Devna s Vaaneshwar Temple A Spiritual Hub Seeking Tourism Development बोले सहरसा: पर्यटन स्थल के रूप में हो वाणेश्वर नाथ का हो विकास, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsDevna s Vaaneshwar Temple A Spiritual Hub Seeking Tourism Development

बोले सहरसा: पर्यटन स्थल के रूप में हो वाणेश्वर नाथ का हो विकास

देवना का वाणेश्वर मंदिर 11 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां हर साल 20,000 से अधिक श्रद्धालु जल चढ़ाते हैं। यह स्थान सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध है और यहां श्रद्धालुओं की भीड़ साल भर बनी रहती है। क्षेत्र...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 14 May 2025 09:41 PM
share Share
Follow Us on
बोले सहरसा: पर्यटन स्थल के रूप में हो वाणेश्वर नाथ का हो विकास

11 किलोमीटर दूर स्थित है देवना का वाणेश्वर मंदिर

12 महीनों पूजा अर्चना के लिए दूर दूर से यहां आते हैं श्रद्धालु

20 हजार से अधिक पैदल कांवरिया प्रत्येक वर्ष चढ़ाते हैं जल

प्रस्तुति: विजय कुमार झा

वाणेश्वर नाथ स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से क्षेत्र का होगा विकास। कोसी क्षेत्र का अति प्राचीन मंदिरों में से एक देवना स्थित वाणेश्वर नाथ स्थान परिसर का पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने से क्षेत्र का विकास होगा। वहीं क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं को रोजगार का भी अवसर मिलेगा।

सिद्ध पीठ के रूप में मान्यता रहने के कारण यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार को यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आकर पूजा अर्चना करते हैं। बताया जाता है कि सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से वाणेश्वर नाथ शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। बनगांव निवासी कविवर छत्रनाथ झा के पूजा से प्रसन्न हो वाणेश्वर नाथ सदेह दर्शन दिए थे। इनके ही कृपा से वे मिथिला के विख्यात कवि सम्राट हुए थे। अन्य कई भक्त को भी इनका साक्षात दर्शन हुआ था। परिसर में पूरब में वाणेश्वर नाथ शिवलिंग तो पश्चिम में वनदेवी की दुर्लभ प्रतिमा है। यहां शिव शक्ति दोनों स्थित है। आश्विन माह में यहां दूर-दूर से तांत्रिक यहां पूजा अर्चना करते आते हैं। पुरातत्विक दृष्टिकोण से भी यह स्थल काफी महत्वपूर्ण है। बताया जाता है द्वापर काल में इस क्षेत्र में प्रहलाद के वंशज बनासुर का राज्य था। उसने अपनी तपस्या से शिव को प्रसन्न कर वाणेश्वर नाथ शिवलिंग की स्थापना की थी। वहीं श्रीकृष्ण एवं बानासुर के संग्राम में बनदेवी यहां साक्षात् अवतरित हुई थीं। तभी से यहां अवस्थित है। करीब तीन फीट ऊंचे शिलापट्ट पर देवी की तीन अलग-अलग प्रतिमा है। नीचे में महावीर जी की प्रतिमा है। देवी पुराण में भी इस बनदेवी की वर्णन है। मन्दिर में नीर निकासी द्वार पर काफी पुराना पुरातत्विक महत्व का आकर्षक घड़ियाल के सिर जैसी संरचना है। शिव मंदिर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में कई एकड़ में फैले ऊंचे टीले पर कलमबाग एवं बांस लगा है। पूर्व में टीला पर खुदाई में अतिप्राचीन जॉत सहित पुरातत्विक महत्व के अन्य सामान मिले थे। वाणेश्वर नाथ परिसर से करीब एक कि.मी. उतर दिशा में पुरातत्विक महत्व के जंगल से अच्छादित पड़ोल डीह एवं दो-ढाई किलोमीटर स्थित सरारी डीह है। राज्य स्तरीय पुरातत्विक विभाग के वरीय पदाधिकारी ने भी यहां आ जांच कर द्वापर युग की होने की पुष्टि की थी। इस आध्यात्मिक स्थल के महत्व के कारण राज्य सरकार द्वारा महाशिवरात्रि के अवसर पर एक दिवसीय वाणेश्वर महोत्सव आयोजित किया जाता है। दुखद तथ्य यह है कि सिद्ध आध्यात्मिक एवं पुरातत्विक महत्व के स्थल होने के बावजूद भी इस स्थल का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। इस आध्यात्मिक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में दर्जा दिए जाने से क्षेत्र का विकास होने के साथ ही यहां सैकड़ों लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।

लोगों का दर्द

देवना स्थित वाणेश्वर स्थान द्वापर युग से स्थित है। पर्यटन स्थल के रूप में इसका विकास किया जाना अतिआवश्यक है।

देवानन्द झा पुजारी

देवना स्थित वाणेश्वर नाथ परिसर का समुचित विकास के लिए पर्यटन स्थल घोषित किया जाना आवश्यक है।

सुमन झा

यहां सालों भर श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है। इसके बावजूद शुद्ध जल के अभाव में चापाकल का पानी पीना पड़ता है।

अश्वनी झा

एन एच 327 ई से देबना तक करीब एक - सबा कि. मी. लम्बा पहुँच पथ आज भी सिंगल एवं जर्जर है। इस कारण पर्व के मौसम में यहां आने बाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होता है।इसे दोहरीकरण करवाना अति आवश्यक है।

बमबम झा

यहां सालों भर बाहर से आए श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए सभी सुविधा युक्त धरमशाला अति आवश्यक है।

ख़ुशी लाल यादव सरपंच

परिसर में जमीन ऊँचा नीचा है। मिट्टी डालकर इसका समतलीकरण आवश्यक है।

भोगेन्द्र झा

परिसर का अभी तक घेराबन्दी नहीं किया गया है। इस कारण अतिक्रमित किए जाने का संभावना रहता है। इसलिए वाणेश्वर नाथ परिसर का घेराबन्दी आवश्यक है।

सुरेश झा

देवना मोड़ के समीप एन एच 327ई के किनारे बड़ा संकेतक बोर्ड लगाया जाना आवश्यक है। जिससे बाहर से आए श्रद्धालुओं को देवना आने में सहूलियत हो।

ललित झा

रात्रि के समय आने बाले श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए एन एच 327ई एवं बनगांव से देवना जाने बाले पहुँच पथ के किनारे विद्युतीकरण करवा स्ट्रीट लाइट लगवाया जाना आवश्यक है।

योगेंद्र झा

देवना स्थित वाणेश्वर नाथ स्थान जानेबाली सभी प्रमुख पथ में आकर्षक प्रवेश द्वार बनवाया जाना आवश्यक है।

राकेश मिश्र

देवना स्थित वाणेश्वर नाथ स्थान का पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने से यहां रोजगार का अवसर में बृद्धि होगा।

सुमन समाज

मन्दिर के जीर्णोद्धार करवाना जरूरी है। इसके लिए सरकार द्वारा पहल किया जाना अतिआवश्यक है।

बच्चन झा

महाशिवरात्रि, नरक निवारण चतुर्दशी एवं अन्य पर्व त्योहारों में सिंगल सड़क रहने के कारण देवना जाने बाली सभी पहुंच पथ में ट्रेफिक जाम सा हो जाता है। इसलिए सभी पहुँच पथ का दोहरीकरण करवाया जाना अतिआवश्यक है।

कुमोद चौधरी

मन्दिर एवं परिसर के उचित रखरखाव के लिए पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाना अतिआवश्यक है।

वीर चन्द्र विश्व

देवना स्थित वाणेश्वर नाथ स्थल का विकास करवाए जाने से लोगों को रोजगार मिलने से क्षेत्र का विकास होगा।इसलिए पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाना आवश्यक है।

बबली राय

यह इस क्षेत्र का अमूल्य धरोहर एवं पहचान है। इसलिए द्वापर युग के इस स्थल का समुचित विकास के लिए पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाना आवश्यक है।

गौरव मिश्र

शिकायत एवं सुझाव

द्वापर युग का इस आध्यात्मिक स्थल होने के बावजूद अभी तक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया गया है।

देवना स्थित वाणेश्वर स्थान जानेवाली मुख्य पहुँच पथ अभी भी सिंगल एवं जर्जर है।

यहां आए श्रद्धालुओं के पीने के लिए शुद्ध जल का अभाव है।

मन्दिर एवं परिसर का विकास करवाने के बदले जिला प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।

सुझाव

वाणेश्वर धाम के समुचित विकास के लिए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।

यहां आने बाले सभी पहुँच पथ का दोहरीकरण करवाया जाए।

मन्दिर के उचित प्रबंधन के लिए सरकारी स्तर पर न्यास समिति गठित किया जाए।

मन्दिर परिसर का समतली करण एवं घेराबन्दी आवश्यक है।

बोले जिम्मेबार

देवना स्थित वाणेश्वर नाथ स्थान काफी पुराना एवं प्रसिद्ध देवस्थल है। देवना को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जायेगा।\

स्नेहा कुमारी जिला कला संस्कृति सह पर्यटन पदाधिकारी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।