घरों में घुस सामान तोड़फोड़ कर रहे जंगल से आए बंदर
भभुआ में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। बच्चे और वयस्क दोनों ही इनसे डर रहे हैं। बंदर छत पर कपड़े फाड़ने और घरों में घुसने लगे हैं। कई लोगों को काटकर घायल किया गया है। लोग घर के दरवाजे बंद रखने को मजबूर...

छत पर सूखने के लिए डाले गए कपड़ों को भी बंदर फाड़ दे रहे हैं बंदर के डर से सहमे रह रहे हैं बच्चे, भगाने पर हमला के मूड में (बोले भभुआ) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। बंदरों के आतंक से शहरवासी सहमे रह रहे हैं। बच्चों के बीच इनका खौफ कुछ ज्यादा ही दिख रहा है। शायद ही कोई मुहल्ला या वार्ड होगा, जहां छत पर उछल-कूद करते बंदर नहीं दिख जाएं। यह बंदर न सिर्फ सामानों को तोड़फोड़ कर रहे हैं, बल्कि आमजनों को डरा भी रहे हैं। वार्ड 18 के राजेश कुमार बताते हैं कि उनके मुहल्ले में तीन छोटे और एक वयस्क बंदर आ रहे हैं। वह कभी इस छत पर तो कभी उस छत पर डेरा जमाए दिख रहे हैं। मौका देख वह किचेन व अन्य कमरों में घुस जा रहे हैं। वार्ड 21 के रमेश पासी ने बताया कि वयस्क बंदर ने हर उम्र के लोगों को निशाना बनाया है। बंदरों ने कई लोगों को काटकर घायल कर दिया है। कुछ लोगों ने अस्पताल में इंजेक्शन भी लगवाया है। यह उत्पाती बंदर घर में घुसकर तोड़फोड़ मचाने के साथ-साथ खानेवाली चीजों को लेकर भाग जा रहे हैं। अगर किसी ने विरोध किया तो उसे टारगेट कर हमला करने की कोशिश करते हैं। बंदरों के आतंक के कारण छत पर जाकर कपड़ा सूखाना मुश्किल कर दिए हैं। वह कपड़ों को भी फाड़ दे रहे हैं। बच्चों को स्कूल भेजने में लोग डरने लगे हैं। दिन में भी लोग घर की खिड़की व दरवाजे बंद रखने लगे हैं। शहर के वीआईपी कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी, देवीजी रोड, सीवों चौक, पटेल चौक, कचहरी पथ, पोस्टऑफिस कॉलोनी, वार्ड 12, सात आदि इलाकों में बंदर उत्पात मचा रहे हैं। वार्ड 16 की लालती देवी व तब्बसुम खातून ने बताया कि बंदर किचेन में घुसकर शीशे के बर्तन तोड़ दे रहे हैं। दरवाजा खुला देख घर में घुस जा रहे हैं। बच्चे काफी डरे रहते हैं। जब बंदर को बच्चे देखते हैं, तब वह शोर मचाते हुए दूसरे को भी सतर्क कर वहां से भागते हैं। वार्ड 18 के उदय सिंह बताते हैं उनके छोटा बेटा छत पर खेल रहा था। इसी दौरान दो बंदर आए। जब वह बंदरों को देख भागने लगा तो एक बंदर ने उसे काटकर घायल कर दिया। वन विभाग बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ वार्ड सात की रौशनी देवी, वार्ड 25 के भानू जायसवाल, वार्ड 19 के छोटू पासी ने कहा कि वन विभाग को चाहिए कि वह इन बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़वाए, ताकि वह किसी दूसरे को क्षति नहीं पहुंचाए। बच्चे बिना डरे स्कूल आ-जा सकें। घर के पुरुष सदस्य काम पर निकल जाते हैं। इसके बाद बंदरों का आना शुरू हो जाता है। घर में महिलाएं व वृद्ध रह जाते हैं। बंदर इन्हें डराकर घरों में घुसकर सामान को तोड़ दे रहे हैं। भगवानपुर में तो गोदाम में घुसकर बोरी फाड़कर गेहूं-चावल तक खा जाते हैं। किचेन से रोटी, फल आदि चीजें लेकर भाग जाते हैं। ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि वह एक्सपर्ट को बुलाकर बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़वा दे। हालांकि इस गर्मी के मौसम में जंगल में भी पानी की कमी से बंदर गांव व शहर की ओर आ रहे हैं। फोटो- 10 अप्रैल भभुआ- 1 कैप्शन- भभुआ शहर के वार्ड 18 में डॉक्टर विजय की गली में स्थित एक मकान की छत पर गुरुवार को दौड़ लगाते लंगूर।
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