Villagers Take Pledge to Boycott Plastic to Combat Pollution in Bihar प्लास्टिक भूमि के साथ ही जल और वायु को कर रहा प्रदूषित, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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प्लास्टिक भूमि के साथ ही जल और वायु को कर रहा प्रदूषित

बिहार के नकटपुरा गांव में ग्रामीणों ने प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 'प्लास्टिक को ना कहें' अभियान की शुरुआत की। कार्यक्रम में महिलाओं ने प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफMon, 21 April 2025 05:23 PM
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प्लास्टिक भूमि के साथ ही जल और वायु को कर रहा प्रदूषित

प्लास्टिक भूमि के साथ ही जल और वायु को कर रहा प्रदूषित ग्रामीणों ने प्लास्टिक बहिष्कार करने का लिया संकल्प प्लास्टिक को ना कहें अभियान हुआ शुरू, लोगों को किया गया जागरूक के तहत पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित फोटो : प्लास्टिक : बिहारशरीफ प्रखंड के नकटपुरा गांव में प्लास्टिक के थैले का उपयोग न करने की शपथ लेती महिलाएं। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। प्लास्टिक भूमि के साथ ही जल और वायु को प्रदूषित कर रहा है। इसका असर गाय, कुत्ता, बकरी व अन्य जानवरों के साथ ही अन्य छोटे-छोटे जीव जंतुओं पर भी पड़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रखंड के नकटपुरा गांव में सोमवार को ग्रामीणों ने प्लास्टिक बहिष्कार करने का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने प्लास्टिक को ना कहें अभियान की शुरुआत की। साथ ही लोगों को जागरूक किया। बाल विकास परियोजना की सीडीपीओ पूनम कुमारी ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना तथा भूगर्भ जल संरक्षण के महत्व को समझाना था। उन्होंने कहा कि एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक हैं। प्लास्टिक न केवल भूमि को प्रदूषित करता है, बल्कि यह जल स्रोतों को भी विषाक्त बनाता है। इससे मानव ही नहीं, पशु-पक्षियों को भी भारी हानि होती है। महिला पर्यवेक्षिका नीलू कुमारी ने कहा कि प्लास्टिक थैलियों का प्रयोग आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह न केवल नालियों को जाम करता है, बल्कि इसके जलने से निकलने वाला धुआं भी वायुमंडल को प्रदूषित करता है। हमें अपने दैनिक जीवन में कपड़े या जूट के थैले इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए। इसमें विशेष रूप से भूगर्भ जल संरक्षण पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। यह भविष्य में एक बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) अपनाकर हम पानी को बचाने का प्रयास करें। रैली निकाल लोगों को जागरूक किया गया। रैली में लोगों ने प्लास्टिक को ना कहें, हरियाली बढ़ाएं, पृथ्वी बचाएं जैसे नारे लगाकर ग्रामीणों को जागरूक किया।

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