बोले रुद्रपुर : रुद्रपुर में स्ट्रीट लाइटें खराब, नई लाइटों का इंतजार
नगर निगम में 40 वार्ड हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 500 स्ट्रीट लाइटें बची हैं। नई लाइटों की मांग के बावजूद नगर निगम ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। क्षेत्र में अंधेरे के कारण लूटपाट की घटनाएं बढ़ रही...

नगर निगम में 40 से अधिक वार्ड शामिल हैं, लेकिन वर्तमान में निगम के पास महज 500 स्ट्रीट लाइटें बची हैं। अधिकतर वार्डों से स्ट्रीट लाइटों के खराब होने और कई स्थानों में नई लगाने के लिए लगातार मांग हो रही है, लेकिन नई स्ट्रीट लाइटें कब तक खरीदी जाएंगी, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। लोगों का यह भी कहना है कि नगर निगम के शिकायती नंबर अधिकतर नहीं लगते हैं। इसके अलावा ऐसे कई स्थान हैं, जहां हजारों की आबादी के बावजूद सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं लगाई गई हैं। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अंधेरे स्थानों में लोगों के साथ लूटपाट आदि की घटनाएं भी हो रही हैं। शहर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से खराब पड़ी हैं। कई स्थानों पर रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है। नगर निगम ने पिछले साल शहर में 2 करोड़ से 5200 स्ट्रीट लाइटें लगाई थीं, लेकिन वर्तमान में उसके पास केवल 500 लाइटें ही बची हैं। ऐसे में नई लाइटें बहुत कम स्थानों में लगाई जा रही हैं। बची हुई लाइटों का सामान इस्तेमाल करके खराब लाइटों की भी मरम्मत की जा रही है। निगम में रोजाना लाइट खराब होने की 8-10 शिकायतें आ रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है, लेकिन कई लोगों ने बताया कि खराब लाइटों की सुध नहीं ली जा रही है। इसके अलावा कुछ लोगों ने यह भी कहा कि शिकायत के बाद निगम के कर्मचारी आते हैं, लेकिन एकाध लाइटों की ही मरम्मत कर जाते हैं। कुछ खास वार्डों से लाइटें खराब होने की नियमित शिकायतें आ रही हैं। निगम के विद्युत अनुभाग में खराब लाइटों की मरम्मत के लिए 22 कर्मचारी और 3 गाड़ियां हैं। जिन स्थानों में गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं, वहां सीढ़ियों की मदद से लाइटों की मरम्मत की जाती है। नगर निगम का हिस्सा होने के बावजूद कई स्थानों पर इक्का-दुक्का या फिर रोशनी की कोई सुविधा नहीं है। बगवाड़ा, वार्ड-16 व आसपास के अन्य वार्डों की मुख्य सड़कों तक में अधिकतर जगहों पर स्ट्रीट लाइट नहीं हैं। बाजार, सिडकुल, बागवाड़ा मंडी रोड आदि सड़कों पर लोग अंधेरे में आवागमन करने को मजबूर हैं। इन क्षेत्रों में रहने वालों में सिडकुल स्थित कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या हजारों में है। रात्रि के समय यहां लोगों के साथ लूटपाट, छीनाझपटी की वारदातें हो चुकी हैं। देर शाम इन रास्तों से गुजरते हुए लोगों के मन में भय रहता है।
नगर निगम के पास बची हैं सिर्फ 500 स्ट्रीट लाइटें : नगर निगम को हजारों की संख्या में स्ट्रीट लाइटों की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में उसके पास सिर्फ 500 स्ट्रीट लाइटें ही बची हैं। ऐसे में निगम के कर्मचारी इनके सामान का प्रयोग करके लाइटों को सही कर रहे हैं। साथ ही बेहद कम स्थानों में नई लाइटें लगाई जा रही हैं। अधिकारी इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं कि नई लाइटें कब तक खरीदी जाएंगी। अंदरखाने नई लाइटों को खरीदने के लिए निगम के पास बजट की कमी बताई जा रही है। पिछले साल निगम की ओर से कुल 40 वार्डों में 5200 नई लाइटें लगाई गई थीं। इस बार भी अलग-अलग स्थानों से हजारों की संख्या में नई लाइटों की मांग की जा रही है। इसके अलावा कई स्थानों पर ऊर्जा निगम के बिजली खंभों पर भी लाइटें लगनी हैं। निगम के अधिकारियों ने कहा कि किन स्थानों में स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं, अभी इसे लेकर सर्वे कार्य नहीं किया गया है। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद ही वास्तविक स्ट्रीट लाइटों की आवश्यकता के बारे में जानकारी मिल पाएगी।
हजारों की आबादी अंधेरे में आवाजाही को मजबूर : बगवाड़ा, वार्ड-16 के दक्ष चौराहे से सिडकुल, खेड़ा, बगवाड़ा मंडी आदि को आने वाले रास्तों में कहीं भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इस क्षेत्र में रहने वाले हजारों बाशिंदे अंधरे में आवागमन करने को मजबूर हैं। लोगों ने बताया कि दक्ष चौराहे से बगवाडा मंडी की दूरी करीब 2 किलोमीटर है। इसके बीच में कई सोसाइटी हैं, जहां हजारों की संख्या में लोग रहते हैं, लेकिन इस मुख्य मार्ग में कहीं भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गई है। इसी तरह दक्ष चौराहे से खेड़ा (बाजार क्षेत्र) को आने वाले रास्ते में भी कहीं पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। दक्ष चौराहे से सिडकुल ढाल तक 1.5 किलोमीटर के बीच भी सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है।
प्रतिदिन आ रही 8 से 10 शिकायतें : रुद्रपुर नगर निगम में 40 वार्ड आते हैं। अक्सर वार्डों में लगी स्ट्रीट लाइटें खराब हो जाती हैं। नगर निगम को स्ट्रीट लाइटों से संबंधित 8 से 10 शिकायतें प्रतिदिन मिल रही हैं। निगम के अधिकारियों का दावा है कि ज्यादातर शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता है। हालांकि, निगम कार्यालय पहुंचे कुछ शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कई बार शिकायत के बावजूद स्ट्रीट लाइट सहीं नहीं हो पा रही हैं। घास मंडी आदर्श कॉलोनी, वार्ड-36 के निवासी दीपक सागर ने बताया कि रामकुमार आर्या पार्क के समीप लगी हाईमास्ट लाइट काफी दिनों से खराब पड़ी है, लेकिन अब तक सही नहीं हो पाई है। भूरारानी, वार्ड-32 के पार्षद गौरव गिरी ने बताया कि वार्ड में करीब 500 लाइटें लगी हैं, जिसमें से लगभग 150 खराब पड़ी हैं। कहा कि हंस विहार, पोखराज कॉलोनी आदि जगहों में कई लाइटें लंबे समय से खराब पड़ी हैं। इसी तरह मटकोटा से शांति विहार डिवाइन पार्क और भूरारानी से मटकोटा तक स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। कहा कि दोनों स्थानों में 25-25 लाइटें लगाई जानी चाहिए। वार्ड-1, 27, 31, 32, 35, 36 आदि से प्रतिदिन शिकायतें आ रही हैं।
अंधेरे में होती हैं लूटपाट और छीनाझपटी की घटनाएं : स्ट्रीट लाइट के अभाव में लोगों को अंधेरे में आवागमन करने को मजबूर होना पड़ता है, जिससे उनके साथ कई बार अप्रिय घटनाएं तक हो जाती हैं। बगवाड़ा, वार्ड-16 स्थित रॉयल सोसाइटी के सुनील गुसाईं, अंकुर रावत आदि ने बताया कि यहां की ज्यादातर सोसाइटी में सिडकुल स्थित कंपनियों में कार्यरत कर्मचारी रहते हैं, जिन्हें अलग-अलग शिफ्टों में काम करना पड़ता है। देर रात तक कार्य करने वाले कर्मचारियों को अक्सर अंधेरे में आवागमन करना पड़ता है। कई बार कर्मचारियों के साथ लूटपाट, छीनाझपटी आदि की घटनाएं हो चुकी हैं। कहा कि इसके बावजदू इन क्षेत्रों में पुलिस गश्त बिल्कुल नहीं होती है। इसी तरह बाजार क्षेत्र से आने वाले लोगों को भी अंधेरे की वजह से दिक्कतें होती हैं। लोगों ने बताया कि सड़क पर कई स्थानों पर गड्ढे, अत्यधिक व ऊंचे स्पीड ब्रेकर, सड़क के संकरी होने की वजह से अंधेरे में दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है। बताया कि इस सड़क पर स्थित टेढ़ी पुलिया के पास रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। लोग रात्रि में दुकानों, मकानों, सोसाइटी के बाहर जलने वाली लाइटों के सहारे आवागमन करते हैं।
शिकायत दर्ज करने का नंबर नहीं मिलता : कई लोगों का कहना है कि खराब लाइटों की शिकायत करने के बाद नगर निगम की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है। शिकायत के बाद कर्मचारी आते भी हैं, लेकिन वह अक्सर एकाध लाइटों की ही मरम्मत कर जाते हैं। इसके बाद वह फिर से आने व अन्य खराब लाइटों की मरम्मत करने की बात कहते हैं, लेकिन इसमें महीनों बीत जाता है। नगर निगम के आधिकारियों की मानें तो लगभग सभी शिकायतों का हल किया जा रहा है। जब निगम के पास मात्र 500 लाइटें बची हों, तो उनके दावों की हकीकत समझी जा सकती है। इधर, कई लोगों ने बताया कि नगर निगम में शिकायत दर्ज करने वाला टॉल फ्री नंबर (180-180-4051) कभी मिलता ही नहीं है, जबकि लैंड लाइन नंबर (05944-242400) अक्सर व्यस्त व ऑउट ऑफ कवरेज रहता है। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जल्द सुविधा एप के माध्यम से भी लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शिकायतें
1-वर्तमान में नगर निगम के पास सिर्फ पांच सौ लाइटें ही बची हैं। इन्हीं लाइटों के सामान से पुरानी लाइटों की मरम्मत की जा रही है। नई लाइटें खरीदनी चाहिए।
2-नगर निगम का हिस्सा होने के बाद भी बगवाड़ा सहित कई अन्य वार्डों में स्ट्रीट लाइट के अभाव में हजारों की आबादी अंधेरे में आवाजाही करने को मजबूर हैं।
3-नगर निगम में प्रतिदिन 8 से 10 शिकायतें स्ट्रीट लाइट को लेकर आ रही हैं, लेकिन कई बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
4-रात्रि में रोशनी की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई क्षेत्रों में लोगों के साथ लूटपाट और छीनाझपटी की घटनाएं होती हैं, जिससे लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
5- नगर निगम में शिकायत दर्ज कराने वाले टोल फ्री व लैंडलाइन नबंर अक्सर नहीं लगते हैं, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। ये सुचारू रूप से काम करने चाहिए।
सुझाव
1-नगर निगम को जल्द नई स्ट्रीट लाइटें खरीदनी चाहिए, ताकि जहां लाइटें नहीं हैं या खराब पड़ी हैं, वहां इन्हें लगाया जा सके। इससे लोगों की दिक्कतें दूर होंगी।
2-बगवाड़ा सहित अन्य वार्डों में जहां स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं, वहां नगर निगम को रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे लोगों को अंधेरे में आवाजाही के लिए मजबूर न होना पड़े।
3-नगर निगम को स्ट्रीट लाइट को लेकर लोगों की शिकायत को गंभीरता से लेना चाहिए, जिससे लोगों को बार-बार कार्यालय आकर शिकायत न करनी पड़े।
4-जिन स्थानों पर स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था नहीं है, वहां पुलिस गश्त बढ़ाई जानी चाहिए, जिससे लोग सुरक्षित होकर आवाजाही कर सकें। इस ओर ध्यान दिया जाए।
5-नगर निगम को शिकायत दर्ज करने वाले नंबरों की नियमित जांच करनी चाहिए। इससे लोगों को परेशानी नहीं होगी और कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
साझा किया दर्द
वार्ड 36 में रामकुमार आर्य पार्क के पास हाईमास्ट लाइट काफी समय से खराब है। कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक ठीक नहीं हो पाई है। वार्ड में अन्य जगहों पर भी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं।
- दीपक सागर
वार्ड 36 में रामकुमार आर्य पार्क के समीप लाइट खराब होने से लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। इसे जल्द ठीक कराया जाना चाहिए, जिससे लोगों की मुश्किलें कम हों।
-रंजीत सागर
देर शाम दक्ष चौराहे से बगवाड़ा को आने में अंधेरा रहता है। ऐसे में इस सड़क पर चलने में डर लगता है। बगवाड़ा मंडी तक स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जानी चाहिए।
-अंकुर रावत
सोसाइटी में रहने वालों के सुविधाएं मांगने पर हर बार यही कहा जाता है कि कॉलोनाइजर व्यवस्था करेगा। मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था नगर निगम को करनी चाहिए।
-सुनील गुसाईं
शाम के समय बाजार से दक्ष चौराहे की ओर आने पर कहीं पर भी रोशनी की व्यवस्था नहीं है। पैदल यात्रा करने वालों को काफी दिक्कतें होती हैं। इस सड़क पर लाइटें लगाई जानी चाहिए।
-केएस मेवाड़ी
शहर में सभी स्थानों में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी न हो। अंधेरे में लोगों के साथ लूटपाट की वारदात होने की आशंका रहती है।
-राजू रस्तोगी
शहर में कई स्थानों में रात में घना अंधेरा रहता है। ऐसे में लावारिस कुत्तों, सांप, कीड़े-मकोड़ों के काटने का भय रहता है। सभी जगहों पर स्ट्रीट लाइटें लगानी चाहिए।
- दिलीप सक्सेना
खेड़ा से गंगापुर जाने वाली सड़क में कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं है। अंधेरे की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। नगर निगम को यहां स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था करानी चाहिए
-नितिन
नगर निगम की ओर से तकनीशियन आए थे। ग्रीन व्यू सिटी में पांच-छह लाइटें खराब थीं, लेकिन वह दो लाइटें ही सही कर गए। अन्य लाइटों की मरम्मत के लिए उनके पास सामान ही नहीं था।
-गोपाल सिंह मेहरा
मलिक कॉलोनी में कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। गलियों में अंधेरा होने के कारण लोग घरों से नहीं निकलते हैं। कॉलोनी की लाइटों की जल्द मरम्मत की जानी चाहिए।
-सचिन मुंजाल
खुशी कॉलोनी-2, वार्ड 33 में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। इससे लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। स्ट्रीट लाइटें लग जाएं, तो लोगों को अंधरे में आवागमन नहीं करना पड़ेगा।
-कपिल कालरा
सिंह कॉलोनी में कई स्थानों पर लाइटें नहीं लगी हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर लाइटें भी खराब हैं। सिंह कॉलोनी-2 में बिजली के खंभे लगाए जाने चाहिए।
- रवि कालरा
बोले सोसाइटी अध्यक्ष
यदि लोगों के घरों, दुकानों आदि की लाइटें न जली हों तो पैदल चलने में काफी दिक्कत होती है। यहां की सड़कें भी काफी संकरी हैं। नगर निगम क्षेत्र में होने के बाद भी बगवाड़ा क्षेत्र की सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें न होना भेदभाव है।
-हरीश मिश्रा, अध्यक्ष, कौशल्या वेलफेयर सोसाइटी, वार्ड-16
बोले नगर आयुक्त
नगर निगम की ओर से शहर में 17 हजार स्ट्रीट लाइटों का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए जल्द एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जिसके बाद एक ही जगह से स्ट्रीट लाइटों को कंट्रोल किया जाएगा। करीब 5000 नई लाइटों को खरीदने के लिए टेंडर की तैयारी की जा रही है। बगवाड़ा, वार्ड-16 नगर निगम में कुछ समय पहले शामिल हुआ है, इसलिए वहां पोल की कमी के कारण स्ट्रीट लाइटें नहीं लग पाई हैं, जल्द लगाई जाएंगी।
- नरेश चंद्र दुर्गापाल, नगर आयुक्त, रुद्रपुर
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