Cousin brother worked in Bihar Police for 41 years on the basis of one certificate revealed after retirement एक सर्टिफिकेट पर बिहार पुलिस में 41 साल नौकरी करते रहे फुफेरे भाई, रिटायरमेंट के बाद हुआ खुलासा, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिहार न्यूज़Cousin brother worked in Bihar Police for 41 years on the basis of one certificate revealed after retirement

एक सर्टिफिकेट पर बिहार पुलिस में 41 साल नौकरी करते रहे फुफेरे भाई, रिटायरमेंट के बाद हुआ खुलासा

बिहार में फर्जीवाड़े का ऐसा मामला सामने आया है। जब एक ही सर्टिफिकेट पर बिहार पुलिस में ममेरे-फुफेरे भाई 41 साल तक नौकरी करते रहे। खुलासा तब हुआ जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए दस्तावेज जमा किए। अब ईओयू मामले से जुड़े जालसाजों व सरकारी कर्मियों की पहचान करेगा।

sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSun, 13 April 2025 10:47 PM
share Share
Follow Us on
एक सर्टिफिकेट पर बिहार पुलिस में 41 साल नौकरी करते रहे फुफेरे भाई, रिटायरमेंट के बाद हुआ खुलासा

बिहार पुलिस में एक ही नाम, पता, जन्म तिथि, पैन कार्ड और शारीरिक माप पर दो फुफेरे-ममेरे भाइयों के सिपाही पद पर बहाल होने का रोचक मामला आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने दर्ज किया है। दोनों भाइयों ने अलग-अलग जिलों में करीब 41 साल नौकरी करते हुए दारोगा से रिटायरमेंट ली। मामले का खुलासा तब हुआ जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए शिवहर कोषागार में दस्तावेज जमा किए, जबकि एक भाई पहले ही रोहतास कोषागार से पेंशन उठा रहा था। अब ईओयू मामले से जुड़े जालसाजों व सरकारी कर्मियों की पहचान करेगा।

दरअसल, रोहतास के चौडीहरा गांव के विक्रमा सिंह ने 1982 में कटिहार जीआरपी के साथ ही रोहतास जिला बल की सिपाही बहाली में सफलता हासिल की थी। मगर उन्होंने कटिहार जीआरपी में योगदान किया और 2023 में गया से रिटायर हुए। वहीं, शिवहर से भी विक्रमा सिंह नामक दारोगा रिटायर हुए हैं, जिनके पिता का नाम, स्थाई पता, जन्म तिथि, पैन नंबर, ऊंचाई व छाती का माप आदि बिलकुल समान है।

ये भी पढ़ें:कांग्रेस के टिकट के नाम पर फर्जीवाड़ा, राहुल गांधी का पीएस बन 2 लाख की ठगी
ये भी पढ़ें:बिहार में बाढ़ राहत शिविर के बिल में फर्जीवाड़ा, खानपान और पंडाल में गड़बड़ी

सिर्फ दोनों के आधार नंबर, बैंक खाता नंबर और प्रथम योगदान स्थल में अंतर दिखा। शिवहर से रिटायर हुए विक्रमा सिंह की प्रथम नियुक्ति रोहतास जिला बल में सिपाही पद पर हुई थी। लेकिन, जांच में शिवहर से रिटायर विक्रमा सिंह की पहचान कैमूर के आटडीह गांव निवासी राजेंद्र सिंह के रूप में की गयी, जो कि रिश्ते में गया से रिटायर विक्रमा सिंह के ममेरे भाई निकले।