स्कूल-कॉलेज में विद्यार्थियों को मिलेगी आपदा की ट्रेनिंग
भागलपुर में स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों को युद्ध के समय प्राथमिक उपचार और बचाव के उपायों की ट्रेनिंग दी जाएगी। सोशल मीडिया पर भी युद्ध में बचाव के विषय पर जानकारी साझा की जाएगी। गृह मंत्रालय...

भागलपुर, वरीय संवाददाता। युद्ध में मानवता के सहयोग में युवा और किशोरों की भूमिका अहम होगी। ऐसे आपदा के समय विद्यार्थियों की भूमिका क्या होगी? यह बताने के लिए जल्द ही स्कूल और कॉलेजों में सहयोग की ट्रेनिंग दी जाएगी। पड़ोसी देश से युद्ध होने पर यदि कोई घर या आसपास के सदस्य, परिचित जख्मी हुए हैं तो उन्हें फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) कैसे दी जाए? यह स्कूलों में बताया जाएगा। स्कूल-कॉलेजों के अलावा सोशल मीडिया पर भी बचाव के उपाय बताए जाएंगे। युद्ध की जानकारी सोशल मीडिया पर अधिक ट्रेंड सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा प्रमुख शहरों में मॉकड्रिल कराए जाने की घोषणा के बाद इंटरनेट पर सबसे अधिक सर्च युद्ध में बचाव कैसे करें विषय पर किया गया।
घर-घर में एंड्रॉयड फोन होने से स्कूली बच्चे भी सर्च करने में मशगूल रहे। चीन और पाकिस्तान से युद्ध के समय क्या सतर्कता बरती गई थी? कैसा माहौल था? कैसे फतह मिली? कैसे शिकस्त मिली? यह बताने वाले बुजुर्ग शायद ही घरों में मिल रहे हैं। इसलिए लोगों ने सोशल मीडिया पर ही जानकारी के लिए सहारा लेना शुरू किया है।
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