जोगबनी-कटिहार रेल लाइन का होगा दोहरीकरण, दशकों से थी मांग
अररिया जिले के जोगबनी-कटिहार रेल खंड के दोहरीकरण के लिए रेलवे बोर्ड ने 2.16 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है। यह रेलवे लाइन आर्थिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। क्षेत्रवासियों का मानना है कि इससे...

फारबिसगंज, निज संवाददाता। अररिया जिले से लगे भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जोगबनी से कटिहार के बीच 108 किलोमीटर लंबे रेल खंड के दोहरीकरण की दिशा में अब बड़ा कदम उठाया गया है। रेलवे बोर्ड नई दिल्ली ने इसके फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए 2.16 करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान कर दिया है। नेपाल सीमा से सटे इस रेलखंड को सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। दशकों से इस रेल लाइन के दोहरीकरण की मांग की जा रही थी, जिसे अब गंभीरता से लिया गया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इससे न केवल ट्रेनों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि महानगरों से सीधी कनेक्टिविटी मिलने से रोजगार जैसी समस्या पर भी अंकुश लगेगा।
जानकार बताते हैं कि 1980 के दशक में तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री और रेलवे कन्वेंशन कमेटी के अध्यक्ष रहे डूमर लाल बैठा ने इस परियोजना की पृष्ठभूमि तैयार की थी। लेकिन समय के साथ यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब जब रेलवे बोर्ड द्वारा फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए फंड स्वीकृत कर दिया गया है तो क्षेत्र में एक बार फिर आशा की किरण जगी है। रेल से जुड़े बछराज राखेचा, विनोद सरावगी, चंदन भगत, राकेश रपुशन, रमेश सिंह, पवन मिश्रा, शाहजहां शाद आदि ने इसे क्षेत्र की एक लंबित मांग की पूर्ति बताया है। वहीं कांग्रेस से जुड़े पूर्व विधायक जाकिर हुसैन खान, जिलाध्यक्ष शाद अहमद, शंकर प्रसाद साह, अनिल सिन्हा, करण कुमार पप्पू,इरशाद सिद्दीकी, गुलाबचंद ऋषिदेव सहित कई लोगों ने कहा कि जो सपना 80 के दशक में देखा गया था, वह अब साकार होता दिख रहा है। जानकारों का मानना है कि इस रेलखंड के दोहरीकरण से सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक संभावनाएं, रोजगार के अवसर और बेहतर परिवहन व्यवस्था को बल मिलेगा। जोगबनी-कटिहार रेल लाइन न केवल सीमावर्ती इलाकों की लाइफलाइन है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की रीढ़ भी बन सकती है। क्या कहते हैं विधायक: स्थानीय विधायक विद्यासागर केशरी कहते हैं कि जोगबनी कटिहार 108 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण से क्षेत्र वासियों को बड़ा फायदा मिलेगा। मोदी सरकार और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में रेलवे का नित्य प्रतिदिन चौमुखी विकास हो रहा है। ताजा फाइनल सर्वे लोकेशन भी उसी का हिस्सा है। रेल लाइन के दोहरीकरण से भविष्य में इसका व्यापक और सकारात्मक असर पड़ेगा। वर्तमान सरकार एवं रेल मंत्रालय द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए यह किसी तोहफा से कम नहीं है। क्या कहते हैं अधिकारी: इस संबंध में फारबिसगंज आईओडब्ल्यू यानि इंस्पेक्टर आफ वर्क्स विकास कुमार कहते हैं कि जोगबनी कटिहार रेल खंड के दोहरीकरण का फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए दो करोड़ 16 लाख रुपए का प्रावधान रेलवे बोर्ड की ओर से दिया गया है। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया होगी। इससे पहले दो सर्वे पूरा हो चुका है। पहला ट्रैफिक सर्वे और दूसरा रिकोनेन्स सर्वे। दोहरीकरण के बाद विकास की गति और तेज होगी।
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