Struggling Street Vendors in Tarapur Market Demand Permanent Spots Amid Administrative Raids बोले मुंगेर : बार-बार उजड़ जाती है दुकान, स्थायी जगह का हो आवंटन, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले मुंगेर : बार-बार उजड़ जाती है दुकान, स्थायी जगह का हो आवंटन

तारापुर बाजार में लगभग 200 फुटपाथी दुकानदार हर दिन 5 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करते हैं। हालांकि, प्रशासनिक कार्रवाई और अतिक्रमण हटाने के डर से उनकी दुकानें अक्सर टूट जाती हैं। दुकानदार स्थायी जगह...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 19 May 2025 10:48 PM
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बोले मुंगेर : बार-बार उजड़ जाती है दुकान, स्थायी जगह का हो आवंटन

लगभग एक किमी क्षेत्र में फैले तारापुर बाजार में फुटकर दुकानदार हर सुबह उम्मीदों के साथ सजे ठेले लगाते हैं और हर शाम प्रशासनिक कार्रवाई के भय से उनके सपने उजड़ जाते हैं। प्रतिदिन लगभग 5 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करते हैं। लेकिन इसके असली किरदार, यहां के करीब 200 फुटपाथी दुकानदार, आज अस्थिरता और असुरक्षा के साए में जी रहे हैं। इनके लिए ना कोई पक्की छत और ना इनका स्थायी ठिकाना है। फिर भी हर मौसम में अपने जीविकोपार्जन के लिए संघर्षरत ये दुकानदार, प्रशासन से बस एक गुजारिश कर रहे हैं, हमें भी जीने का हक दीजिए। ये अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद लगाए प्रतिदिन घर से निकलकर जीवन संघर्ष में उलझ जाते हैं। इन्हें कोई देखने वाला नहीं है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान तारापुर बाजार फुटपाथी दुकानदारों ने अपनी समस्या बताई।

01 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है तारापुर नगर पंचायत का बाजार

02 सौ फुटकर दुकानदार हैं तारापुर बाजार में, स्थायी जगह की मांग

05 लाख रुपए प्रतिदिन से अधिक का व्यवसाय करते हैं दुकानदार

दुकानदारों ने संवाद में बताया कि तारापुर बाजार एक किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। हम ठेला एवं फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले फुटकर दुकानदार प्रतिदिन 5 लाख रुपये से अधिक का कारोबार करते हैं। इस पूरे व्यापार तंत्र में हम लगभग 200 फुटपाथी दुकानदार शामिल हैं, जो सुल्तानगंज-देवघर मार्ग और तारापुर-खड़गपुर रोड जैसे व्यस्त सड़कों के किनारे अपनी दुकानें लगाकर किसी तरह से जीवनयापन करते हैं। लेकिन इन दुकानदारों की जिंदगी सिर्फ धूप, बारिश और सर्दी ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक कार्रवाई के डर और आर्थिक अस्थिरता की जद्दोजहद से भी घिरी हुई है।

अतिक्रमण हटाने में टूट जाती हैं दुकानें :

फुटकर दुकानदारों ने बताया कि अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हमारी दुकानें तोड़ दी जाती हैं, फल-सब्जी जैसे सामान फेंक दिए जाते हैं और जीवन की एकमात्र पूंजी पल भर में खत्म हो जाती है। हम उत्पादन पर व्यवसाय कर किसी तरह से अपना जीवन यापन करते हैं। बार-बार अतिक्रमण हटाओ अभियान से हमें काफी नुकसान होता है। ऐसे में हम हमेशा आर्थिक अस्थिरता का शिकार रहते हैं। हम अपने बच्चों को ना तो सही शिक्षा दे पा रहे हैं और ना ही भोजन एवं वस्त्र। महिलाएं, दिव्यांग, युवा और बुजुर्ग, सभी के लिए फुटपाथ पर दुकानदारी करना न केवल कठिन है, बल्कि अपमानजनक भी है। बाजार में कहीं भी ना तो शौचालय है और नहीं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था। ऐसे में, प्रशासन से हमारी एक ही मांग है कि, हमें अपनी दुकानदारी के लिए स्थायी जगह यानी वेंडर जोन की व्यवस्था की जाए और वहां सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएं। नगर पंचायत प्रशासन जहां हमें भेजना चाह रहा है, वहां तो और भी कुछ नहीं है। ऐसे में हम चाहते हैं कि, नगर पंचायत द्वारा चिंतित जगह पर या हम दुकानदारों द्वारा सुझाए गए जगहों पर आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए और सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।

छत्रहार मोड़ के समीप दी जाए जगह :

उन्होंने इसके लिए जिला परिषद बस स्टैंड परिसर एवं तारापुर-देवघर रोड में छत्रहार मोड़ के समीप पड़ी सरकारी जमीन को एक वैकल्पिक समाधान के रूप में प्रस्तावित किया है। उनका कहना था कि, यहां उचित किराये पर स्थायी दुकानों की व्यवस्था होने से न केवल हम दुकानदारों को स्थिरता मिलेगी, बल्कि तारापुर की यातायात व्यवस्था भी बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि, हम फुटकर दुकानदारों की यह मांग सिर्फ एक जगह की नहीं है, बल्कि अपने सपनों और परिवार के भविष्य की सुरक्षा की है। हम नगर पंचायत को किराया देने एवं नियमों का पालन के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अपने व्यवसाय के लिए स्थायी जगह प्रदान किया जाए। ये न केवल एक मानवीय कदम होगा, बल्कि शहरी व्यवस्था को भी सुचारु बनाएगा। तारापुर के ये दुकानदार आज प्रशासन की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। सवाल सिर्फ दुकानों का नहीं, बल्कि जिंदगी के उस आधार का है, जो हर दिन फूटपाथ पर सजता है और कभी-कभी उजड़ भी जाता है। ऐसे में, अब जरूरत है संवेदनशील फैसलों की, ताकि सड़क से समाधान की ओर बढ़ा जा सके।

शिकायत

1. प्रशासनिक अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान दुकानों का टूटना, सामान का नुकसान और रोज़गार का बाधित होना दुकानदारों की सबसे बड़ी समस्या है।

2. धूप, बारिश, सर्दी में खुले में दुकान लगाना बेहद कठिन होता है, विशेषकर महिलाओं और विकलांगों के लिए, जिनके लिए फुटपाथ पर काम करना असुरक्षित और असुविधाजनक है।

3. बाजार में जगह की भारी कमी के कारण दुकानदारों को सड़कों के किनारे अतिक्रमण करते हुए दुकानें लगानी पड़ती हैं, जिससे उन्हें बार-बार हटाया जाता है।

4. कई दुकानदारों को स्थानीय दुकानदारों और पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है। कभी जगह खाली करने को कहा जाता है, तो कभी अवैध रूप से वसूली की जाती है।

5. बार-बार दुकान उजड़ने, नुकसान होने और कमाई रुकने से दुकानदार कर्ज में डूब जाते हैं और मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं।

सुझाव:

1. जिला परिषद बस स्टैंड परिसर, चोरा नदी के पास सरकारी जमीन जैसे चिन्हित स्थानों पर स्थायी दुकानों की व्यवस्था की जाए, जिससे दुकानदारों को स्थायित्व मिल सके।

2. प्रस्तावित दुकानों के लिए छाया, जल निकासी, सुरक्षित शेड और महिलाओं हेतु अलग से सुविधाएं जैसे शौचालय आदि की व्यवस्था की जाए।

3. दुकानदारों को एक मान्यता प्राप्त पहचान पत्र और लाइसेंस दिया जाए, जिससे वे निर्धारित किराया देकर वैध रूप से व्यवसाय कर सकें।

4. अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई से पूर्व उचित नोटिस, संवाद और समाधान की प्रक्रिया अपनाई जाए, ताकि मानवीय संवेदना बनी रहे।

5. फुटपाथी दुकानदारों और प्रशासन के बीच समन्वय के लिए एक स्थानीय समिति बनाई जाए, जो विवादों का समाधान करे और पुनर्वास प्रक्रिया की निगरानी करे।

हमारी भी सुनें:

अब हमारी गुहार है कि हमें बस स्टैंड परिसर या फिर कहीं कमाने-खाने योग्य स्थान में जगह मिले।

-किशोर चौधरी

मैं पिछले एक वर्ष से फल की दुकान लगा रहा हूं। अतिक्रमण हटाओ अभियान से न तो दुकान बचती है, न सामान। ऊपर से जुर्माना भी देना पड़ता है। भारी नुकसान के बाद कई बार कर्ज लेकर फिर से दुकान सजाता हूं।

-रौशन कुमार

स्थायी दुकानदार की दुकान के आगे दुकान लगाने पर वह दुकान हटाने को कहता है। न हटाने की स्थिति में भाड़ा के नाम पर रुपए की वसूली करता है।

-गुंजा देवी

प्रशासन अलग से परेशान करता है। ऐसी स्थिति में हम लोग न डाल के रहते हैं, न पात के। हमें स्थायी समाधान चाहिए।

-विनोद मंडल

हमारे पास जीने का एकमात्र सहारा हमारे द्वारा फुटपाथ पर लगाए गए छोटे से ठेले की दुकान है। सड़क पर जाम न लगे, इसलिए पुलिस दिनभर इधर-उधर भगाती रहती है।

-संजय चौधरी

हमारे जैसे लोगों के लिए यह दुकान ही जीवन का सहारा है। इसे उजाड़ कर हमारे अस्तित्व को मिटाया जा रहा है। स्थायी जगह हमारी ज़रूरत है।

-कन्हैया साह

उम्मीद है कि शीघ्र ही प्रशासन इस मानवीय संकट से उबारने के लिए गंभीरता से विचार करेगा और जिससे हम जैसे सहारा विहीन दुकानदारों को राहत मिलेगी।

-विकास साव

अतिक्रमण के नाम पर हम दुकानदारों को बार-बार परेशान किया जाता है। स्थायी दुकान की व्यवस्था होनी चाहिए।

-सुनीता देवी

नगर पंचायत को पहले फुटपाथी दुकानदारों के लिए स्थायी दुकान की व्यवस्था करनी चाहिए, उसके बाद ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाना चाहिए।

-अनिता देवी

प्रशासन हमारी मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करे। इस लोक कल्याणकारी कदम से हम दुकानदारों की जिंदगी भी संवरेगी और तारापुर की ट्रैफिक व्यवस्था भी सुधरेगी।

-प्रकाश साव

हमारे जैसे लोगों के लिए यह दुकान ही जीवन का सहारा है। इसे उजाड़ कर हमारे अस्तित्व को मिटाया जा रहा है। स्थायी जगह हमारी ज़रूरत है।

-गोपाल कुमार

हम दुकानदारों को ऋण की सुविधा नहीं मिलती। यदि सस्ते दरों पर ऋण की व्यवस्था हो जाए, तो हम स्थायी रूप से दुकान सजा सकते हैं।

-हृदय कुमार

पढ़ाई छोड़कर दुकानदारी कर रहा हूं ताकि परिवार का खर्च चला सकूं। अगर जगह मिल जाए तो कम से कम मानसिक तनाव से राहत मिलेगी।

-मो. गुलजार

अतिक्रमण हटाओ अभियान से हर बार नुकसान होता है, फिर भी मेहनत करते हैं। प्रशासन से बस यही गुजारिश है कि, हमारी सुध ली जाए।

-राजकुमार

फुटपाथ पर ही छोटी सी दुकान लगाता हूं। एक स्थायी दुकान मिल जाए तो आत्मनिर्भरता के साथ जीवन जी सकूं।

-सीको मंडल

हम दिनभर पसीने में भीगकर दुकान लगाते हैं। फिर भी अगर अतिक्रमण के नाम पर सब कुछ उजाड़ दिया जाए, तो हिम्मत टूट जाती है।

-सूरज साह

बोले जिम्मेदार

शहर में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले फल, सब्जी, मछली एवं अन्य सामान की बिक्री करने वाले दुकानदारों को स्थायी जगह उपलब्ध कराने के लिए तारापुर-देवघर रोड में चोरा नदी के समीप खाली पड़ी जमीन को चिह्नित की गई है। यह स्थान फल एवं सब्जी विक्रेताओं के व्यवसाय के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा। जगह उपलब्ध कराए जाने के बाद जो दुकानदार वहां दुकान न लगाकर फुटपाथ पर अतिक्रमण करेंगे, उनके विरुद्ध विधिसम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आमजन के हित को ध्यान में रखते हुए शहर में अतिक्रमण को पनपने नहीं दिया जाएगा।

-राकेश रंजन, एसडीओ, तारापुर

तारापुर नगर पंचायत ने 08 मई 2021 को अपना कार्यभार संभाला है। फुटकर विक्रेताओं को स्थायी जगह उपलब्ध कराने हेतु नगर पंचायत प्रयत्नशील है। शीघ्र ही कार्यपालक पदाधिकारी के नेतृत्व में अच्छी एवं व्यवसाय योग्य जमीन चिह्नित की जाएगी। इससे दुकानदारों को बेहतर आमदनी होगी, अतिक्रमण की समस्या से मुक्ति मिलेगी और शहर जाम से भी मुक्त होगा।

-रोहित कुमार, नगर प्रबंधक, तारापुर

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