सवाल इमरती तो जवाब जलेबी ही होगा, तेजस्वी को विजय चौधरी ने लपेटा; नंदकिशोर यादव क्या बोले?
- विधानसभा में मंत्री विजय चौधरी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच बहस हुई। तेजस्वी यादव ने विजय चौधरी पर तंज कसा तो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को चतुराई से लपेट लिया।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष को खूब सुनाया। उन्होंने कहा कि गरीब तबके के लिए हमारी सरकार ने 65 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया लेकिन बीजेपी आरक्षण चोर पार्टी है। अगर हिम्मत है तो अभी इसे नौवीं अनुसूचि में डाले। इसके लिए अगर जरूरत पड़े तो सदन का कार्यकाल बढ़ा दिया जाए और नया विधेयक लाया जाए। 65 परसेंट नहीं 75 परसेंट का विधेयक लाए हम लोग पास करेंगे और केंद्र को भेजकर 24 घंटे में इसे शेड्यूल नाइन में डाला जाए। उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। तेजस्वी यादव ने विजय चौधरी और विजेंद्र यादव पर तंज कसा तो विजय चौधरी ने भी नेता प्रतिपक्ष को लपेट लिया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री तो सदन में मौजूद नहीं हैं लेकिन उनके अनुआयी लोग बैठे हुए हैं। विजय चौधरी और विजेंद्र यादव से पूछना चाहते हैं कि आरक्षण को नौवीं अनुसूचि में क्यों नहीं डाला गया। 9 महीने से क्यों इसे लटका कर रखा गया है। देश भर में जातीय गणना होना चाहिए या नहीं। इस पर विजय कुमार चौधरी खड़े हो गए। उन्होंने तेजस्वी से पूछा कि यह बात सुना रहे हैं या पूछ रहे हैं। यदि पूछ रहे हैं तो जवाब दें। इस पर तेजस्वी ने कहा कि आप तो सवाल करने पर आपके जवाब में भी जवाब नहीं रहता है, खाली गोल गोल रहता है जलेबी की तरह।
इसके बाद विजय चौधरी फिर से खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि कहा कि अगर सवाल इमरती रहेगा तो जवाब जलेबी ही मिलेगा। विजय चौधरी का जवाब सुनकर सभी हसने लगे। स्पीकर नंद किशोर यादव ने दोनों के वाद विवाद के बीच हस्तक्षेप किया। उन्होंने तेजस्वी यादव से कहा कि अब आपके पास मात्र पांच मिनट का समय है। जल्द अपनी बात कह लीजिए।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर जमकर प्रहार किया। कहा कि आप लोगों के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। सेंट्रल गवर्नमेंट को बिहार से पता नहीं क्या परेशान है कि एक कारखाना खोला नहीं और बेगूसराय का मक्का अनुसंधान केंद्र कर्नाटक ले जाने के फिराक में लग गए। जब हमने यह मुद्दा उठाया तो केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे रोकने की जानकारी दी। दिसम्बर में चिट्ठी निकाली गई। वह चिट्ठी नकली थी तो हम पर केस कर देना चाहिए।