जेएनयू:जेएनयू छात्र संघ चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला के आसार
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 25 अप्रैल को छात्र संघ चुनाव होंगे। इस बार वाम गठबंधन एक साथ नहीं लड़ेगा। आइसा और डीएसएफ ने मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जबकि अन्य छात्र संगठन अपने-अपने...

-संगठनों ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की, टूटा वाम गठबंधन -आइसा और डीएसएफ मिलकर लड़ेंगे छात्र संघ चुनाव
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नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 25 अप्रैल को होने वाले छात्र संघ चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। देर शाम सभी संगठनों ने सेंट्रल पैनल के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भले ही राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन के दलों के छात्र संगठन एक मंच पर मिलकर आवाज बुलंद करते हों लेकिन जेएनयू छात्र संघ चुनाव में इनमें बिखराव देखा जा रहा है। पिछले वर्ष की तरह इस बार वाम गठबंधन एक साथ चुनाव नहीं लड़ेगा। छात्र संगठन आइसा और डीएसएफ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है जबकि एसएफआई और एआईएसएफ, बाप्सा संगठन साझा उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। एनएसयूआई भी अपना अलग उम्मीदवार उतार रहा है।
एबीवीपी ने भी बिना किसी संगठन के गठबंधन के चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक एआईएसएफ एसएफआई व बाप्सा के संयुक्त गठंधन ने अपने उम्मीदवार के नाम जारी नहीं किए थे।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए एबीवीपी के उम्मीदवार
अध्यक्ष: शिखा स्वराज (शोधार्थी स्कूल ऑफ इंटरनेशन स्ट्डीज)
उपाध्यक्ष: निट्टू गौतम ( शोधार्थी, स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज)
सचिव : कुणाल राय (शोधार्थी, स्कूल ऑफ़ इंटरनेशन स्ट्डीज)
संयुक्त सचिव: वैभव मीणा (शोधार्थी, स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एवं कल्चरल स्टडीज)
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आइसा और डीएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार
अध्यक्ष--नितीश कुमार- शोधार्थी, सीपीएस
उपाध्यक्ष- मनीषा--शोधार्थी एसआईएस
सचिव--मुंतेहा फातिमा, शोधार्थी एसआईएस
संयुक्त सचिव- नरेश कुमार, शोधार्थी, सीएसएसएस
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आइसा ने एबीवीपी पर लगा हंगामा करने का आरोप
आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने नामांकन वापसी के दौरान चुनाव आयोग कार्यालय में एबीवीपी पर धमकाने का अरोप लगाया है। संगठन ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी सदस्यों ने चुनाव आयोग कार्यालय में घुसकर शीशे तोड़ दिए, बैरिकेड्स तोड़ दिए और हंगामा किया जिससे आयोग का कामकाज बाधित हुआ। उन्होंने न केवल चुनाव आयोग की सुचारू कार्यवाही में बाधा डाली बल्कि चुनाव आयोग के सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के साथ भी हाथापाई की, जिससे लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों को निभाने वालों की सुरक्षा और गरिमा को खतरा पहुंचा। हालांकि एबीवीपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह बेबुनियाद आरोप हैं आइसा के पदाधिकारियों ने काम काज बाधित किया।
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