राजनीतिक और आर्थिक भागीदारी के लिए पंचायती राज है प्रासंगिक : डॉ रौशन
हाजीपुर में पंचायती राज दिवस पर 'विकसित भारत 2047: पंचायती राज की भूमिका' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। दिल्ली विवि के डॉ रौशन शर्मा ने ऑनलाइन व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें पंचायती राज की राजनीतिक...

हाजीपुर । संवाद सूत्र पंचायती राज दिवस के अवसर पर गुरुवार को जमुनी लाल महाविद्यालय हाजीपुर में विकसित भारत 2047: पंचायती राज की भूमिका, विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शुभारंभ प्राचार्य डॉक्टर नंदकिशोर प्रसाद एवं अन्य शिक्षकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संगोष्ठी के मुख्यवक्ता दिल्ली विवि, दिल्ली डॉ रौशन शर्मा ने ऑनलाइन व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ रौशन शर्मा ने राजनीतिक और आर्थिक भागीदारी के लिए पंचायती राज को प्रासंगिक बताया। साथ ही पंचायती राज व्यवस्था को प्राचीन भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए पुरातन व्यवस्था के अनुरूप नए ढांचे में संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की बात कही। उन्होंने चोल वंश से लेकर स्वतंत्रता के बाद सामुदायिक विकास कार्यक्रम, बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिश, अशोक मेहता की सिफारिश, राव समिति की सिफारिश एलएम सिंघवी की सिफारिश का विशद वर्णन करते हुए 73वें संविधान संशोधन पर प्रकाश डाला। पंचायती राज प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण पर आधारित राजनीतिक सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने वाला साथ ही महिला सशक्तिकरण और सामाजिक क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाला एक सशक्त माध्यम रहा है। इस मौके पर प्रो. प्रीति कुमारी, डॉ निर्मला कुमारी, डॉ छोटेलाल गुप्ता, डॉ दीपशिखा चौधरी, डॉ विभा कुमारी, डॉ कुमारी कंचन, डॉ सुमत कुमारी, डॉ ज्योति सिंहा, डॉ कुमारी सरोज, डॉ चिरंजीवी, अभिषेक कुमार, मोनू, राजीव कुमार सिंह, राजीव, शहजादा, शंभू आदि की उपस्थिति रही।
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