बोले जमुई : युवाओं को नहीं मिलता अवसर, लोन के लिए आसान हों नियम
जिले में हर साल हजारों युवक-युवती मैट्रिक और इंटर पास कर नौकरी की तैयारी करते हैं, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण उच्च शिक्षा नहीं ले पाते। कई युवा व्यावसायिक प्रशिक्षण लेते हैं, लेकिन बैंकों से...
जिले में हर वर्ष हजारों युवक-युवती मैट्रिक व इंटर पास कर आगे की पढ़ाई कर नौकरी की तैयारी में लग जाते हैं। इनमें से कुछ को नौकरी मिलती तो अधिकतर युवा वंचित रह जाते हैं। आर्थिक वजहों से भी उच्चतर शिक्षा की पढ़ाई नहीं के पाते। ऐसे में कोई व्यावसायिक प्रशिक्षण लेते हैं। इन सभी कठिनाइयों को पार कर जब किसी तरह आगे बढ़ते हैं तो उनको बैंक से सहायता नहीं मिल पाती है। ऐसे में फिर निराश होकर घर-परिवार छोड़ कर अन्य प्रदेश पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। युवाओं ने कहा कि हमने कई बार खुद का कारोबर शुरू करने के लेकर प्रयास किया लेकिन बैंकों एवं कार्यालय के नियम से थक-हार कर घर बैठ जाते हैं। संवाद को दौरान युवाओं ने अपनी परेशानी बताई।
63 तरह का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं युवा
01 सौ युवाओं को एक बार में दी जाती है ट्रेनिंग
10 प्रखंडों से युवा पहुंचते हैं प्रशिक्षण के लिए
आजकल युवा सरकारी नौकरी पाने की कोशिश के साथ-साथ खुद का कारोबार शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन जिले में पर्याप्त संसाधन एवं सही प्रशिक्षण नहीं मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते हैं। कई युवाओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण वे खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। उससे हुई कमाई से आगे पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं लेकिन ना तो उन्हें सरकारी सहयोग मिल पाता है और ना ही बैंक लोन। ऐसे में वो अपना रोजगार शुरू नहीं कर पाते।
प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को नहीं मिलता अवसर :
जिले में सरकारी तथा प्राईवेट संस्थानो द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण के बावजूद जिले में युवाओ को रोजगार मिलने में परेशानी आ रही है। एसबीआई आरसेटी द्वारा युवा लड़के एवं लड़कियो को दिये जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण, आईटीआई से टुल्स एव अन्य टेक्निकल प्रशिक्षण के साथ-साथ कंपयुटर के रोजगार संबंधित कई कोर्स से प्रशिक्षित युवा आज जिले में रोजगार के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है। प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं ने कहा कि यहां पर कोई कल कारखाना नहीं है जहां काम कर घर परिवार चलाते हुए अपना आगे की पढ़ाई शुरू कर सकें। पूंजी और प्रशिक्षण के अभाव में स्वरोजगार करने के इच्छुक अधिकतर युवा अन्य प्रदेश की ओर पलायन करने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार कर आगे बढ़ने के लिए सरकारी सहयोग नहीं मिल पाता है। ऐसे में खुद का रोजगार कर उसे आगे बढ़ाने के लिए हौसला रखने वाले युवक कमजोर पड़ जाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का होने के कारण घर से पैसे लेकर अपना रोजगार नहीं शुरू कर पाते हैं। मजबूरी एवं पूंजी के अभाव में जीविकोपार्जन के लिए पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं।
बैंक से कम ब्याज पर मिले ऋण तो बढ़ेगा रोजगार:
उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के लिए युवाओं को बैंक से आसानी से ऋण मिलेगा तो वे स्वरोजगार को आगे बढ़ाकर दूसरे को भी रोजगार दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक से ऋण लेने में कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है। कई प्रकार के कागजात की मांग की जाती है जो उपलब्ध नहीं रहता है। इस स्थिति में सरकार यदि ऋण प्र्त्रिरया को सरल करते हुए बैंक से कम ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराएगी तो युवा इसका फायदा उठा सकेंगे। अपने पैरों पर खड़े होकर समाज की उन्नति में सहायक बनेंगे।
स्वरोजगार से जुड़ने के लिए मिले प्रशिक्षण :
जिले के कई युवाओं ने बताया कि खुद का रोजगार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत है। सही प्रशिक्षण मिलने से कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। प्रशिक्षण के बाद रोजगार शुरू करने से आमदनी अधिक होगी तो घर परिवार सुखी होगा। बच्चों को सही शिक्षा दे सकेंगे। लेकिन सही प्रशिक्षण नहीं मिलने के कारण यदि कहीं से रुपए की व्यवस्था कर अपना रोजगार शुरू करते हैं तो सही आमदनी नहीं होगी और इससे परेशानी बढ़ जाएगी। उन्होंने सरकार से ध्यान देते हुए और रोजगार आगे बढ़ाने के लिए मदद की मांग की।
सरकारी अनुदान मिलने से स्वरोजगार बढ़ेगा :
युवाओं ने कहा कि सरकार द्वारा यदि रोजगार के लिए अनुदान दिया जाएगा तो हम लोग भी अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकेंगे। इसमें अधिक आमदनी कर सकेंगे और अपने भविष्य को संवार सकेंगे। अभी की स्थिति काफी दयनीय है। जब तक सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा हम लोगों को आगे बढ़ने में काफी मुश्किल होगी। सरकार हम युवाओं को कारोबार देकर आगे बढ़ाने में मदद करेगी तो हमारा भी भविष्य उज्ज्वल होगा। युवाओं का कहना है कि कुछ कामों के लिए अनुदान मिलता है लेकिन वह लेना काफी मुश्किल है।
शिकायत
1. शिक्षित तो किया जाता है पर जीवकोपार्जन के लिए उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है।
2. बैंक द्वारा आसान तरीका से ऋण देने की व्यवस्था नहीं है।
3. अधिक व्याज दर पर निजी लोगों से ऋण लेने में जोखिम है।
4. जटिल प्रक्रिया के कारण कई युवा ऋण से वंचित रहते हैं।
सुझाव
1. स्वरोजगार करने के इच्छुक युवाओं को आसान शर्त एवं कम ब्याज पर बैंक से ऋण मिले।
2. सही प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कारोबार ठीक चले।
3. हाई स्कूल स्तर से व्यावसायिक शिक्षा हो अनिवार्य विषय ।
4. छोटे उद्यमियों को रियायती मूल्य पर कच्चे माल की व्वयस्था हो।
समझें हमारी पीड़ा
सदर प्रखण्ड मुख्यालय स्थित एसबीआई के आरसेटी में प्रशिक्षण देने के बाद भी स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण नहीं मिलता है।
-अभिमन्यु कुमार
प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं लिए आसान शर्त एवं कम ब्याज पर ऋण तथा ससमय सब्सिडी मिलने की व्यवस्था हो।
-अभिनय दुबे
बैंक के जटिल प्रक्रिया के कारण अधिकतर कमजोर परिवार के युवा इससे वंचित रहते हैं। इस दिशा में समुचित कार्यवाही हो।
-अखिलेश सिंह
लघु उद्योग का काफी महत्व है। इसमें अन्य को भी रोजगार देने का अवसर मिलता है। इसको बढ़ावा देने का प्रयास हो।
-अमन सिंह चंदेल
स्वरोजगार करने के इच्छुक आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को आसान शर्त एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए विशेष नीति बनानी चाहिए।
-अंकुश गुप्ता
स्वरोजगार शुरू करने के इच्छुक अधिकतर युवाओं को सरकारी स्तर पर मदद की जरूरत है। जिससे उन्हें लाभ मिल सके।
-अनुज आर्या
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दे सभी को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए विशेष योजना बनाए जाने की आवश्यकता है।
-बिट्टू भारती
पूंजी के अभाव में इच्छा शक्ति रहने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के युवक पलायन करने को विवश हैं।
-गुलशन सिंह
इस प्रतियोगी युग में स्वरोजगार व लघु उद्योग शुरू करने वाले उद्यमियों को रियायती मूल्य पर कच्चा माल भी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
-जीवन कुमार
युवाओं के निरंतर पलायन के कारण इस क्षेत्र की पहचान मजदूर आपूर्ति करने वाले क्षेत्र के रूप में बनती जा रही है।
-करण कुमार
दूसरों से पूंजी ले व्यवसाय करने वाले युवा प्राकृतिक विपदा की हालात में असफल हो जाते हैं। उन्हें सहायता मिले।
-मंटू कुमार
पूंजी के अभाव में स्वरोजगार करने के इच्छुक युवा मजबूरन शहर से बाहर प्राइवेट नौकरी करने को विवश हैं।
-पिंटू कुमार
जटिल प्रक्रिया के कारण कई युवा बैंक से ऋण ले रोजगार शुरू करने के बदले दूसरों के यहां काम करना ठीक समझते हैं।
-ऋषभ कुमार
केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवकों के लिए कई योजना संचालित की जा रही है। लेकिन इसका समुचित लाभ सभी युवाओं को नहीं मिल पाता।
-सजन कुमार
चुनाव के समय अधिकतर प्रत्याशी द्वारा युवाओं से वादा तो किया जाता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं।
-सत्यम कुमार
वर्तमान समय मे आम युवाओं को रोजगार शुरू किए जाने के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। इस कारण वे भटकते रहते हैं।
-सिंटू कुमार
बोले जिम्मेदार
भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में कुल 63 प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण लेकर युवक-युवतियां लाभ उठा रहे हैं। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद बैंक लोन उपलब्ध कराने में भी इन लोगों की मदद की जाती है। कई प्रशिक्षण प्राप्त युवा बैंक से ऋण लेकर रोजगार चालू कर जीवन यापन कर रहे हैं।
-उपेंद्रनाथ लाल दास, निर्देशक, एसबीआई,आरसेटी, जमुई।
बोले जमुई असर
बिहार का पहला कंक्रीट डैम होगा बरनार : मंत्री
जमुई। किसानों की समस्या को लेकर 08 अप्रैल को बोले जमुई संवाद के तहत छपी खबर का असर हुआ है। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बरनार जलाशय के निर्माण की जानकारी दी है। इससे किसानों में खुशी है। उन्होंने बताया कि बरनार जलाशय के निर्माण हो जाने पर जमुई जिले के चार प्रखण्डों सोनो, झाझा, गिद्धौर एवं खैरा के सूखाग्रस्त भू-भाग में लगभग 22000 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस जलाशय के निर्माण हेतु नई तकनीक अपनाई गई है। जलाशय का निर्माण पूर्णतः कंक्रीट होगा जिसकी लम्बाई लगभग 285 मी एवं ऊंचाई 74 मीटर होगी। पानी पूर्व से निर्मित दांई और बांई मुख्य नहर से होते हुए भूमिगत पाईपलाईन के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचेगी। यह अपने आप में एक नई तकनीक एवं नई पहल है। अभी तक बिहार में कोई भी कंक्रीट डैम नहीं है। यह बिहार का सर्वप्रथम कंक्रीट डैम होगा। जलाशय से सिंचाई क्षेत्र के भू-भाग के जलस्तर में कमी नहीं होगी। यह जलाशय सिंचाई के लिए जमुई जिले के किसानों के लिए वरदान होगी। हरित क्रांति साबित होगी।
बरनार जलाशय योजना जमुई जिले की एक अतिमहत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का आरंभ सन 1976 ई में ही किया गया था। किन्तु वन भूमि अपयोजन की कार्रवाई लंबित रहने एवं अन्य कारणों के कारण बरनार जलाशय योजना का कार्य वर्ष 1991 से ही पूर्णतः बन्द हो गया। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया गया कि वर्षों से बरनार जलाशय योजना उपेक्षित थी। मेरे दादाजी के स्वप्न को साकार करने का कार्य वर्तमान डीएम अभिलाषा शर्मा के कुशल नेतृत्व, दृढ़ ईच्छा शक्ति एवं कार्य कुशलता को जाता है। उन्होंने अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर बरनार जलाशय योजना से संबंधित जटिलताओं को पार करते हुए योजना को धरातल पर लाया।
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