नृसिंहाचल पहाड़ी को पर्यावरणीय समृद्धि देने का प्रयास
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के एनएसएस शिविर में छात्र पौधरोपण कर रहे हैं और परिसर को संवारा जा रहा है। शिविर की थीम 'नृसिंहाचल बनेगा सुगंधाचल और समृद्धांचल' है। 50 छात्र-छात्राएं इस कार्य में शामिल...
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर की एनएसएस इकाई के स्वयं सेवी विशेष शिविर के तहत परिसर को संवार रहे हैं। शिविर पर्यावरण केंद्रित होने के कारण छात्र पौधरोपण कर रहे हैं, साथ ही परिसर को आग से बचाने के लिए आस-पास की झाड़ियों को भी काट रहे हैं। शिविर की थीम नृसिंहाचल बनेगा सुगंधाचल और समृद्धांचल रखी गयी है। श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में के सात दिवसीय एनएसएस शिविर में खेल मैदान में मिट्टी भरान व उसके समतलीकरण का कार्य किया गया। परिसरकी खाली पड़ी जमीन पर फूल व लताएं लगाई गयी। नीम के 10 पौधे लगाये गये। शिविर में 50 छात्र-छात्राएं इस कार्य को कर रहे हैं। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डा सुरेश शर्मा के अनुसार परिसर में ही आयोजित साथ दिवसीय शिविर में पर्यावरण संरक्षण और वन्य जंतुओं से प्रेम की प्रेरणा भी दी जा रही है। सभी को प्रमाणपत्र दिये जाएंगे। परिसर निदेशक प्रो पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बताया कि नृसिंहाचल पर्वत पर पर्यावरणीय दृष्टि से बहुत कार्य किया जाना है। हम पहले ही इस पहाड़ी को पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध करने की प्रतिबद्धता प्रकट कर चुके हैं। परिसर में 500 से अधिक पौधे लगाये जा चुके हैं। इसके बाद परिसर के ऊपर की ओर पौधरोपण किया जाना है। आग की दृष्टि से यह टापू संवेदनशील है। गत वर्ष आग की घटनाओं से परिसर प्रशासन ने सबक लिया है। इस बार आग सीजन से पहले ही आवासीय क्षेत्र के अगल-बगल की झाड़ियों को काटा जा रहा है। परिसर के वातावरण को जीव-जंतुओं के अनुकूल बनाया जा रहा है। परिसर में हरियाली और गौरेया के आवासों के निकट दाना-पानी की व्यवस्था इसी के तहत की जा रही है। शिविर के बाद स्वयंसेवियों को प्रमाणपत्र सहित एक क्रेडिट का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
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