57 वर्षों से निर्माण कार्य पूर्ण होने के इंतजार में है कोल्ड स्टोरेज
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- विपिन कुमार सिंह सब्जी फल आदि रखने की सुविधा नहीं होने से किसानों की नहीं हो रही आर्थिक उन्नति किसानों

अमरपुर (बांका), निज संवाददाता| भागलपुर कमिश्नरी में जिस समय लोग कोल्ड स्टोरेज के संबंध में जानकारी तक नहीं रखते थे उस समय अमरपुर के उन्नत एवं प्रगतिशील किसानों ने इसकी परिकल्पना की थी तथा कोल्ड स्टोरेज बनाने की दिशा में कदम उठा लिया था। इस कोल्ड स्टोरेज के बन जाने से ना सिर्फ अमरपुर बल्कि तात्कालीन भागलपुर जिले के कई प्रखंड के किसान इससे लाभान्वित होते। लेकिन सरकार, इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अथवा प्रशासनिक अधिकारियों ने कभी किसानों के हित में इस ओर ध्यान नहीं दिया। अमरपुर में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने का खामियाजा इस क्षेत्र के किसान भुगत रहे हैं। अमरपुर में सब्जी एवं आम आदि फलों की उपज काफी ज्यादा होती है। लेकिन उसे रखने की सुविधा नहीं होने से किसान औने-पौने दाम में अपनी फसल बेचने को मजबुर हो जाते हैं। मालूम हो कि वर्ष 1964 में भीखनपुर गांव के किसान देवनारायण शर्मा, पंडित आगर शर्मा, कुशमाहा के जगदीश सिंह, रामचंद्रपुर के धनुषधारी कापरी, बल्लिकित्ता के श्यामसुंदर कापरी, सिउड़ी के नागेंद्र पांडेय आदि ने मिलकर स्थानीय स्तर पर एक सहकारी संस्था बनाई। इस संस्था का निबंधन करवा कर कोल्ड स्टोरेज के लिए प्रयास शुरू किया। काफी प्रयास के बाद कोल्ड स्टोरेज बनाने का निबंधन मिला। इसके बाद सहकारी समिति के सदस्यों ने उत्साहित होकर शेयर मनी जमा किया तथा बैंक में कर्ज के लिए आवेदन दिया। बैंक ने निबंधन तथा शेयर मनी देख पहला लोन आठ लाख रुपए दिया।
किसानों की सुविधा के लिए 1968 में शुरू हुआ था कोल्ड स्टोरेज का निर्माण
वर्ष 1968 में कोल्ड स्टोरेज बनाने का काम शुरू कर दिया गया। बाद में राज्य सरकार ने भी अनुदान दिया साथ ही नौ लाख रुपए का शेयर भी खरीदा। जबकि रामचंद्रपुर इटहरी के भी एक व्यक्ति ने अपना शेयर मनी जमा किया। कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए एक एकड़ भूमि अधिग्रहण किया गया। कोल्ड स्टोरेज के भवन निर्माण के दौरान यहां अनेकों प्रकार के मशीन भी आ गए। लेकिन इस बीच सत्ता परिवर्तन हो गया तथा कोल्ड स्टोरेज निर्माण का काम अधर में लटक गया।
कोल्ड स्टोरेज के लिए खरीदी गई मशीनें हो गई गायब
धीरे-धीरे भवन में रखे मशीनरी सामान गायब होने लगे तथा भवन भी जर्जर होने लगा। आज स्थिति यह है कि इस भवन में एक भी मशीन नहीं है।
जमीन का कर लिया गया अतिक्रमण, जमीन खोद कर किया गया बालू का उठाव
इधर स्थानीय लोगों ने उस एक एकड़ जमीन पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया आज स्थिति यह है कि अधिग्रहित जमीन के आधे से ज्यादा हिस्से पर कब्जा कर लिया गया है। बाकी बचे जमीन पर बालू माफियाओं की नजर पड़ी तथा वहां से बालू निकाल कर उक्त जमीन पर बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए। इधर कोल्ड स्टोरेज समिति के पूर्व कोषाध्यक्ष श्रीनारायण शर्मा सलिल ने बताया कि बैंक में कोल्ड स्टोरेज के चार खाते थे। जिसमें 16 लाख 63 हजार 172 रूपए जमा थे। इस पूरी राशि को 12 अक्टूबर 2000 को मुख्यालय को वापस कर दिया गया। उन्होंने बताया कि तात्कालीन शाखा प्रबंधक हरिशंकर उपाध्याय ने कोल्ड स्टोरेज के खाता संख्या 23 से 18681 रूपए, खाता संख्या 24 से दो लाख 14 हजार 752 रूपए, खाता संख्या 27 से दो लाख 78 हजार 947 रूपए तथा खाता संख्या 28 से 11 लाख 50 हजार रुपए से अधिक मुख्यालय के सरकारी खाते में ट्रांसफर किया। खाता पर उल्लेख किया गया है कि यह राशि मुख्यालय के पत्रांक 5936/20 सितंबर 2000 के अनुसार ट्रांसफर किया गया। परंतु इतनी बड़ी राशि किस खाते में गई इसका जिक्र नहीं किया गया है। जिससे इस रूपए के गबन की आशंका व्यक्त की जा रही है। जबकि यह राशि क्षेत्र के किसानों की थी। इधर किसानों ने कहा कि अमरपुर के किसानों का एकमात्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा विभिन्न व्यवसायों के लिए यह कोल्ड स्टोरेज वरदान साबित होता। विभिन्न प्रकार के उत्पादों के भंडारण के लिए यह उपयुक्त होता। क्षेत्र के किसान आलू, प्याज, आम जैसे उत्पादों को यहां से दूर भागलपुर में रखना पड़ता है। यदि अमरपुर के कोल्ड स्टोरेज को चालू करा दिया जाए तो इस क्षेत्र के किसान समृद्ध तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकते हैं।
कहते हैं जिम्मेवार
कोल्ड स्टोरेज नगर पंचायत में अवस्थित है लेकिन इसका जीर्णोद्धार सहकारिता विभाग ही कर सकता है। यह विभाग नगर पंचायत के कार्य क्षेत्र में नहीं आता है।
रीता साहा, मुख्य पार्षद, अमरपुर नगर पंचायत
किसानों का दर्द
अमरपुर में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से इसके बिना एक गतिशील एवं परस्पर जुड़े वैश्विक बाजार की चुनौतियों का सामना करना संभव नहीं है। सरकार बदलती रही लेकिन कोई भी इसके जीर्णोद्धार के लिए आगे नहीं आया। यहां के किसान आलू, प्याज, आम जैसे उत्पादों को सस्ते दामों में बेचने को मजबुर हैं।
*अमिताभ कुमार, किसान*
कोल्ड स्टोरेज भागलपुर कमिश्नरी का इकलौता सहकारी संस्थान था जो मृतप्राय हो गया है। इसके जीर्णोद्धार तथा जमीन के अतिक्रमण को हटाने की मांग सरकार से है। सहकारिता विभाग द्वारा यहां सहकारी बाजार बनाया जा सकता है।
*रामबालक शर्मा, किसान*
अमरपुर का कोल्ड स्टोरेज सहकारी संस्था की जमीन पर है। पूर्वजों के प्रयास से इसका निर्माण हो रहा था। विभाग एवं सरकार इसकी घेराबंदी कर सहकारी मार्केट कांप्लेक्स का निर्माण करवा कर किसानों एवं पैक्सों को इसका लाभ दिलाए।
*श्रीनारायण शर्मा सलिल, पैक्स अध्यक्ष*
कोल्ड स्टोरेज के अभाव में यहां का प्रसिद्ध गुड़ उद्योग बंद हो गया। जिससे ईख की खेती भी समाप्त हो गई। यदि यहां गुड़ रखने की सुविधा होती तो इस क्षेत्र के किसान ईख की उपज कर काफी समृद्ध हो गए होते।
*सोमेश कुमार सागर, किसान*
अमरपुर में कोल्ड स्टोरेज का वर्षों से इंतजार कर रहे हैं लेकिन किसानों के हित की बात करने वाले भी क्षेत्र के किसानों को कोल्ड स्टोरेज का लाभ नहीं दिला सके। इसका खामियाजा इस क्षेत्र के किसान उठा रहे हैं। सरकार एवं प्रतिनिधियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
*दुखहरण कापरी, किसान*
अमरपुर में कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता तो काफी पहले से महसूस की जा रही है। इस क्षेत्र के किसान अपनी सब्जी एवं फलों को तोड़ कर तुरंत बेचने को मजबुर हैं। यदि यहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मिल जाए तो इस क्षेत्र के किसान की आर्थिक उन्नति निश्चित रूप से हो जाएगी।
*अशोक भगत*
अमरपुर में दशकों में कोल्ड स्टोरेज के भवन का निर्माण नहीं हो सका साथ ही इसके लिए आए सभी मशीन भी गायब हो गए हैं। जिससे किसानों की आशा पर तुषारापात हुआ है। सरकार एवं विभाग के अधिकारी को इस पर ध्यान देना चाहिए।
*मनिन्द्र झा, किसान*
अमरपुर क्षेत्र किसानों का क्षेत्र कहा जाता है। लेकिन सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। सरकार किसानों के हित की बात करती है इसलिए सरकार को चाहिए कि अमरपुर में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध कराए।
*उपेन्द्र मंडल, किसान*
गर्व की बात है कि अमरपुर में साठ के दशक में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण हुआ लेकिन राजनीति के खेल में यहां का कोल्ड स्टोरेज पीछे रह गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारियों को इस पर संज्ञान लेकर किसानों को सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
*उदय शंकर भगत*
अमरपुर में बड़ी संख्या में किसान सब्जी एवं फलों की खेती करते हैं। इसमें आलू, प्याज, बैंगन, खीरा के अलावा आम आदि की उपज ज्यादा होती है। लेकिन कोल्ड स्टोरेज के अभाव में किसान इन्हें तोड़ कर तुरंत बेचने को मजबुर हो जाते हैं।
*शंकर प्रसाद भगत, किसान*
अमरपुर के किसानों को अपने फसल को सुरक्षित रखने के लिए भागलपुर कोल्ड स्टोरेज जाना पड़ता है। जबकि अमरपुर में थोड़े प्रयास से कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराया जा सकता है। अधिकारियों की अनदेखी से क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान हो रहा है।
*नरेश मोहन साह*
अमरपुर के किसानों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। इस क्षेत्र में सब्जी एवं फल की उपज बड़ी मात्रा में होती है। लेकिन इसके रखरखाव की सुविधा नहीं होने से किसानों को आर्थिक परेशानी हो रही है। स्थानीय प्रतिनिधि को कोल्ड स्टोरेज खोलने पर विचार करना चाहिए।
*शत्रुघ्न सिंह, किसान*
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