25 नवंबर 2017 की वो काली रात, मां, पापा और भाई की हत्या, बहन से गैंगरेप; कोर्ट का फैसला जानें
- बिहपुर के झंडापुर में 25 नवंबर 2017 की रात यह दिल दहलाने वाली घटना घटित हुई थी। तिहरे हत्याकांड का केस उस परिवार में बचे बेटे के बयान पर दर्ज किया गया था। कोर्ट ने इस मामले में कठोर सजा सुनाई है।

भागपुर के बिहपुर अंतर्गत झंडापुर में गैंगरेप के बाद नाबालिग की हत्या मामले में कोर्ट ने कांड के अभियुक्त मो. सद्दाम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एडीजे सप्तम सह पॉक्सो के विशेष जज प्रणव कुमार भारती की अदालत ने शुक्रवार को अभियुक्त को सजा सुनाई। इस कांड में सरकार की तरफ से बहस करने वाले पॉक्सो के विशेष पीपी नरेश राम और जयकरण गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने हत्या और पॉक्सो एक्ट में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर दोनों ही धाराओं में 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर उसे छह-छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अन्य धारा में भी उसे 10 साल की सजा सुनाई गई। सभी सजा साथ-साथ चलेंगी।
बिहपुर के झंडापुर में 25 नवंबर 2017 की रात यह दिल दहलाने वाली घटना घटित हुई थी। तिहरे हत्याकांड का केस उस परिवार में बचे बेटे के बयान पर दर्ज किया गया था। आवेदन में उसने कहा था कि 25 नवंबर 2017 की रात घर के प्रमुख सदस्य 55 वर्षीय पिता को मार डाला था। फिर 50 वर्षीय मां को मारा। घर में मौजूद 13 वर्षीय बहन और एक 12 वर्षीय भाई पर भी धारदार हथियार से हमला किया। मौके पर पिता और मां ने दम तोड़ दिया था। जख्मी हालत में भाई और बहन बचे थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था जहां उपचार के क्रम में छोटे भाई ने भी दम तोड़ दिया था।
लगभग एक माह के इलाज के दौरान जख्मी बहन को होश आया तो उसने एसपी के समक्ष जो बयान दिया था उससे मुकदमे में नया मोड़ आया था। उसके बयान पर यह जानकारी सामने आई कि हत्या के पूर्व सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था। इस जानकारी के बाद मुकदमे में पॉक्सो एक्ट भी जुड़ गया था।
कांड के अन्य अभियुक्तों को पहले मिल चुकी है सजा
झंडापुर में सामूहिक दुष्कर्म और तिहरे हत्याकांड के अन्य दोषियों को पहले भी कोर्ट सजा सुना चुकी है। 28 मई 2022 आरोपी अमन झा को ताउम्र कारावास की सजा सुनाई गई थी। नवंबर 2019 में उसी तिहरे हत्याकांड में चार अभियुक्तों को उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई थी। जिन अभियुक्तों को सजा सुनाई गई थी उनमें बलराम राय उर्फ बाले राय, मोहन सिंह, कन्हैया झा उर्फ रोहित कुमार और मुहम्मद महबूब शामिल थे। न्यायाधीश ने हत्या और नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की पॉक्सो धारा में अभियुक्तों को सजा सुनाई थी।