SC में सुनवाई से ऐन पहले उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की भी एंट्री, हलफनामा देकर कर दी ये मांग
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई से ठीक पहले उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने भी एंट्री मार दी है। बोर्ड ने एक हलफनामा दायर कर इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने भी एंट्री मार दी है। बोर्ड ने एक हलफनामा दायर कर इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी है। बोर्ड ने कहा कि उसे कोर्ट की सहायता करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
हाल ही में संसद से पास किए गए वक्फ संशोधन कानून का उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने समर्थन किया है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर असदुद्दीन ओवैसी द्वारा इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के एक सूत्र ने कहा कि हाल ही में संसद द्वारा पारित वक्फ अधिनियम का बचाव करने के लिए बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक हलफनामा दायर किया गया है। इसमें एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी गई है।
बोर्ड ने अपने हलफनामे में कहा कि राज्य में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन का दायित्व संभालने वाला उत्तराखंड वक्फ बोर्ड इस मामले में महत्वपूर्ण और आवश्यक पक्ष है। बोर्ड ने कहा कि उसे अदालत की सहायता करने तथा मामले से जुड़े मुद्दों पर उचित कानूनी और तथ्यात्मक दलीलें देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
बोर्ड ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में 5,317 वक्फ संपत्तियां हैं। बोर्ड ने अपने हलफनामे में कहा कि राज्य में वक्फ संपत्तियों में अचानक वृद्धि दान दी गई जमीनों की वास्तविकता पर सवाल उठाती है। कई वक्फ संपत्तियां ऐसी भी हैं, जिन पर तीसरे व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर लिया है।
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