Big game in the border districts of Bihar Nepalese Bangladeshis are making fake birth certificates for children बिहार के सीमावर्ती जिलों में बड़ा खेला! नेपाली, बांग्लादेशी बनवा रहे बच्चों का फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBig game in the border districts of Bihar Nepalese Bangladeshis are making fake birth certificates for children

बिहार के सीमावर्ती जिलों में बड़ा खेला! नेपाली, बांग्लादेशी बनवा रहे बच्चों का फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट

अधिकारियों ने बताया कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र विदेशी नागरिक अधिक बनवा रहे हैं। अक्टूबर 2024 से मूल दस्तावेज जैसे आधारकार्ड, राशनकार्ड, पैनकार्ड, पासपोर्ट आदि बनाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र को आधार माना जाने लगा है। जिसके बाद इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

sandeep हिन्दुस्तान, प्रधान संवाददाता, पटनाFri, 16 May 2025 10:23 PM
share Share
Follow Us on
बिहार के सीमावर्ती जिलों में बड़ा खेला! नेपाली, बांग्लादेशी बनवा रहे बच्चों का फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट

बिहार के नेपाल, बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश से सटे जिलों में बच्चों का फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है। ऐसी शिकायत कोई और नहीं बिहार सांख्यिकी सेवा से जुड़े पदाधिकारियों के संघ ने की है। बिहार सांख्यिकी सेवा संघ ने राज्य सरकार को दी सूचना में कहा है कि प्रदेश के 22 जिलों के 105 प्रखंड जो अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर हैं वहां फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं। इसमें विदेशी नागरिकों के बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए गिरोह सक्रिय है। अब जिला सांख्यिकी पदाधिकारियों के माध्यम से इसकी छानबीन शुरू कर दी गई है।

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी और प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारियों ने पाया कि जिले में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या से अधिक जन्म प्रमाणपत्र जारी हो रहे हैं। कई प्रमाणपत्रों की छानबीन में पाया गया कि यह गलत तिथि को जारी किए गए हैं। इसमें फरवरी में जारी प्रमाणपत्र अधिक थे। ऐसे प्रमाणपत्रों में लिप ईयर का ख्याल तक नहीं रखा गया और 30 फरवरी की तारीख देकर जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए।

ये भी पढ़ें:कोई गंजी में आ रहा, कोई एक ही कपड़े में 10 दिन हाजिरी लगा रहा, गजब फर्जीवाड़ा
ये भी पढ़ें:कांग्रेस के टिकट के नाम पर फर्जीवाड़ा, राहुल गांधी का पीएस बन 2 लाख की ठगी

पंचायत सचिव के स्तर से जारी हुए प्रमाणपत्र

ये प्रमाणपत्र पंचायत सचिव के स्तर से जारी हुए थे। ज्यादातर प्रमाणपत्र 2023 के पहले के हैं। इसीलिए संघ ने राज्य सरकार और अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय को इसकी सूचना दी गई, ताकि इस पर विशेष नजर रखी जा सके। संघ के पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि पंचायत सचिवों की जगह प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारियों से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाएं, जिससे इसकी विश्वसनीयता अधिक होगी।

क्यों बनवाया जा रहा है प्रमाणपत्र?

अधिकारियों का कहना है कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र विदेशी नागरिक अधिक बनवा रहे हैं। अक्टूबर 2024 से मूल दस्तावेज जैसे आधारकार्ड, राशनकार्ड, पैनकार्ड, पासपोर्ट आदि बनाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र को आधार माना जाने लगा है। इसके बाद विदेशी नागरिक खासकर नेपाल और बांग्लादेश के निवासी अपने बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सीमावर्ती जिलों में कई हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र में दलालों का गिरोह भी सक्रिय है।

ये भी पढ़ें:फर्जी डॉक्यूमेंट्स से सिम कार्ड जारी, साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल; CBI का खुलासा
ये भी पढ़ें:सेना के रिटायर्ड अधिकारी से 1.90 करोड़ का साइबर फ्रॉड, कर्ज लेकर किया था निवेश

इन जिलों से अधिक है शिकायत

नेपाल से सटे प्रदेश के सात जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज से सबसे अधिक शिकायत है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के करीब के जिलों में भी ऐसे मामले आए हैं। झारखंड से सटे भागलपुर, बांका, जमुई, गया, नवादा, औरंगाबाद और रोहतास भी इसमें शामिल हैं। उत्तर प्रदेश से लगे गोपालगंज, सीवान, सारण, बक्सर और दूसरे जिलों में भी पिछले वर्षों में ऐसी शिकायत आई थी, लेकिन इनकी संख्या कम है।

बिहार सांख्यिकी सेवा संघ के अध्यक्ष शशिप्रभा ने बताया कि प्रदेश की सीमा से सटे अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय क्षेत्र में रहने वाले लोग अपने बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए काफी सक्रिय हैं। स्थानीय तौर पर पंचायत सचिवों के माध्यम से यह काम आसानी हो जा रहा है। इसकी सूचना राज्य सरकार को दी गई है। खासकर नेपाल, बांग्लादेश और झारखंड में रहने वाले लोगों के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाया जा रहा है।