Youth Exposed DEO Investigation Reveals Misuse of Government Funds in Schools जांच में खुलने लगी समरसेबुल और शौचालय निर्माण की सच्चाई, Buxar Hindi News - Hindustan
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जांच में खुलने लगी समरसेबुल और शौचालय निर्माण की सच्चाई

जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय की जांच में सरकारी विद्यालयों में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। कई विद्यालयों में शौचालयों की स्थिति खराब है और कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र झूठा पाया गया है। संवेदक...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरMon, 14 April 2025 09:01 PM
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जांच में खुलने लगी समरसेबुल और शौचालय निर्माण की सच्चाई

युवा के लिए ---- खुलासा डीईओ की जांच में सामने आयी गड़बड़ी, कहीं नहीं दिख रहा कार्य संवेदक से मिलीभगत कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है बक्सर, हमारे संवाददाता। सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संचरना को मजबूत करने के लिए विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किया गया। सभी विद्यालयों में बेंच-डेस्क, समरसेबुल, शौचालय आदि का निर्माण कराया गया। यह सभी कार्य अभियंता की देखरेख में कराया गया। परंतु इसकी सच्चाई अब उजागर होने लगी है। पिछले दिनों जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय ने कई विद्यालयों को निरीक्षण किया था। जिसमें अनियमितता सामने आई है। मध्य विद्यालय सवना के निरीक्षण में असैनिक कार्यों जैसे विद्युतीकरण, बोरिंग, किचेन शेड की मरम्मत आदि में अनियमितता मिली है। संवेदक से मिलीभगत कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है। कार्य पूर्ण नहीं हुआ था। फिर भी कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र दे दिया गया। चौसा स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय में सबमर्सिबल पम्प युक्त बोरिंग होने के बावजूद शौचालय में रनिंग वॉटर नहीं था। शौचालय अत्यंत ही गंदा पाया गया। साफ-सफाई नहीं होती है। लेकिन सफाई कर्मी के विपत्र का भुगतान आपके द्वारा वेंडर से मिलीभगत करके कराया जाता है। वहीं अखौरीपुर गोला मध्य विद्यालय में वर्ग 03 का फर्श टूटा हुआ पाया गया। इसकी मरम्मत नहीं करायी गयी। जबकि कम्पोजिट ग्रांट की राशि विद्यालय को भेजी गयी। विद्यालय परिसर में एक भी क्रियाशील शौचालय नहीं पाया गया। जबकि नामांकित बालिकाओं के साथ साथ कुल 07 महिला शिक्षिका भी पदस्थापित हैं। एक भी क्रियाशील शौचालय नहीं होने के बावजूद हाउसकीपिंग एजेन्सी के कर्मी के नाम पर भुगतान हो रहा है। ठोरा प्राथमिक विद्यालय में एक नवनिर्मित शौचालय भवन पाया गया। जिसका उपयोग नहीं हा रहा है। शौचालय के निर्माण में मानकों की अनदेखी की गयी है। सेप्टिक टैंक बहुत ही खराब बना है। स्पष्ट प्रतीत होता है कि शौचालय निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी है। शौचालय में साफ-सफाई नहीं होती है। फिर भी राशि का भुगतान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर यह बात सामने आ रही है कि हर माह अधिकारी विद्यालयों का निरीक्षण करते थे। तब यह सब बातें उजागर नहीं हुई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यदि जिले के सभी विद्यालयों की जांच करायी जाएगी। तब और भी शौचालय व समरसेबुल निर्माण में अनियमितता सामने आएगी।

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