भक्तों के लिए प्रेमी और दुष्टों के लिए काल समान हैं भगवान: सर्वानंद
तीर्थपुरोहितों द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य सर्वानंद बृजवासी ने भगवान कृष्ण के प्रेम और ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भक्तों के लिए भगवान प्रेम हैं, जबकि दुष्टों के लिए...
तीर्थपुरोहितों की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत में कथा व्यास आचार्य सर्वानंद बृजवासी ने कहा कि भगवान कृष्ण की तरह आततायियों को कालिया नाग की तरह कुचलाना होगा। भगवान भक्तों के लिए प्रेम तो दुष्टों के लिए काल के समान हैं। प्राचीन बदरी केदार यात्रा पथ स्थित बाबा काली कमली धर्मशाला में भगवान के अनेक प्रसंग सुनाते आचार्य सर्वानंद ने कहा कि भगवान को जानेगे नही तो मानेंगे कैसे। श्रीमदभागवत भगवान के स्वरूप को जानने का मार्ग है। उद्धव व गोपी प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रेम के ढोल के सामने ज्ञान की डुमडुमि धीमी पड़ जाती है। भगवान ज्ञान से अधिक प्रेम से वश में होते हैं। उन्होंने कहा की उत्तराखण्ड मानव नहीं साक्षात भगवान की भूमि है। कथा में मुझे उठे विरह की पीड़, वृंदावन जाऊंगी, पाती पढ़के राधा जी की बरसाने लागे नैन जैसे मधुर भजनों से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। किशोर अवस्था से ही देश के प्रमुख तीर्थो में भागवत व रामकथा कर रहे आचार्य सर्वानंद के संग भजन गायक पवन सिंह व वादक विकास सिंह तोमर, पंकज शर्मा, चेतन शर्मा ने भी खूब समा बांधा। कथा व्यास का योगाचार्य भास्कर जोशी, तीर्थ पुरोहित प्रेमलाल पंचभैया, डॉ श्रीओम शर्मा, विजय जोशी, भगवती भट्ट, अजय तिवारी, मुकेशचंद्र, अवधेश, विजय जोशी, अनुसूया मिश्रा, मिथिलेश, देवेंद्र शास्त्री,अखिलेश, अन्ना पांडे आदि ने अभिनंदन किया।
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