12 दिन से ठप पड़ा करगिल बस स्टैंड, यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें
12 दिन से ठप पड़ा करगिल बस स्टैंड, यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें12 दिन से ठप पड़ा करगिल बस स्टैंड, यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें12 दिन से ठप पड़ा करगिल बस स्टैंड, यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें12 दिन से...

12 दिन से ठप पड़ा करगिल बस स्टैंड, यात्रियों की बढ़ीं मुश्किलें रामचंद्रपुर से चल रही बसें, यात्रियों को बदलना पड़ा पड़ाव बसें नहीं चलने से होटल-ठेला कारोबार भी हुआ प्रभावित दुकानदार बोले- बोहनी तक नहीं हो रही, रोजी-रोटी पर असर फोटो: कारगिल बस स्टैन्ड: बिहारशरीफ के कारगिल बस स्टैन्ड प्रवेश द्वार। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। शहर का कारगिल बस स्टैंड एक बार फिर ठप हो गया है। पिछले 12 दिनों से यहां से कोई बस नहीं खुल रही, जिससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि यहां के दुकानदारों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। रामचंद्रपुर के बस स्टैंड से अब यात्रियों को गया के लिए बस पकड़नी पड़ रही है। वर्ष 2012 में निर्माण के बाद वर्षों तक बंद पड़ा यह बस स्टैंड 2018 में पटना हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुआ था। पहाड़पुर निवासी अधिवक्ता परमानंद प्रसाद की याचिका पर कोर्ट ने जिला प्रशासन को एक महीने के भीतर बस संचालन शुरू करने का निर्देश दिया था। कुछ समय तक राजगीर, नवादा और गया के लिए गाड़ियां यहां से चलती भी रहीं, लेकिन धीरे-धीरे सब बंद हो गया। अब गया की एकमात्र बस सेवा भी 12 दिन पहले बंद हो गई। दुकानदारों की कमाई पर पड़ा असर: बसों का आना बंद होते ही स्टैंड परिसर के भीतर झोपड़ियों में दुकान चला रहे फुटपाथी दुकानदारों पर रोज़ी का संकट मंडराने लगा है। होटल संचालक शैलेंद्र ने बताया कि बस नहीं आने से ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। स्टाफ का खर्च निकालना और बोहनी करना मुश्किल हो गया है। बस मालिकों द्वारा अचानक बस संचालन को रामचंद्रपुर शिफ्ट कर दिए जाने से कारगिल चौक क्षेत्र के छोटे दुकानदारों, यात्रियों और ई-रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है। छपरा से हिसुआ लौट रहे यात्री विकास कुमार ने कहा कि वह वर्षों से कारगिल बस स्टैंड से ही गया की बस पकड़ते थे, लेकिन अब उन्हें रामचंद्रपुर से बस लेनी पड़ रही है। अचानक बस सेवा बंद होने की कोई सूचना नहीं दी गई। कारगिल बस स्टैंड की नहीं हुई थी बंदोबस्ती नगर निगम ने मार्च में शहर के विभिन्न सैरातों की बंदोबस्ती की थी, लेकिन कारगिल बस स्टैंड के लिए कोई बोली नहीं लगी। इसके बाद निगम स्वयं संचालन कर रहा था, लेकिन अब यह भी बंद हो गया। रामचंद्रपुर बस स्टैंड को 89.45 लाख में बंदोबस्त किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी: पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता परमानंद प्रसाद ने कहा कि यह सीधे तौर पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। जिला प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप कर बस स्टैंड को उसके निर्धारित स्वरूप में चालू कराना चाहिए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं होती, तो वे पुनः न्यायालय की शरण लेंगे। नगर आयुक्त दीपक मिश्रा ने कहा कि कारगिल बस स्टैंड में बसों का परिचालन परिवहन विभाग के अधीन आता है। नगर निगम की भूमिका सिर्फ रख-रखाव तक सीमित है। हाल ही में बस स्टैंड के पीछे हिस्से में चहारदीवारी का निर्माण कार्य कराया गया है। उन्होंने कहा कि बसों के परिचालन से जुड़ी वर्तमान स्थिति की जानकारी प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी को दी जाएगी, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
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