Patna Bus Stand Passengers Suffer in 37 C Heat with No Basic Amenities सिंडिकेट नहर बस पड़ाव पर बुनियादी सुविधाएं नदारद, Buxar Hindi News - Hindustan
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सिंडिकेट नहर बस पड़ाव पर बुनियादी सुविधाएं नदारद

पटना के सिंडिकेट नहर पुलिया स्थित बस पड़ाव पर यात्रियों को पेयजल, शौचालय और बैठने की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। 37 डिग्री तापमान में यात्री खुले आसमान के नीचे बस और टेम्पू का इंतजार कर रहे हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरSun, 4 May 2025 08:24 PM
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सिंडिकेट नहर बस पड़ाव पर बुनियादी सुविधाएं नदारद

पेज चार की लीड, पटना प्लान ----- समस्याएं 37 डिग्री तापमान के भीषण गर्मी, धूप व लू के बीच खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस व टेम्पू का इंतजार करना किसी सजा से कम नहीं है पेयजल, शौचालय, बैठने के साथ खाने तक का इंतजाम नहीं है छोटी-बड़ी गाड़ियों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है 03 दशक से मुख्य सड़क के किनारे ही संचालित हो रही बस पड़ाव फोटो संख्या-17, कैप्सन- शहर के सिंडिकेट के पास स्थित बस स्टैंड में उड़ता धूल और फैला कचरा। बक्सर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। बीते कई वर्षों से शहर के सिंडिकेट नहर पुलिया के समीप स्थित बस पड़ाव बदहाली का दंश झेल रहा है।

यहां यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, बैठने और खाने तक का इंतजाम नहीं है। यहां तक की किसी तरह का किराया चार्ट भी नहीं लगा है। यात्रियों की मानें तो यहां तय मानक से अधिक किराया वसूला जाता है। हालांकि बस कर्मियों का कहना है कि तय मानक के अनुरूप ही यात्रियों से किराया लिया जाता है। यात्रियों का कहना है कि बस सहित छोटी-बड़ी गाड़ियों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है। ऐसे में उमस भरी गर्मी में यात्रियों को यात्रा में परेशानी होती है। बस पड़ाव के हालात देख ऐसा लगता है मानों नगर परिषद व जिला प्रशासन की उदासीनता के वजह से बस पड़ाव का अस्तित्व ही धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को आपके अपने ‘हिन्दुस्तान ने जब सिंडिकेट नहर पुलिया बस पड़ाव का पड़ताल की, तो पाया कि बक्सर से सिमरी व इसके मार्ग में पड़ने वाले इलाके की वाहनें ही खड़ी रहती है। जगह के अभाव यह बस पड़ाव बीते दो-तीन दशकों से मुख्य सड़क के किनारे ही संचालित हो रही है। पूरे परिसर में चारों तरफ कचरा व गंदगी पसरा मिला। वहीं मुख्य सड़क पर छोटी-बड़ी गाड़ियों के आवागमन से बसों के इंतजार में खड़े यात्री धूल फांकने को मजबूर है। कहने को तो यह सिमरी आने-जाने का बस पड़ाव है, लेकिन यहां यात्री शेड भी नदारद है। वाहनों का इंतजार करने वालों के लिए 37 डिग्री तापमान के भीषण गर्मी, धूप व लू के बीच खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस व टेम्पू का इंतजार करना किसी सजा से कम नहीं है। खड़े इसलिए क्योंकि बैठने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है। ना हीं पेयजल के लिए कहीं मिनरल वाटर मशीन और चापाकल ही लगे है। उमस भरी गर्मी में यात्रियों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। कई बार महिलाएं व बच्चें पानी के लिए तरस जाते है। इसके कारण आसपास स्थित फुटपाथी दुकानदार बोतलबंद पानी बेचकर खूब चांदी काट रहे है। रोज दो हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना बस पड़ाव के ब्रह्माचारी सिंह, नंदलाल यादव, श्रीभगवान, राजेश सिंह, कमलेश पाण्डेय, अरविंद सिंह, राजू सिंह व जितेंद्र यादव ने बातचीत के क्रम में बताया कि यहां से हर रोज तकरीबन दो हजार या इससे अधिक यात्री सोनवर्षा, मझरियां, रामोबरिया, राजपुर व सिमरी सहित अलग-अलग इलाके से जिला मुख्यालय आना-जाना करते है। करीब दो दर्जन बसें व कई छोटी-बड़ी सावर्जनिक वाहनों का यहां पड़ाव रहता है। बताया कि यहां सबसे बड़ी परेशानी शौचालय की है। यूरिनल व शौचालय की व्यवस्था नहीं होनें से यात्रियों व कर्मचारियों को नहर किनारे व खुले में मल-मूत्र करना पड़ता है। महिलाओं को शौच करने में शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। बस पड़ाव के दूर-दूर तक कहीं भी नगर परिषद द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है। दिनभर यात्रियों से गुलजार रहने वाला यह बस पड़ाव अति व्यस्त रहने वाले गोलंबर-ज्योति चौक बाईपास सड़क के किनारे मौजूद है। इसके ठीक कुछ मीटर की दूरी पर शहर के मेन रोड में जाने का मार्ग स्थित है। प्रतिक्षालय और शेड जैसे मूलभूत आवश्यकताएं नहीं शहर का यह महत्वपूर्ण बस पड़ाव आजतक शुद्ध पेयजल व शौचालय सहित यात्रियों के लिए प्रतिक्षालय और शेड जैसे मूलभूत आवश्यकताओं की कमी से जुझ रहा है। लेकिन यात्री सुविधाओं के नाम पर स्थिति शून्य दिखती है। आश्चर्य इस बात का है कि यहां नप का एकमात्र यात्री शेड बना हुआ है। जो बेकार व खस्ताहाल स्थिति में है। इसमें न पंखा है और न बिजली। गर्मी में पसीने से तर-बतर होकर यात्री मजबूरन यहां बैठकर बसों के आने का इंतजार करते हैं। बस पड़ाव में थोड़ी सी बारिश होते ही कीचड़ जमा हो जाता है। यहां पर बस का इंतजार कर रहे यात्री राजकुमार प्रसाद, गीता देवी, राहुल कुमार ने कहा कि सरकार को बस पड़ाव में जरूरी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए। यात्री शेड में पंखा की व्यवस्था होनी चाहिए। साफ-सफाई बहुत जरूरी है। बस पड़ाव पर जहां यात्रियों के लिए सुविधाओं में कमी है। वहीं यहां के कर्मियों के लिए भी बहुत कुछ नहीं है।

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