पेयजल संकट से निपटने को सख्त ऐक्शन प्लान, नैनीताल जिले में मकान निर्माण 28 जून तक बैन
- ऐसे में भी जिले में भवन निर्माण में रोजाना पानी का उपयोग हो रहा है। इसके लिए जल संस्थान ने नियमानुसार कनेक्शन दिए हैं। अब पानी संकट को देखते हुए जिलाधिकारी ने इन पर रोक लगा दी है।

उत्तराखंड में गर्मी में हो रहे पेयजल संकट को देखते हुए नैनीताल जिले में आगामी 20 जून तक भवन निर्माण पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को जल संस्थान की सभी डिवीजनों को निर्माण के लिए स्वीकृत कनेक्शनों को भी निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।
निर्माण पर रोक लगने से अब हर दिन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले हजारों श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है। गर्मी शुरू होते ही शहर से गांव तक पानी का संकट शुरू हो गया है।
ऐसे में भी जिले में भवन निर्माण में रोजाना पानी का उपयोग हो रहा है। इसके लिए जल संस्थान ने नियमानुसार कनेक्शन दिए हैं। अब पानी संकट को देखते हुए जिलाधिकारी ने इन पर रोक लगा दी है।
शुक्रवार को हल्द्वानी, रामनगर, लालकुआं और नैनीताल के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए। आदेश के अनुसार 15 अप्रैल से 20 जून मानसून शुरू होने तक भवन निर्माण के लिए स्वीकृत कनेक्शन निरस्त कर दिए गए हैं।
किसी भी तरह का नया कनेक्शन भी नहीं दिया जाएगा। इस आदेश से सबसे ज्यादा परेशानी भवन निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को उठानी होगी। जिले में हर रोज करीब दो हजार कुशल और अकुशल श्रमिक भवन निर्माण से खर्च चलाते हैं।
रेता-बजरी सप्लायर राजेंद्र बिष्ट कहते हैं कि सालों से पेयजल का संकट बना हुआ है। हर बार बिना तैयारी के कारोबार को बंद कर दिया जाता है। विभागों की नाकामी से लोग परेशान रहते है। भवन निर्माण ठेकेदार यशपाल का कहना है कि एक बन रहे मकान से एक दर्जन लोगों के परिवार का खर्च चलता है।
अब उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा कर दिया गया है। हार्डवेयर कारोबारी मनीष जोशी बताते हैं कि निर्माण कार्य बंद होने से कारोबार पूरी तरह ठप हो जाएगा। इस पर रोक लगाने की बजाय पेयजल की आपूर्ति को बेहतर किया जाना चाहिए।
भवन निर्माण ठेकेदार हरीश आर्य कहते हैं कि भवन निर्माण के कार्यों से जिले में दो हजार से ज्यादा लोग जुड़े हैं। एकाएक इसे बंद किए जाने से सबके सामने आर्थिक संकट होगा।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
-सप्लाई लाइन से टुल्लू पंप से सीधे पानी खिंचने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा।
-पेयजल का उपयोग सिंचाई और धुलाई संबंधी, वाहनों को धोने में नहीं होगा।
- घरों की छतों पर टंकी से पानी बहता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
- नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम की होगी।
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