प्रवासन और सामाजिक परिवर्तन पर की गई चर्चा
राष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं ने प्रखरता से अपने विचारों को किया प्रस्तुत प्रवासन और सामाजिक परिवर्तन पर की गई चर्चा

राजकीय महाविद्यालय थत्यूड़ में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रवासन और सामाजिक परिवर्तन पर चर्चा की गई। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में धनोल्टी के विधायक प्रीतम सिंह पंवार व मैती आंदोलन के संस्थापक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत और ग्रामीण विकास और पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डा शरद सिंह नेगी उपस्थित रहे। इस दौरान सम्मेलन में तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. दिनेश कुमार ने प्रवासन के सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर चर्चा की। एसडीएसयूवी कैंपस के प्रो. पीके सिंह ने प्रवासन के प्रभावों को कम करने के लिए सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। डॉ. तनु मित्तल ने प्रवासन के कारणों और परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा, प्रो. रवीव कौशिक ने प्रवासन के संदर्भ में शिक्षा और कौशल विकास की भूमिका पर प्रकाश डाला। डा मनीष कुमार अस्थाना (आईआईटी रुड़की) ने प्रवासन के तकनीकी पहलुओं और इसके प्रभावों पर चर्चा की। डा श्रुति सेन गुप्ता (आईआईटी रुड़की) ने प्रवासन के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. प्रभात कुमार द्विवेदी ने प्रवासन के स्थानीय संदर्भों और इसके प्रभावों पर चर्चा की। डॉ. कल्पना पंत ने प्रवासन के संदर्भ में महिलाओं की भूमिका और उनके अनुभवों पर प्रकाश डाला। सम्मेलन का उद्देश्य प्रवासन और सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना और इसके समाधान के लिए रणनीतियाँ विकसित करना रहा। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.पंकज कुमार पाण्डेय और संगोष्ठी की संयोजक डॉ. गुलनाज फातिमा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के सत्रों में मंच संचालन महाविद्यालय की प्राध्यापिका डा संगीता कैंतुरा द्वारा किया गया।
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