उत्तराखंड में यूसीसी नियमावली में संशोधन, रजिस्ट्रार भी कर सकेंगे शादी-तलाक का रजिस्ट्रेशन
- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब-रजिस्ट्रार और एसडीएम रजिस्ट्रार की भूमिका सौंपी गई है। नगरीय क्षेत्रों में नगर पंचायत और पालिका में सब-रजिस्ट्रार का दायित्व ईओ और रजिस्ट्रार का दायित्व एसडीएम को दिया गया है।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता-यूसीसी नियमावली में संशोधन को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। इसके तहत विभिन्न जिलों में तैनात सब रजिस्ट्रार अब वसीयत के अलावा यूसीसी पोर्टल पर विवाह और तलाक संबंधी पंजीकरण के लिए अधिकृत होंगे।
वकीलों से सहमति के बाद सरकार ने यह फैसला लिया था, जिसे अब मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दी है। यूसीसी की नियमावली के अनुसार पंजीकरण के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग अधिकारियों को रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार का दायित्व सौंपा गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब-रजिस्ट्रार और एसडीएम रजिस्ट्रार की भूमिका सौंपी गई है। नगरीय क्षेत्रों में नगर पंचायत और पालिका में सब-रजिस्ट्रार का दायित्व ईओ और रजिस्ट्रार का दायित्व एसडीएम को दिया गया है।
नगर निगम क्षेत्र में कर निरीक्षक को सब-रजिस्ट्रार और नगर आयुक्त को रजिस्ट्रार का दायित्व सौंपा गया है। स्टांप और पंजीकरण अधिनियम के तहत अब सब-रजिस्ट्रार भी विवाह और तलाक के पंजीकरण के लिए अधिकृत हो जाएंगे।
पेंशन निदेशालय के तहत आएंगे विभागों के लेखाकार
राज्य के सभी विभागों में तैनात लेखाकार और सहायक लेखाकार अब लेखा एवं हकदारी विभाग यानी पेंशन निदेशालय के तहत आएंगे। कैबिनेट ने इसके लिए अधीनस्थ लेखा संवर्ग सेवा संशोधन नियमावली को मंजूरी दे दी है। सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि लेखा संवर्ग के कुशल प्रबंधन के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के पदों को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया गया।
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