मां यमुना और शनिदेव के जयकारों से गूंजी यमुना घाटी
खुशीमठ के खरसाली गांव में स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने मां यमुना को भावभीनी विदाई दी। अक्षय तृतीया के दिन 8:38 बजे यमुना की डोली यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। इस विदाई समारोह में ग्रामीणों ने...

खुशीमठ (खरसाली गांव) में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ मां यमुना को भावभीनी विदाई दी। विदाई के इस अवसर पर पूरी यमुना घाटी मां यमुना और शनिदेव के जयकारों से गुंजायमान रही। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर बुधवार को सुबह 8:38 बजे विधिवत पूजा-अर्चना के बाद यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली से मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम के लिए रवाना रवाना हुई। यमुना की विदाई के इस मौके पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आये सैकडों श्रद्धालु इन ऐतिहासिक क्षणों के गवाह बने। खरसाली गांव से यमुना के भाई शनि देव की अगुवाई में वाद्य यंत्रो के साथ हुई यमुना की विदाई से जहां गांववासियों की आंखें नम थी, वहीं यमुना को उनके मूल स्थान तक पहुंचाने में भागीदारी निभाने का उत्साह भी ग्रामीणों में भरपूर था। तड़के सुबह से ही गांव के बुजुर्ग, युवा, महिलाएं एवं पुरुष मां यमुना की विदाई की तैयारियों में नहा धोकर जुट गए थे। खुशीमठ में तीर्थ पुरोहितों द्वारा यमुना और शनिदेव की पौराणिक परंपरा अनुसार विधिवत पूजा-अर्चना की गई। पूजा अर्चना के दौरान ग्रामीणों द्वारा मां यमुना को भेंट चढ़ाई गई।
पुरोहितों द्वारा यमुना और शनि देवता की डोली को विशेष रूप से सजाया गया, जिसके बाद यमुना की विदाई की रस्म शुरू हुई। साथ ही स्थानीय वाद्य यंत्रों के थाप पर आराध्य देव शनि महाराज की डोली का नृत्य हुआ। जिसमें गांव सहित क्षेत्र के लोगों ने लोक नृत्य में भागीदारी की तथा जमकर जश्न भी मनाया। सुबह ठीक 8:38 बजे खरसाली यमुना मंदिर से मां यमुना की विदाई हुई। बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं, पुरुषों और युवाओं ने धूप दीप के साथ विदाई दी। एक साथ शनि देव महाराज और यमुना की डोली श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। मां यमुना की डोली को ग्रामीणों ने पैदल कंधों पर उठाकर यमुनोत्री धाम पहुंचाया। यमुना की डोली बड़े हर्षोल्लास और उमंग के साथ पैदल मार्ग में श्रद्धालुओं के बीच होते हुए करीब साढ़े 10 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोचार के साथ 11:55 बजे बजे यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए। जिसके बाद श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन कर पूण्य लाभ अर्जित किया।
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