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झारखंड के 49 नगर निकायों में मजदूरों के लिए बनेंगे श्रमिक चौक, क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं

झारखंड के सभी शहरों में कुछ ऐसे चिह्नित स्थान हैं, जहां हर सुबह बड़ी संख्या में मजदूर काम की उम्मीद में एकत्र होते हैं। यहां इनके लिए न बैठने की सुविधा है न शौचालय की। अब इसमें सारी सुविधाएं रहेंगी।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 April 2025 07:18 AM
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झारखंड के 49 नगर निकायों में मजदूरों के लिए बनेंगे श्रमिक चौक, क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं

झारखंड के सभी शहरों में कुछ ऐसे चिह्नित स्थान हैं, जहां हर सुबह बड़ी संख्या में मजदूर काम की उम्मीद में एकत्र होते हैं। यहां इनके लिए न बैठने की सुविधा है न शौचालय। इन समस्याओं को ध्यान में रख नगर विकास विभाग राज्य के सभी 49 शहरी निकायों में श्रमिक चौक बनाएगा।

श्रमिक चौक का निर्माण केंद्रीय आवासन ए‌वं शहरी कार्य मंत्रालय की प्रस्तावित योजना दीनदयाल जन आजीविका (शहरी) के तहत होगा। इसके तहत श्रमिकों के बैठने समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। बता दें कि दिहाड़ी मजदूरों की समस्या पर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 'बोले' अभियान के तहत झारखंड के अलग-अलग संस्कणों में खबरें प्रकाशित की थी।

नगर विकास विभाग राज्य के सभी 49 शहरी निकायों में श्रमिक चौक बनाने के अलावा राज्य के बड़े नगर निकायों यथा रांची, जमशेदपुर और धनबाद में 50-50 बेड का आश्रय गृहों का भी निर्माण कराया जाएगा, ताकि रात में सड़कों पर सोने वाले या गर्मी, सर्दी और बारिश के मौसम में ऐसे लोगों को ठिकाना मिल सके। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्रीय योजना के तहत स्वीकार कर लिया है।

ऋण देने का लक्ष्य

डी-जेएवाई (एस) योजना के तहत नगर निकायों में कुल 4500 नए स्वयं सहायता समूह या सीआईजी का गठन होगा। विभाग इन संगठनों को चक्रीय निधि देगा। स्वयं सहायता समूहों के चिन्ह्ति सदस्यों से कुल 300 एरिया लेवल फेडरेशन (एएलएफ) का गठन किया जाएगा। इसका उद्देश्य शहरी गरीब महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक विकास करना है। चयनित लाभुकों को उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। लाभुकों को सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए 3000 शहरी गरीबों को सूद अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

केंद्र प्रायोजित डी-जेएवाई (एस) योजना शहरी गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित है। वित्तीय वर्ष 2025-25 में योजना में कुल 100 करोड़ खर्च किए जाने का लक्ष्य है। इसमें केंद्र और राज्य का हिस्सा क्रमश: 60:40 के अनुपात में है। योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में गरीब और वंचित वर्गों को आजीविका के अवसर प्रदान करना है। यह योजना शहरी गरीबों को कौशल विकास, रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए काम करती है।

रांची, जमशेदपुर और धनबाद में बनाए जाएंगे आश्रय गृह

श्रमिकों की समस्या को देखते हुए राज्य के बड़े नगर निकायों रांची, जमशेदपुर और धनबाद में 50-50 बेड के आश्रय गृहों का भी निर्माण कराया जाएगा, ताकि रात में सड़कों पर सोने वाले या गर्मी, सर्दी और बारिश के मौसम में ऐसे लोगों को ठिकाना मिल सके। बता दें कि सिर्फ झारखंड ही नहीं, विभिन्न राज्यों के मजदूर राज्य के शहरों में आते हैं, जिन्हें आश्रय गृहों से राहत मिलेगी।