42 people died in 12 days difficulty in breathing at high altitude Chardham health guidelines चारधाम पर ऊंचाई में सांस लेने में दिक्कत से 12 दिन में 42 की गई जान, यात्रा पर जाने से पहले यह हेल्थ गाइडलाइन, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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चारधाम पर ऊंचाई में सांस लेने में दिक्कत से 12 दिन में 42 की गई जान, यात्रा पर जाने से पहले यह हेल्थ गाइडलाइन

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के बुलेटिन के अनुसार, कपाट खुलने के बाद अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 19 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में नौ और गंगोत्री में दो की मौत हुई।

Himanshu Kumar Lall देहरादून, हिन्दुस्तान टीम, Thu, 23 May 2024 10:02 AM
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चारधाम पर ऊंचाई में सांस लेने में दिक्कत से 12 दिन में 42 की गई जान, यात्रा पर जाने से पहले यह हेल्थ गाइडलाइन

यमुनोत्री-केदारनाथ समेत चारों धामों में तीर्थ यात्री दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। लेकिन, इसी के बीच एक चिंता करने वाली खबर भी सामने आई है।

10 मई से शुरू चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की मौत भी हो रही है। चारधाम यात्रा में 12 दिनों के दौरान 42 यात्रियों की मौत हो गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से बुधवार को सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से यह डाटा जारी किया गया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के बुलेटिन के अनुसार, कपाट खुलने के बाद अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 19 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। इसके बाद यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में नौ और गंगोत्री में दो श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है।

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि यात्रा के दौरान जान गंवाने वालों में अधिकांश बुजुर्ग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोग थे। हालांकि यात्रा से पूर्व तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। विभाग के अनुसार, करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं की अभी तक स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है।

इसके बावजूद कई तीर्थयात्री बीमारी छिपाकर यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। मालूम हो विभाग चारधाम यात्रियों के लिए एजवाइजरी जारी कर चुका है। इसके तहत यात्रा पर आने से पहले अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने और बीमार होने पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है।

चारधाम यात्रा रूट पर बुजुर्गों का स्क्रीनिंग पंजीकरण जरूरी
तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य (गढ़वाल) डॉ. शिखा जंगपांगी ने अस्पतालों का निरीक्षण किया। बुधवार को केदारनाथ के साथ ही जनपद यात्रा मार्ग के चिकित्सालयों, चिकित्सा राहत केंद्रों और पंजीकरण केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारिकयों को पैदल यात्रा मार्ग पर हर समय पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवा रखते हुए प्रभावी निगरानी के निर्देश दिए। स्वास्थ्य निदेशक ने जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि, पीएचसी गुप्तकाशी, पीएचसी ऊखीमठ सहित पैदल मार्ग की समस्त चिकित्सा इकाइयों, स्क्रीनिंग प्वाइंट का निरीक्षण किया।

उन्होंने चिकित्सा इकाईयों में दवा और उपकरणों की उपलब्धता, स्टॉफ तैनाती आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं का निरीक्षण किया। उन्होंने तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की। विभाग द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर फीडबैक भी लिया।

उन्होंने अगस्त्यमुनि, काकड़ागाड, सोनप्रयाग में दो तथा 5 हैलीपैड पर स्थापित स्क्रीनिंग प्वाइंटों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 50 से अधिक आयु वर्ग के यात्रियों का स्क्रीनिंग पंजीकरण बढ़ाने के निर्देश दिए।

साथ ही विभागीय अधिकारियों को स्क्रीनिंग बढ़ाने के बावत हंस फाउंडेशन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। निदेशक स्वास्थ्य ने पैदल मार्ग की एमआरपी में हर समय पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और जीवन रक्षक दवा की रखने के लिए प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।

चारधाम यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल  
-चारधाम यात्रा के लिए कम से कम सात दिन का टूर बना सकते हैं।
-जरूरी दवाएं, स्वास्थ्य उपकरण और गर्म कपड़े अनिवार्य रूप से अपने साथ रखें।
-चारधाम यात्रा पर निकलने से पहले प्रत्येक दिन 10 मिनट तक सांस से जुड़े व्यायाम करें। 
-कुछ दिनों तक लोग 30 घंटे तक टहलें या सैर पर निकलें।
-चारधाम आने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की मनाही पर इस यात्रा पर आने से बचें। 
-सांस में दिक्कत, बात करने में कठिनाई, लगातार खांसी, उल्टी, चक्कर और त्वचा ठंडी होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
-चारधाम का मौसम संबंधी अपडेट लेते रहें। साथ ही, यात्रा रूट पर बने हेल्थ पोस्ट की जानकारी रखें। 
-शराब, कैफीनयुक्त ड्रिंक्स, नींद की गोलियां, धूम्रपान, शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें।
-चारधाम यात्रा के दौरान कम से कम दो लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार भी लें।

रजिस्ट्रेशन पंजीकरण के बिना यात्रियों को नहीं भेजें राज्य रतूड़ी
चारधाम यात्रा पर आने वाले हर श्रद्धालु के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र जारी करते हुए यात्रा में व्यवस्था बनाने को सहयोग करने को कहा। अपील की है कि सभी राज्य अपने यहां पंजीकरण होने के बाद ही यात्रा शुरू करने का प्रचार प्रसार करें। ताकि श्रद्धालु बिना पंजीकरण के अपने राज्यों से रवाना न हों।

सरकार ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया है। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण भी 31 मई तक बंद है। ऐसे में अब ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ सकते हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी चारधाम यात्रा पर देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम और सुविधाजनक यात्रा को लेकर व्यवस्था बनाने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।

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