले ईई
वार्ड-12 में स्थापित ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने के लिए आवेदन मिलने पर सर्वे कार्य कराया जाएगा, जिसके बाद ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
- राकेश कुमार, ईई, ऊर्जा निगम
बोलीं पार्षद
वार्ड में लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिल पाएं, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वार्ड की 5 सड़कों का निर्माण जल्द शुरू होगा। ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। छतों के ऊपर से गुजर रहे तारों से लोग काफी चिंतित हैं। बिजली के तार कई मकानों के बेहद करीब हैं।
- महेंद्री शर्मा, पार्षद
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।