अनुसंधान में चुनौतियों को स्वीकार कर शोध करने की जरूरत
चार सौ से अधिक शिक्षकों और शोधार्थियों ने सेमिनार में लिया हिस्सा, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के श्री त्रिदंडी देव राजकीय डिग्री कॉलेज गौतम नगर शाहपुर और आई जोरा

चार सौ से अधिक शिक्षकों और शोधार्थियों ने सेमिनार में लिया हिस्सा आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के श्री त्रिदंडी देव राजकीय डिग्री कॉलेज गौतम नगर शाहपुर और आई जोरा रिसर्च एसोसिएशन झारखंड की ओर से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। बहुविषयक अनुसंधान के विभिन्न आयाम, चुनौतियां व अवसर विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि वीकेएसयू के कुलसचिव प्रो रणविजय कुमार, पीजी मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो लतिका वर्मा, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो अवध बिहारी सिंह, सीनेटर संतोष तिवारी, नेपाल के वेस्टर्न विवि के प्रो मदन सिंह देवोपा, सलाहकार डॉ. लक्ष्मण तिवारी, प्रो डीएन पंडित, नौहट्टा कॉलेज के प्राचार्य प्रो संजय त्रिपाठी, श्री त्रिदंडी देव राजकीय डिग्री कॉलेज गौतम नगर शाहपुर के प्राचार्य प्रो गुलाब फलाहारी ने संयुक्त रूप से किया। संचालन एमएम महिला कॉलेज की डॉ रजनी नरसरिया और कल्पना कुमारी ने किया। प्रो गुलाब फलाहारी ने कहा कि सेमिनार का उद्देश्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों, नीति निर्धारकों और छात्रों को एक मंच पर लाना है। कुलसचिव ने कहा कि इस तरह का सेमिनार शैक्षिक अनुसंधान की भूमिका पर जोर देता है। प्रो लतिका वर्मा ने शोध में डाटा की आवश्यकता अधिक होती है। प्रो अवध बिहारी सिंह ने कहा कि हमें अपनी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और संपदा पर शोध करना चाहिए। शोध में अनुसंधान जरूरी है। सीनेटर संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि महाविद्यालय की स्थापना के दो वर्ष की समय अवधि में ऐसे आयोजन से कॉलेज की ख्याति बढ़ रही है। उन्होंने कॉलेज की समस्याओं के प्रति विवि प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। मौके पर डॉ गौरी शंकर प्रधान, डॉ नवीन चंद्र शर्मा, डॉ प्रियंका पाठक, डॉ अरविंद कुमार, डॉ अरुण कुमार, डॉ अशोक तिवारी, डॉ राधिका, डॉ रूपेश, डॉ राजीव कुमार, अजय कुमार तिवारी सहित कई शिक्षक, शोधार्थी मौजूद रहे। सेमिनार में कई विवि के शोधार्थियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया और शोध पत्र प्रस्तुत किया। छात्रा अंकिता राज, प्राची, प्रिया, दीप्ति, काजल, आजाद, श्रेयांस ने कुलगीत और स्वागत गीत प्रस्तुत किया। बहुविषयक अनुसंधान के विभिन्न आयाम, चुनौतियों और इसके अवसरों पर चर्चा सेमिनार में विभिन्न विषय विशेषज्ञ एवं रिसर्च स्कॉलर ने बहुविषयक अनुसंधान के विभिन्न आयाम, चुनौतियों और इसके अवसरों पर व्यापक चर्चा की। वेस्टर्न यूनिवर्सिटी नेपाल से आए डॉ मदन सिंह देऊपा ने कहां के आने वाला समय मल्टी डिसीप्लिनरी एप्रोच का होगा। भारत की नई शिक्षा नीति में इसे और भी व्यापकता मिलेगी। साथ ही वैश्विक ज्ञान पटल पर भारत अपनी अमिट पहचान बनाएगा। तिलका मांझी भागलपुर विवि के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार जायसवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए जिस तरह से पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं, वह आने वाले समय के वैश्विक पटल पर ज्ञान परंपरा में भारत की अपनी साख होगी। तिलकामांझी भागलपुर विवि के डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट के फैकल्टी मेंबर डॉ पंकज कुमार ने मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच को वैश्विक जरूरत बतायी। तिलकामांझी भागलपुर विवि के मैनेजमेंट फैकेल्टी मेंबर डॉ मणिकांता ने कहा कि मल्टी डिसीप्लिनरी अप्रोच आज वैश्विक जरूरत है। वीकेएसयू के प्रोफेसर नीरज वर्मा ने वैश्विक उन्नति के लिए बहु विषयक शोध पर जोर देते कहा कि शोध के स्वरूप में भी विविधता होनी चाहिए। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डी के सिंह प्रगति के शाश्वत सिद्धांतों पर चर्चा की। मौके पर ऑनलाइन मोड में डॉ पूनम, डॉ स्मृति , डॉ रश्मि, सिवान कुमार झा, डॉ सारिक हैदर, विश्व ज्योति राय, श्वेता सिंह, प्रिंस कुमार, कुमारी खुशबू, देवस्मिता, कायनात रिजवी, अनुपम सिंह सहित दर्जनों प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो गुलाब फलाहारी ने कहा कि इस कांफ्रेंस का विषय बहुत ही सामायिक था। मौके पर सीनेट सदस्य संतोष तिवारी कहा कि इससे महाविद्यालय का शैक्षणिक माहौल समृद्ध होता है।
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