Vat Savitri Muhurat: वट सावित्री व्रत पर 11:51 बजे से शुरू अभिजित मुहूर्त, जानें पूजा के चौघड़िया मुहूर्त
Vat Savitri Muhurat: वट सावित्री सोमवार को होने की वजह से ज्येष्ठ अमावस्या पर सौभाग्यदायक सोमवती अमावस्या का भी संयोग बन रहा है। चन्द्रमा के वृषभ राशि में संचार करने के कारण अद्भुत संयोग की वजह से यह व्रत उत्तम फलदायी भी है।
Vat Savitri Muhurat: सनातन धर्म में बरगद (वट) के पेड़ को काफी पूजनीय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बरगद के पेड़ की आयु काफी अधिक होती है, इसलिए सुहागिनों के द्वारा बरगद के पेड़ के सदृश अपने पति के उम्र के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती है। वट सावित्री सोमवार को होने की वजह से ज्येष्ठ अमावस्या पर सौभाग्यदायक सोमवती अमावस्या का भी संयोग बन रहा है। ऐसे में पति की लंबी उम्र की कामना से जो सुहागन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखेगी, उनकों यमराज के साथ-साथ शिवजी की कृपा भी प्राप्त होगी। चन्द्रमा के वृषभ राशि में संचार करने के कारण अद्भुत संयोग की वजह से यह व्रत उत्तम फलदायी भी है। वट वृक्ष की पूजा तथा कलावा बांधकर परिक्रमा करने से पति के जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर होती हैं और लंबी उम्र की प्राप्ति होती है।
वट सावित्री व्रत पर 11:51 बजे से शुरू अभिजित मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 ए एम से 04:44 ए एम
- अभिजित मुहूर्त: 11:51 ए एम से 12:46 पी एम
- विजय मुहूर्त: 02:36 पी एम से 03:31 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त: 19:10 पी एम से 19:31 पी एम
पंचांग अनुसार, अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे से शुरू हो रही है, जिसका समापन अगले दिन 27 मई को सुबह 08:31 बजे तक होगा। वहीं, पूजन के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11:51 मिनट से 12:46 मिनट तक रहेगा।
जानें पूजा के चौघड़िया मुहूर्त
- अमृत - सर्वोत्तम 05:25 से 07:09
- शुभ - उत्तम 08:52 से 10:35
- चर - सामान्य 14:02 से 15:45
- लाभ - उन्नति 15:45 से 17:28
- अमृत - सर्वोत्तम 17:28 से 19:11
- चर - सामान्य 19:11 से 20:28
- लाभ - उन्नति 23:01 से 00:18, मई 27
- शुभ - उत्तम 01:35 से 02:52, मई 27
- अमृत - सर्वोत्तम 02:52 से 04:08, मई 27
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।