6 lane expressway will connect Bihar to UP Bengal and Jharkhand Kashi to Kolkata in 7 hours cost of 35228 crores बिहार को यूपी, बंगाल और झारखंड से जोड़ेगा 6 लेन एक्सप्रेस वे; 7 घंटे में काशी टू कोलकाता, 35228 करोड़ की लागत, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिहार को यूपी, बंगाल और झारखंड से जोड़ेगा 6 लेन एक्सप्रेस वे; 7 घंटे में काशी टू कोलकाता, 35228 करोड़ की लागत

6 लेन एक्सप्रेस-वे के बनने से वाराणसी से कोलकाता की दूरी 14 घंटे के बजाय 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी। साथ ही यूपी, झारखंड व पश्चिम बंगाल के बीच बिहार से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। 18 शहरों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 35 हजार 228 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSat, 3 May 2025 06:42 AM
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बिहार को यूपी, बंगाल और झारखंड से जोड़ेगा 6 लेन एक्सप्रेस वे; 7 घंटे में काशी टू कोलकाता, 35228 करोड़ की लागत

बिहार से होकर गुजरने वाले पहले छह लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण वाराणसी से झारखंड की सीमा तक ही होगा। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से इस एक्सप्रेस-वे में दिलचस्पी नहीं लिए जाने के केंद्र सरकार ने फिलहाल वाराणसी से बिहार होते हुए झारखंड की सीमा तक ही इसे बनाने का निर्णय लिया है। हालांकि कोलकाता तक इसका निर्माण नहीं होने के कारण इस एक्सप्रेस-वे की उपयोगिता कम हो जाएगी। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार बिहार को उत्तरप्रदेश, झारखंड व बंगाल से जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे 61वें एनएच के रूप में अधिसूचित है। उत्तरप्रदेश के वाराणसी में रेवासा गांव के निकट एनएच 19 से यह सड़क शुरू होकर चंदौली होते हुए बिहार के चांद में प्रवेश करेगी।

इस एक्सप्रेस-वे के बनने से वाराणसी से कोलकाता की दूरी 14 घंटे के बदले मात्र सात घंटे में पूरी की जा सकेगी। साथ ही यूपी, झारखंड व पश्चिम बंगाल के बीच बिहार से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। विशेषकर हल्दिया बंदरगाह तक मालों की आवाजाही आसान होगी। 18 शहरों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 35 हजार 228 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इस एक्सप्रेस-वे की उपयोगिता को देखते हुए ही केंद्र सरकार लगातार संबंधित राज्यों के साथ विमर्श कर रही है। यूपी, बिहार व झारखंड में तो इस एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू हो गया, लेकिन बंगाल सरकार इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही है। पत्र दिए जाने के बावजूद यथोचित कार्रवाई नहीं की जा रही है। फिलहाल इस एक्सप्रेस-वे का काम यूपी, बिहार और झारखंड में चालू रखा जाए। जब बंगाल सरकार सकारात्मक पहल करेगी तभी वहां काम शुरू होगा।

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हालांकि अधिकारी यह मान रहे हैं कि हल्दिया बंदरगाह तक मालों की आवाजाही के लिए बनाए जा रहे इस एक्सप्रेस-वे का काम बंगाल में नहीं होने से इसकी उपयोगिता कम हो जाएगी। बिहार में यह एक्सप्रेस-वे सात पैकेज में बन रहा है। दो व तीन का टेंडर हो चुका है लेकिन आम लोगों द्वारा जमीन अधिग्रहण की राशि अधिक मांगे जाने के कारण निर्माण बाधित है। पैकेज चार में टनल का निर्माण होना है। लेकिन वन विभाग ने टनल बनाने के लिए ब्लास्ट करने की अनुमति नहीं दी और टीएनबी से टनल बनाने का सुझाव दे दिया। लेकिन टीएनबी से टनल बनाने में दो-तीन गुना अधिक खर्च होगा। अधिक राशि खर्च होने को लेकर एनएचएआई ने आपत्ति जतायी है।

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इस परिस्थिति में सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने डिजाइन में संशोधन कर नए सिरे से एलाइनमेंट बनाने को कहा है। एलाइनमेंट बदले जाने पर इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 40-50 किमी और बढ़ जाएगी। एलाइनमेंट में बदलाव के बाद पैकेज पांच में सोन नदी पर बनने वाले पुल का भी स्थान बदल जाएगा। पुरानी डिजाइन में तिलौथू के समीप पुल बनना था।