jud sheetal 2025 people eat stale food know importance and significance Jud sheetal 2025: मिथिला में इस दिन लोग करते हैं बासी भोजन, किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
Hindi Newsधर्म न्यूज़jud sheetal 2025 people eat stale food know importance and significance

Jud sheetal 2025: मिथिला में इस दिन लोग करते हैं बासी भोजन, किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है

Jud sheetal 2025: जुड़ शीतल यह एक ऐसा पर्व है, जो मिथिला के घर-घर में आज भी उत्साह के साथ और पूरे परंपरागत तरीके से मनाया जाता है। जुड़ शीतल के दिन मिथिला के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है।tory

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, एजेंसीFri, 11 April 2025 01:38 PM
share Share
Follow Us on
Jud sheetal 2025: मिथिला में इस दिन लोग करते हैं बासी भोजन, किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है

Jud sheetal 2025: जुड़ शीतल यह एक ऐसा पर्व है, जो मिथिला के घर-घर में आज भी उत्साह के साथ और पूरे परंपरागत तरीके से मनाया जाता है। जुड़ शीतल के दिन मिथिला के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। उस दिन लोग बासी भोजन करते हैं। मिथिला का परंपरागत त्योहार जुड़ शीतल 15 अप्रैल को मनाया जायेगा। जुड़ शीतल पर पूरा समाज जल की पूजा करता है और शीतला देवी से शीतलता की कामना करता है। जुड़ शब्द जुड़ाव से बना है। साथ ही इसका अर्थ फलने-फूलने से भी है। यह पर्व नई फसल यानी रबी की फसलों गेहूं, चना आदि की कटाई से भी जुड़ा हुआ भी है। इस सीजन में आम के फल बड़े होने लगते हैं, जिसका भी इस पर्व में महत्व है।

प्रकृति से गहरे रूप में जुड़ा जुड़ शीतल पर्व मिथिला की संस्कृति का प्रतीक है। इस पर्व के कई रूप और पक्ष हैं। इसके बहाने पर्यावरण से लेकर जल संरक्षण तक की पहल की जाती है। पेड़-पौधों की सेवा से लेकर जलस्रोतों तक की सफाई होती है। पूरे मिथिला में एक दिन चूल्हा बंद कर वातावरण के ताप को कम करने की कोशिश होती है।

मान्यता है कि जुड़ शीतल त्योहार को लेकर घर की महिलाएं एक दिन पूर्व संध्या या रात्रि में यानि सतुआन पर्व के दिन बड़ी-भात, सहिजन की सब्जी, आम की चटनी बनाती है। इसके बाद जुड़ शीतल के दिन स्नान करके अपने कुल देवता को बासी बड़ी, चावल, दही, आम की चटनी अर्पण करते है और बाद इनसे चूल्हे का पूजन किया जाता है। साथ ही सारे दुखों से छूटकारा एवं परिवार में शीतलता बनाए रखने की ईश्वर से प्रार्थना करती है। इसके बाद सभी परिवार के सदस्य मिलकर प्रसाद पाते है।जुड़ शीतल यानी आपका जीवन शीतलता से भरा रहे। आज भी मिथिलांचल में इस परंपरा को घर-घर निभाया जाता है। इस दिन देवी-देवता की पूजा करने के बाद ब्राह्मण भोज कराया जाता है। इस दिन अनाज, फल एवं सब्जी दान देने की भी परंपरा है।

ये भी पढ़ें:राहु कुंभ राशि में होंगे वक्री, इन राशियों को होगा लाभ
जानें धर्म न्यूज़ , Rashifal, Panchang , Numerology से जुडी खबरें हिंदी में हिंदुस्तान पर| हिंदू कैलेंडर से जानें शुभ तिथियां और बनाएं हर दिन को खास!