महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के साथ ही सुरक्षा,पानी व मैदान की भी दरकार
बेतिया की महिला फुटबॉलर हर साल राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन उन्हें सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। महाराजा स्टेडियम में लड़कियों के लिए अलग मैदान और शौचालयों की...
जिले के फुटबॉलर हर साल मेडल लाते हैं। पिछले दो-तीन साल से हरनाटांड के साथ नरकटियागंज और बेतिया की महिला फुटबॉलर ने भी राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन सुविधाओं के अभाव में महिला खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। बेतिया शहर के महाराजा स्टेडियम में प्रैक्टिस के दौरान लड़के दौड़ का अभ्यास करते हैं। इससे महिला खिलाड़ियों के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है। रोजाना दर्जनों की संख्या में लड़कियां फुटबॉल खेलने के लिए और प्रैक्टिस करने के लिए नगर के महाराजा स्टेडियम में जाती हैं। यहां उनके लिए सुविधाओं की कमी है। लड़कियों का कहना है कि उनके लिए अलग से मैदान की व्यवस्था होनी चाहिए।
नगर का एकमात्र महाराजा स्टेडियम जर्जर हो चुका है। मैदान के घास नहीं काटे जाते हैं। इससे खेलने में परेशानी होती है। मैदान की भूमि मुलायम नहीं हो पाती है यहां पर कभी भी पानीका छिड़काव नहीं किया जाता है। इसके बावजूद पूजा कुमारी, प्रिंसी राज, सुमन कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, पायल कुमारी, अजरा तबस्सुम ने जिले के साथ राज्य का नाम रोशन किया। कई खिलाड़ियों ने तो स्टेट लेवल प्रतियोगिता में परचम लहराया है तो कुछ खिलाड़ियों ने विश्वविद्यालय स्तर से राज्य की टीम का प्रतिनिधित्व किया है। फुटबॉल खिलाड़ी सना, अनु, अर्चना आदि बताती हैं कि खिलाड़ी यहां बेहतर है, लेकिन उन्हें सुविधा बेहतर नहीं मिल पाती है। इससे वह राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर नहीं कर पा रहे हैं। खिलाड़ी जिला से राज्य स्तर तक पहुंचते हैं। लेकिन इससे आग वह नहीं पढ़ पा रही हैं। इन खिलाड़ियों को कोचिंग देने वाली कोच मुनीता ने बताया कि यहां की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। खासकर लड़कियों के लिए असहज स्थिति हो जाती है। कई लड़के लाउडस्पीकर पर अश्लील गाने बजाते हैं। इन्हें कोई रोक नहीं पाता है। इससे लड़कियों का खेल पर ध्यान एकाग्रचित नहीं हो पाता है वह तनाव में रहती है। यही नहीं कई लोग बीच मैदान में ही गाड़ी लगा कर चले जाते हैं। वाहनों को वहां से हटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। स्टेडियम में पीने के पानी की बेहतर सुविधा नहीं है। पीने के पानी के लिए एक चापाकल उपलब्ध है। यहां पानी पीने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। चापाकल के पानी से दुर्गंध आता है। मजबूरी में वही पानी पीना पड़ता है या फिर पानी पीने के लिए खिलाड़ियों को रमना मैदान में जाना पड़ता है। यहां के शौचालय में ताला जड़ दिया गया है। इससे खिलाड़ियों को शौचालय की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे अधिक परेशानी होती है। खिलाड़ियों के लिए यहां रात में खेलने की कोई सुविधा नहीं है। जब तक खिलाड़ी अभ्यास नहीं करेंगे बेहतर परिणाम नहीं ला सकेंगे। खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम में फ्लड लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। खिलाड़ी फातिमा खातून, गुड़िया कुमारी, पिंकी कुमारी ने बताया कि मैदान बेहतर नहीं हैं, गिरने पर हाथ-पैर चोटिल हो जाते हैं। हमें स्तरीय प्रशिक्षण और बेहतर मैदान की व्यवस्था मिलनी चाहिए। ताकि हमसभी बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
प्रस्तुति-गौरव कुमार
नगर के महाराजा स्टेडियम व पंचायत वार स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। ज्यादातर स्टेडियम का उपयोग फुटबॉल के मैदान के रूप में किया जा सकता है। जहां तक महाराजा स्टेडियम का सवाल है वहां पर शौचालय बनाया गया है। अगर शौचालय का दरवाजा बंद था तो इस मामले में वहां के गार्ड से पूछताछ की जाएगी। निर्देश है कि सुबह में और शाम में जब खिलाड़ी खेलने आते हैं तब शौचालय खोल दिया जाए।
-विजय कुमार पंडित डीएसओ।
खिलाड़ियों को रोजाना प्रैक्टिस कराने के लिए मेरे देखरेख में कोच महाराजा स्टेडियम ले जाती है। उसके द्वारा कई तरह की शिकायतें की गई है। विशेष कर शिकायतें लड़कों के बारे में है। वह अश्लील गाने बजाते है। मामला संज्ञान में आया है। इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की जाएगी। हमें उम्मीद है कि इस मामले में कार्रवाई होगी। लड़कियां बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
-शमीम आरा, फुटबॉल खेल शिक्षिका
सुझाव
1. महाराजा स्टेडियम में पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। खिलाड़ियों को सुविधा मिलनी चाहिए।
2. महाराजा स्टेडियम में दो शौचालय बने हैं, उन्हें खिलाड़ियों के लिए खोल देना चाहिए। लड़कियों को अधिक परेशानी होती है।
3. लड़का और लड़कियों के लिए अलग से स्टेडियम की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे दोनों को फायदा होगा।
4. महाराजा स्टेडियम में आम लोगों के आवाजाही पर रोक लगनी चाहिए। 5. अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच की व्यवस्था होनी चाहिए। मैदान में महिला पुलिस की तैनाती होनी चाहिए।
शिकायतें
1. महाराजा स्टेडियम में पीने के पानी की समस्या है। एक चापाकल है, इस पानी से दुर्गंध आती है।
2. महाराजा स्टेडियम में दो शौचालय है। लेकिन दोनों में ताला लगा दिया गया है। महिला खिलाड़ियों को परेशानी होती है।
3. लड़कियां स्टेडियम में खेलते रहती हैं तो लोगों की आवाजाही बीच मैदान से होते रहती है। इससे परेशानी होती है।
4. खिलाड़ियों के लिए रात में खेलने की सुविधा महाराजा स्टेडियम में नहीं है। इससे खिलाड़ी बेहतर नहीं कर पा रहे हैं।
5. खिलाड़ियों के लिए बेहतर कोचिंग की सुविधा नहीं है। खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर नहीं कर पा रहे हैं।
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