विद्यार्थी परिषद ने बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का किया वितरण
बलिया में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर गरीब बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण किया। एबीवीपी ने बाबा साहेब के सामाजिक योगदान और उनके संघर्षों को याद किया। उनका जीवन...

बलिया, एक संवाददाता। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई डंडारी के द्वारा गुरुवार को डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के जयंती को सेवा सप्ताह के रूप में गरीब बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण कटहरी में किया। इस दौरान एबीवीपी उत्तर बिहार के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दयानिधान गिरि ने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर देश के प्रथम कानून मंत्री बने थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर समाधान के लिए विभिन्न कानूनी मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबा साहेब का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था जिस वजह से उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। उनके जीवन के कई संघर्षों ने उनके विचार को आकार दिया था। बाबा साहब समानता में यकीन करते थे। वह जाति के आडंबर को नहीं मानते थे और चाहते थे कि समाज में सभी को एक बराबरी का हक मिले। व्यक्ति को उसके योग्यता के आधार पर मौका मिलना चाहिए ना की उनका जन्म किस परिवार में हुआ है इस आधार पर इसलिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज से जाति प्रथा तथा महिलाओं को बराबरी और छोटे-मोटे भेद को मिटाने के लिए काम किया। एबीवीपी डंडारी के नगर मंत्री दिवेश कुमार ने कहा कि देश के विकास में बाबा साहेब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। संविधान समिति के अध्यक्ष होने के नाते संविधान के निर्माण करने में उनकी महती भूमिका थी। उन्होंने अपने दौर में छुआछूत और संकीर्ण जाति व्यवस्था का असहनीय दंश झेला था। इस विपरीत परिस्थिति में भी उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा को निखारा और शोषितों के नायक बन गए। उनके जीवन से बहुत कुछ सीखने की जरूरत वर्तमान परिदृश्य में है। नगर अध्यक्ष वसंत कुमार एवं नगर सहमंत्री सुमंत कुमार ने कहा कि अंबेडकर जयंती के उपलक्ष को सेवा सप्ताह के रूप में हम लोग गरीब बच्चों में पाठ्य पुस्तक सामग्री का वितरण कर रहे हैं। भीमराव अंबेडकर एक प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 ई को मध्य प्रदेश के मऊ गांव में हुआ था । उन्होंने अपने जीवन में कई डिग्रियां हासिल की। भारतीय संविधान के रचना हेतु उन्हें प्रारूप समिति का अध्यक्ष चुना गया। मौके पर एबीवीपी कार्यकर्ता मंगलेश कुमार, पांडव कुमार, प्रवीण कुमार आदि थे।
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