Patients Face Struggles at DMCH Super Specialty Hospital Due to Non-Functional Elevators चौथी मंजिल पर हृदय रोग विभाग पहुंचने में हांफने लगते हैं मरीज, Darbhanga Hindi News - Hindustan
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चौथी मंजिल पर हृदय रोग विभाग पहुंचने में हांफने लगते हैं मरीज

दरभंगा के डीएमसीएच सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हृदय रोग के मरीजों को लफ्टि के बंद होने के कारण 105 सीढ़ियां चढ़कर चौथी मंजिल तक जाना पड़ता है। मरीजों की सांस फूलने लगती है और उन्हें इलाज में...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाFri, 18 April 2025 03:55 AM
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चौथी मंजिल पर हृदय रोग विभाग पहुंचने में हांफने लगते हैं मरीज

दरभंगा। डीएमसीएच के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हृदय रोग के मरीजों को भारी फजीहत उठानी पड़ रही है। वहां की अधिकतर लफ्टि के बंद रहने से इलाज को आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को 105 सीढ़ियां चढ़कर भवन की चौथी मंजिल तक जाना पड़ता है। सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते मरीजों की सांस फूलने लगती हैं। भवन के कोने में लगी एक लफ्टि ही फिलहाल कार्यरत है। हालांकि लफ्टि कर्मी के अक्सर नदारद रहने से मरीजों को सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। गुरुवार को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की छह लफ्टि बंद थीं। एक लफ्टि ही काम कर रही थी। हालांकि लफ्टि चालक के वहां नहीं रहने पर मरीज उसके इस्तेमाल के लिए हम्मित नहीं जुटा पा रहे थे। मजबूरन हृदय रोग से पीड़ित मरीज धीरे-धीरे सीढ़ी चढ़कर चौथी मंजिल पर स्थित कार्डियोलॉजी विभाग की ओर बढ़ रहे थे। हांफने पर सीढ़ी पर कुछ देर बैठकर सांस लेते। हांफते-हांफते एक दर्जन से अधिक मरीज विभाग तक पहुंचे। इनमें कई मरीज इको जांच कराने पहुंचे थे। कर्मियों ने उन्हें कुछ देर आराम करने की सलाह दी ताकि उनकी रिपोर्ट सही आ सके।

बलभद्रपुर से आई मरीज के परिजन शंभू कुमार ने बताया कि सीढ़ी चढ़ने के दौरान कई बार मेरी मां थककर बैठ गईं। उन्हें तेज गति से सांस लेते देख हम घबरा गए। फिर कुछ देर बाद कुछ आराम हुआ तो वो रेलिंग पकड़ कर सीढ़ियां चढ़ने लगी। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चौथे फ्लोर पर मौजूद कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचने तक इन्हें 105 सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ा। एक अन्य मरीज के परिजन लाल बाबू पासवान ने बताया कि उनकी पत्नी हार्ट की पेशेंट है। रात से ही बार-बार घबराहट महसूस होती थी। सुबह विभाग में दिखाने पहुंचे तो मरीज को कई सीढ़ियां चढ़कर विभाग तक पहुंचना पड़ा।

डाक्टर साहब ने दवा लिखी। जिसे लेने काउंटर पर पहुंचे तो मालूम हुआ कि दवा नहीं है। उन्होंने बताया कि पेशेंट को भर्ती करा इलाज करने की आवश्यकता है पर यहां मरीज के लिए पूर्ण व्यवस्था नहीं है। इसलिए निजी अस्पताल जा रहे हैं। ऐसी ही बात मधुबनी जिले से अपनी मां को दिखाने पहुंचे राम पुकार भी बताते हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट के उपचार के नाम पर यहां डॉक्टर दवा लिखते हैं। अधिकांश दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है। जो मिलती नहीं है। जांच के नाम पर सर्फि ईको की सुविधा उपलब्ध है। बाकि उपचार के लिए कहां जाए समझ नहीं आ रहा है। हृदय रोग के गंभीर मरीजों को चार मंजिले भवन तक सीढ़ियों से जाना खतरनाक है। चढ़ते-चढ़ते सांस फूल जाता है। बुजुर्ग मरीजों की स्थिति तो और भी खराब रहती है। मरीज और परिजनों ने जल्द लफ्टि की सुविधा बहाल करने की मांग की है।

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मानव बल की बहुत कमी है। इस सिलसिले में विभाग को लिखा गया है। सभी लफ्टि को अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है। मरीजों को विभाग तक पहुंचने में परेशानी नहीं हो, इसे सुनश्चिति करने के लिए आवश्यक पहल की जाएगी।

-डॉ. सुरेंद्र कुमार, उपाधीक्षक, डीएमसीएच

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