माफी के बादले महिला ने मांगे 21 हजार रुपये, हल्द्वानी में अश्लीलता से जुड़ा मामला करेगा हैरान
- महिला ने आरोपी चालक पर अश्लीलता करने का आरोप भी लगाया। महिला की शिकायत पर पुलिस चालक को कोतवाली ले आई। इस बीच आरोपी के समर्थन में कई टैक्सी चालक व लोग कोतवाली पहुंचे और महिला से मुकदमा दर्ज नहीं कर समझौता कर लेने का आग्रह करने लगे।

अक्सर आपने देखा होगा कि महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी या उनके साथ अश्लीलता करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाता है। वहीं रविवार को हल्द्वानी कोतवाली में आया मामला जरा हटकर रहा। यहां अल्मोड़ा जिले की महिला टैक्सी चालक ने अभद्र टिप्पणी और अपनामित करने के आरोपी हल्द्वानी के टैक्सी ड्राइवर को कोतवाली पहुंचा दिया।
कोतवाली में जब वह माफी मांगने लगा तो महिला ने अनाथ बच्चों के लिए 21 हजार का चेक काटने की शर्त रख दी अन्यथा घंटों थाने में ही बैठे रहने की बात कही। सात घंटे बाद शाम करीब पांच बजे लिखित माफीनामा देने पर पुलिस ने पांच सौ का चालान कर आरोपी को छोड़ा।
अल्मोड़ा जिले के रानीखेत की निवासी महिला कोरोना काल के समय से टैक्सी चलाती है। पति के बीमार रहने के बाद महिला ने बच्चों की परवरिश का बीड़ा उठाया। वह रानीखेत से हल्द्वानी रूट पर चलती है। रविवार को भी वह हल्द्वानी रोडवेज बस अड्डे के पास सवारियां भर रही थी। आरोप है कि इसी बीच पास में सवारियां भर रहे हल्द्वानी निवासी टैक्सी चालक ने महिला पर अभद्र टिप्पणी कर दी।
इतना ही नहीं महिला ने आरोपी चालक पर अश्लीलता करने का आरोप भी लगाया। महिला की शिकायत पर पुलिस चालक को कोतवाली ले आई। इस बीच आरोपी के समर्थन में कई टैक्सी चालक व लोग कोतवाली पहुंचे और महिला से मुकदमा दर्ज नहीं कर समझौता कर लेने का आग्रह करने लगे।
इस बीच महिला ने कहा कि आरोपी 21 हजार रुपये का चेक अनाथ बच्चों के लिए काटे या फिर पूरे दिन थाने में बैठे रहे। सात घंटे तक महिला ने आरोपी को थाने में बिठाए रखा। कोतवाल राजेश यादव ने बताया कि मामले में महिला ने लिखित शिकायत नहीं दी। चालक ने लिखित माफीनामा दिया है। पुलिस एक्ट में चालान कर उसे छोड़ दिया है।
दीदी, मैं रावण नहीं, महिलाओं का सम्मान करता हूं
कोतवाली में महिला ने कहा कि नवमी के दिन उसे अपमानित किया गया है। महिला ने सीता माता का उदाहरण देकर महिलाओं का सम्मान करने की बात कही तो टैक्सी चालक कहने लगा कि वह भी रावण नहीं है। वह भी महिलाओं का सम्मान करता है। उसे गलत साबित किया जा रहा है। कहा कि उसने महिला को अपमानित नहीं किया है।
मेरे पास तो किस्त भरने को भी पैसे नहीं
महिला के 21 हजार रुपये का चेक अनाथों के लिए देने की शर्त पर आरोपी का कहना था कि उसके पास गाड़ी की किस्त भरने को भी पैसे नहीं हैं। इतनी बड़ी रकम कहां से देगा। काफी देर तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद यहां एक पार्षद पति भी पहुंचे। जिनकी मदद से ही अंत में चालानी प्रक्रिया करके समझौता हुआ।
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