बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की शुरू हुई कवायद
भागलपुर की जेलों में बंदियों को बेहतर जीवन के लिए स्वरोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। बीएयू के मृदा वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार झा ने वर्मी कम्पोस्ट आधारित स्वरोजगार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया...

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता भागलपुर की जेलों में बंद बंदियों को बाहर निकलने के बाद बेहतर जीवन मिले। इसके लिए बीएयू की ओर से जेलों में बंदियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित करते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीएयू के मृदा वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार झा ने शुक्रवार को विशेष केंद्रीय कारा में बंदियों को वर्मी कम्पोस्ट आधारित स्वरोजगार के संबंध में समस्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे कोई व्यक्ति मात्र प्रतिदिन 10-15 मिनट का समय देकर 8-9 हजार प्रति माह कमा सकता है। इस मौके पर काराधीक्षक राजीव कुमार झा, प्रभारी उपाधीक्षक अश्वनी मिश्रा और सहायक अधीक्षक ललित कुमार, कार्यपालक सहायक राजेश कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे।
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